लगातार जीत के बाद झामुमो का गढ़ बन गई चाईबासा विधानसभा सीट, बेरोजगारी है क्षेत्र का सबसे बड़ा मुद्दा
चाईबासा : झामुमो के विधायक दीपक बिरुवा की हैट्रिक जीत के बाद चाईबासा विधानसभा सीट अब झामुमो का गढ़ बन गई है। यहां से साल 2009 के बाद से लगातार झामुमो के दीपक बिरुवा चुनाव जीत रहे हैं। एड़ी चोटी का जोर लगाने के बाद भी भाजपा दीपक बिरुवा को हराने में कामयाब नहीं हो सकी है। दीपक बिरुवा ने इस विधानसभा सीट से साल 2009, साल 2014 और साल 2019 में जीत दर्ज की है। इस लगातार जीत से झामुमो में दीपक बिरुवा का कद बढ़ गया है। इसी वजह से वर्तमान सरकार में दीपक बिरुवा को मंत्री बनाया गया है।
2005 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से हार गए थे दीपक
दीपक बिरुवा ने साल 2005 में चाईबासा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा थ। मगर, ये चुनाव वह भाजपा के उम्मीदवार पुतकर हेंब्रम से हार गए थे। पुतकर हेंब्रम को 23 हजार 448 मत मिले थे। जबकि, दीपक बिरुवा को 18 हजार 383 मतों से संतोष करना पड़ा था। इसके बाद साल 2009 के चुनाव में झामुमो के दीपक बिरुवा ने कांग्रेस के दिग्गज बागुन सुंब्रोई को हराया था। इस चुनाव में झामुमो के दीपक बिरुवा ने 30 हजार 274 मत मिले थे। जबकि, दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के बागुन सुंब्रोई 22 हजार 726 वोट मिले थे। इसके बाद साल 2014 के चुनाव में दीपक बिरुवा ने भाजपा के उम्मीदवार झारखंड के पूर्व सचिव जेबी तुबिद को हराया था। दीपक बिरुवा ने इस चुनाव में 68 हजार 801 मत मिले। जबकि, जेबी तुबिद को 34 हजार 86 मत मिल पाए। साल 2019 के चुनाव में दीपक बिरुवा को 69 हजार 485 मत मिले थे। जबकि, भाजपा के जेबी तुबिद को 43 हजार 326 मत मिले थे।
सिंचाई के साधन कम होने से किसान परेशान
रोजगार इस इलाके का बड़ा मुद्दा है। सिंचाई के साधन कम हैं। इस वजह से जमीन के एक बड़े हिस्से पर खेती नहीं हो पा रही है। किसानों का कहना है कि ईचा खरकई बांध परियोजना लटकी हुई है। इस योजना की शुरुआत कांग्रेस के शासनकाल में हुई थी। मगर, अब तक योजना पूरी नहीं हो पाई। इसके चलते सैकड़ों एकड़ भूमि असिंचित पड़ी है। किसानों का कहना है कि अगर योजना धरातल पर उतर जाए तो किसानों की बल्ले बल्ले हो जाएगी। तब यहां के लोग अपनी जमीन पर खेती करने लगेंगे। इससे रोजगार बढ़ेगा और यहां के लोग नौकरी की तलाश में कहीं बाहर का रुख नहीं करेंगे।
स्वास्थ्य और बिजली भी है बड़ी समस्या
इस इलाके में स्वास्थ्य और बिजली भी बड़ी समस्या है। इलाके के लोगों का कहना है कि क्षेत्र में बिजली कटौती खूब होती है। बिजली कटौती होने से खेती का भी नुकसान होता है। लोग भी परेशान होते हैं। लोगों का कहना है कि इलाके के नेताओं ने वादा किया था कि बिजली कटौती नहीं होगी। मगर, वह इसे नहीं सुधार पाए। इसके साथ ही चाईबासा में एक बड़े अस्पताल की भी कमी खलती है। चाईबासा से गंभीर मरीजों को जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। कई मरीज तो रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं।
कौन कब जीता
साल 2019 का चुनाव
झामुमो, दीपक बिरुवा, 69 हजार 485 वोट
बीजेपी, जेबी तुबिद, 43 हजार 326 वोट
जेवीएम पी , चांदमनी बलमुचू, 6808 वोट
साल 2014 का चुनाव
झामुमो, दीपक बिरुआ, 68 हजार 801 मत,
बीजेपी, जेबी तुबिद , 34068 वोट
कांग्रेस, अशोक सुंडी, 8203 वोट
साल 2009 का चुनाव
झामुमो, दीपक बिरुआ, 30 हजार 274 वोट
कांग्रेस, बागुन सुंब्रोई, 22 हजार 726 वोट
बीजेपी, मनोज लेयांगी, 19 हजार 66 वोट
साल 2005 का चुनाव
बीजेपी, पुतकर हेंब्रम, 23 हजार 448 वोट
स्वतंत्र, दीपक बिरुआ, 18383 वोट
कांग्रेस, बिमल कुमार सुंब्रोई, 15 हजार 614 वोट
साल 2000 का चुनाव
कांग्रेस, बागुन सुंब्रोई, 28 हजार 930 वोट
झामुमो, दीपक बिरुआ, 22 हजार 511 वोट
बीजेपी, जवाहर लाल बानरा, 21 हजार 466 वोट