जानें लोकसभा में अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद को क्यों आगे की सीट पर बैठाया गया, वजह जानकर चौंक जाएंगे आप
लखनऊ : लोकसभा में अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद को क्यों आगे की सीट पर बैठाया गया। ‘पढ़ेगा इंडिया’ ने इसकी पड़ताल की। पड़ताल में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। क्या है लोकसभा में सीटों का फार्मूला। अयोध्या के सांसद को आगे कर विपक्ष ऐसा कर क्या सियासी मकसद हासिल करना चाहता है। समाजवादी पार्टी सपा अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद को आगे कर अपने सियासी लक्ष्य साधने की कवायद में जुट गई है। सपा के मुखिया अखिलेश यादव हर मोर्चे पर अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद को अहमियत देते हैं। लोकसभा में भी उन्हें आगे बैठाया गया ताकि, वह चर्चा में बने रहें। सपा ने अपना ये मकसद हासिल भी कर लिया। लोकसभा में आगे की सीट पर राहुल गांधी और अखिलेश यादव के साथ अयोध्या के सांसद अवधेष प्रसाद भी बैठे थे। भाजपा लोकसभा चुनाव में अयोध्या में अपनी हार पचा नहीं पा रही है। अयोध्या में भाजपा की हार से उसकी काफी किरकिरी हुई है। विपक्ष इसे लिए अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद को आगे कर रहा है ताकि भाजपा के अयोध्या में हुई उनकी हार याद दिलाई जाती रहे। आइए जानते हैं कि लोकसभा में सांसदों के लिए सीट कौन तय करता है। या फिर सांसद अपनी पसंद की सीट चुन कर उस पर बैठ जाते हैं।
क्या होता है लोकसभा का सीटिंग एरेंजमेंट
लोकसभा में कौन सा सांसद कहां बैठेगा यह पहले से तय होता है और सांसद अपनी ही सीट पर जाकर बैठते हैं। संसद में किसी भी सांसद के बैठने की सीट उसकी पार्टी की संख्या के आधार पर तय होती है। संसद में सांसदों के बैठने के कई ब्लाक्स होते हैं और पार्टी के सदस्यों की संख्या के आधार पर उनके ब्लाक तय किए जाते हैं। जिन पार्टी के पांच से कम सांसद हैं उनके लिए अलग और जिन पार्टी के पांच से अधिक सांसद हैं उनके लिए अलग व्यवस्था होती है। इसके बाद निर्दलीय सांसदों को जगह दी जाती है।
स्पीकर के दाईं तरफ बैठता है सत्ता पक्ष
लोकसभा में पक्ष और विपक्ष के आधार पर सीट तय की जाती है। सत्त पक्ष के सांसद स्पीकर के दायीं तरफ बैठते हैं। स्पीकर के बाएं हाथ की तरफ विपक्ष की सीट होती है। दायीं तरफ ही डिप्टी स्पीकर की सीट होती है और उसी के पास विपक्ष के फ्लोर लीडर बैठते हैं। इसके बाद बाएं तरफ के सांसदों की सीट तय होती है जो विपक्ष के सांसद होते हैं।
स्पीकर के दायीं तरफ बैठे हैं बीजेपी के सांसद
इस बार स्पीकर के दायीं तरफ बीजेपी के सांसद बैठे हैं। बायीं तरफ कांग्रेस से जुड़े सांसदों की सीट है। ऊपर के ब्लाक्स में ऐसे सांसदों को जगह मिलती है जिनके सांसदों की संख्या कम होती है।
स्पीकर तय करता है कौन कहां बैठेगा
संसद में कौन सांसद कहां बैठेगा यह स्पीकर तय करते हैं। स्पीकर ही हर सांसद के लिए सीट आवंटित करते हैं और सांसद को इसी के अनुसार सदन में बैठना पड़ता है। अलबत्ता, कुछ बड़े वरिष्ठ सांसदों को उनके पसंद के अनुसार भी सीट आवंटित कर दी जाती है।