बांग्लादेश में हिंसा के बाद इस्तीफा देकर प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़ कर भागीं, जानिए क्या करने जा रही है सेना
नई दिल्ली : भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं है। कई दिनों से चल रही हिंसा के बीच सोमवार को एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों के पीएम हाउस में घुसने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजिद को देश छोड़ना पड़ा है। देश छोड़ने से पहले उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वह सेना के विमान से देश से निकल गई हैं। हालांकि, वह कहां गई हैं इस संबंध में अलग-अलग जानकारी सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि शेख हसीना कोलकाता के रास्ते दिल्ली जा रही हैं। उनके साथ उनकी बहन रेहाना भी हैं। कहा जा रहा है कि दिल्ली से वह लंदन या फिन लैंड जाएंगी।
ढाका में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास पर कब्जा कर लिया है। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजिद के आवास में घुस गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास के अंदर आगजनी और तोड़फोड़ की है। राजधानी ढाका में चार लाख लोग सड़कों पर हैं। इस बीच प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प जारी है। सोमवार को अब तक छह लोगों के मारे जाने की खबर है। जानकारी के अनुसार बांग्लादेश में जारी हिंसा के इस दौर में अब तक 300 लोगों की जान जा चुकी है। बांग्लादेश में हो रही हिंसा की इन घटना पर केंद्र सरकार की नजर है। बंगाल की सीमा पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। बार्डर सिक्योरिटी फोर्स हालात पर निगाह रखे हुए है।
बंद कर दिया गया एयरपोर्ट
हिंसा के बीच सेना ने ढाका के इंटरनेशनल एयरपोर्ट हजरत शाहजहल एयरपोर्ट को बंद कर दिया है। प्रदर्शनकारी ढाका में हावी हो गए हैं। कहा जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के निर्माता कहे जाने वाले बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति भी तोड़ दी है। खबर आ रही है कि प्रदर्शनकारियों ने गृह मंत्री के घर में भी आग लगा दी है। प्रधानमंत्री के देश छोड़ने के बाद प्रदर्शनकारी ढाका की सड़कों पर जश्न मनाते देखे गए।
सेना ने संभाल ली सरकार की कमान
बांग्लादेश की सेना ने सरकार की कमान संभाल ली है। सेना प्रमुख का कहना है कि वह सरकार अंतरिम सरकार बनाने जा रहे हैं। गौरतलब है कि पांच जून से बांग्लादेश में विरोध की चिंगारी सुलग रही थी। पांच जून को हाईकोर्ट ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को नौकरियों में 56 फीसदी कोटा देने को कहा था। इसी फैसले के खिलाफ 12 जुलाई को बांग्लादेश में छात्रों के हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए।
गद्दार कहे जाने के बाद भड़की हिंसा
14 जुलाई को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों को गद्दार कह दिया। इसके बाद छात्र नाराज हो गए और उनका प्रदर्शन और हिंसक हो गया। 19 जुलाई को प्रदर्शन तेजी आई और एक ही दिन में 60 लोगों की मौत हो गई। 20 जुलाई को पुलिस छात्र नेता नाहिद इस्लाम को उठा कर ले गई और उनकी बुरी तरह से पिटाई की गई। हालांकि, हाईकोर्ट ने 21 जुलाई को स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को नौकरी में आरक्षण कोटा का आदेश वापस ले लिया। मगर, इससे प्रदर्शन पर कोई असर नहीं हुआ। इस घटना ने आग में घी का काम किया। इसके बाद 26 जुलाई को पुलिस ने छह अन्य छात्र नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। चार अगस्त को प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर दी। इसी बीच हिंसा भड़क गई और 100 लोग मारे गए। सोमवार को छात्रों ने ढाका कूच का नारा दिया और राजधानी पहुंच कर प्रधानमंत्री आवास पर कब्जा कर लिया। हालात बेकाबू देख शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा।