दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और ओम बिरला फिर आमने-सामने हो गए। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि जब वह सदन में बोलते हैं तो उनका माइक बंद कर दिया जाता है। कांग्रेस के इन आरोप पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जवाब दिया है। ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि बाहर आरोप लगाते हैं कि पीठासीन अधिकारी माइक बंद कर देते हैं। आपको कई साल हो गए और आपको अनुभव है। आप पुराने सदन में थे और नए सदन में भी हैं। आपको पता होगा कि माइक का रिमोट आसन के पास नहीं होता। इसलिए इस तरह का आरोप नहीं लगा सकते हैं।
स्पीकर ओम बिरला ने इसके बाद कांग्रेस सांसद के सुरेश का भी जिक्र करते हुए कहा सुरेश जी भी यहां बैठते हैं। लेकिन उनसे पूछा कि वहां कोई कंट्रोल है क्या। इसके बाद उन्होंने खुद उनसे पूछ लिया कि स्पीकर के आसन के पास कोई बटन होता है क्या। इस पर सुरेश ने मना किया तो फिर स्पीकर ओम बिरला ने कहा देखो कोई बटन नहीं है
ओम बिरला बोले आसान से माइक बंद नहीं किए जाते
ओम बिरला ने फिर बताया कि आसान से सिर्फ व्यवस्था दी जाती है। हम माइक बंद नहीं करते हैं। आसन से व्यवस्था के अनुसार माइक का कंट्रोल चलता है। इसके पहले शुक्रवार को भी कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि लोकसभा में नीट पेपर लीक पर चर्चा की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का माइक बंद किया गया। कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा जहां एक ओर नरेंद्र मोदी नीट पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। उस वक्त विपक्ष के नेता राहुल गांधी युवाओं की आवाज सदन में उठा रहे हैं। लेकिन ऐसे गंभीर मुद्दों पर माइक बंद करने जैसी ऊंची हरकत करके युवाओं की आवाज को दबाने की साजिश की जा रही है।
कांग्रेस ने सोशल साइट एक्स पर वीडियो किया शेयर
कांग्रेस द्वारा शेयर किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि राहुल गांधी लोकसभा में अपनी बात रख रहे थे कि अचानक उनके माइक से आवाज नहीं आती। इसके बाद विपक्षी दलों के नेता माइक माइक बोलने लगते हैं। जिस पर स्पीकर कहते हैं कि मैं माइक बंद नहीं करता हूं। पूर्व में आपको व्यवस्था दी गई थी। इस पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने नियमों का हवाला देते हुए कहा था कि राष्ट्रपति के अभी भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान स्थगन प्रस्ताव के नोटिस नहीं लिए जाते। उन्होंने राहुल गांधी से संसदीय व्यवस्था का पालन करने का आग्रह करते हुए कहा कि आप विपक्ष के नेता हैं और इसलिए आप संसदीय व्यवस्था का पालन करेंगे।