भाजपा से सियासी बदला लेने की रणनीति बना रहे पूर्व सीएम हेमंत सोरेन, रचा जा रहा राजनीतिक चक्रव्यूह
रांची: जेल से बाहर आते ही पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राजनीतिक दांव पेच लगाने में जुट गए हैं। उनका निशाना आगामी विधानसभा चुनाव हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधानसभा चुनाव में भाजपा को पटखनी देकर अपना सियासी बदला लेने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। झामुमो का थिंक टैंक राजनीतिक चक्रव्यूह रचने में जुट गया है। इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। इसी बीच खबर आई है कि मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस)का जेएमएम में विलय होगा।
झामुमो निकालेगी आभार यात्रा
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रणनीति बनाई है कि जेल से बाहर आने के बाद वह पूरे झारखंड का दौरा करेंगे। उनकी पार्टी आभार यात्रा निकलेगी। इस आभार यात्रा के सहारे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आम लोगों से जुड़ेंगे और लोगों को बताएंगे कि बीजेपी किस तरह आदिवासियों के खिलाफ काम कर रही है। जेल जाने और फिर जमानत पर बाहर आने के बाद हेमंत सोरेन की इमेज एक संघर्षशील और मजबूत नेता की बन गई है, जो भाजपा के दबाव में नहीं झुका। अब पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बीजेपी को खुलकर चुनौती दे रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में झामुमो की सियासी ताकत और बढ़ेगी।
झामुमो का मासस में विलय का इंडिया महागठबंधन को मिलेगा फायदा
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का राजनीतिक कद बढ़ गया है। इसी के चलते मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) अपनी पार्टी का झामुमो में विलय करने पर विचार कर रही है। बताते हैं कि धनबाद इलाके के निरसा, सिंदरी, चंदन क्यारी, झरिया और बोकारो विधानसभा क्षेत्र में मासस का खासा असर है। मासस के टिकट पर अरूप चटर्जी साल 2014 में विधायक चुने गए थे। लेकिन साल 2019 में वह हार गए। 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले ही मासस अपनी पार्टी का झामुमो में विलय करना चाहती है। माना जा रहा है कि अगर मासस का झामुमो में विलय हुआ तो झारखंड में इसकी ताकत में और इजाफा हो जाएगा और इसका फायदा आगामी विधानसभा चुनाव में इंडिया महागठबंधन को मिलेगा
भाजपा माले से भी चल रही मासस नेताओं की बात
कहा जा रहा है की मासस के नेताओं की बात भाकपा माले से भी चल रही है। अगर झामुमो से बात नहीं बन पाती है तो मासस का बीजेपी माले में भी विलय हो सकता है। भाकपा माले के विधायक विनोद सिंह गिरीडीह के बगोदर से विधायक हैं। वह कोडरमा लोकसभा सीट भर भी चुनाव लड़े थे। कहा जा रहा है कि भाकपा माले की तरफ से विधायक विनोद सिंह मासस के संपर्क में हैं।