घाटशिला में भाजपा से हैं दर्जन भर दावेदार, कांग्रेस भी मार रही हाथ-पैर
जमशेदपुर : झारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने वाला है। घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में भी इसे लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। घाटिशला में भाजपा झामुमो से दो दो हाथ करने को तैयार है। इस बार भाजपा इस सीट को हथियाने के लिए रणनीति तैयार कर रही है। घाटिशला में भाजपा का टिकट किसे दिया जाए इसे लेकर भाजपा का प्रदेश नेतृत्च मंथन करने में जुट गया है।
घाटिशला से पूर्व विधयक लक्ष्मण टुडू प्रबल दावेदार
भाजपा से यहां दर्जन भर दावेदार सामने आए हैं। इनमें सबसे प्रबल दावेदार पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू माने जाते हैं। लक्ष्मण टुडू ने पहली बार इस सीट पर साल 2014 चुनाव में पहली बार भाजपा को जीत का मजा चखाया था। मगर, साल 2019 के चुनाव में पार्टी ने अंदरूनी राजनीति के चलते लक्ष्मण टुडू का टिकट काट दिया था। यहां से भाजपा ने लखन मार्डी को टिकट दिया था। मगर, लखन मार्डी झामुमो के जिलाध्यक्ष रामदास सोरेन के सामने नहीं टिक पाए थे। लखन मार्डी को पराजय का स्वाद चखना पड़ा था। अब भाजपा से लक्ष्मण टुडू ने फिर मजबूत दावेदारी पेश कर दी है। भाजपा का एक धड़ा उन्हें घाटशिला सीट से चुनाव लड़ाने के पक्ष में है।
पिछली दफा हार के बाद भी फिर ताल ठोकना चाहते हैं लखन
यहां से भाजपा के दूसरे दावेदार लखन मार्डी हैं। भले ही वह पिछले चुनाव में हार गए हों लेकिन, इस बार फिर ताल ठोंक रहे हैं। उनके समर्थक कहते हैं कि पिछली बार चुनाव में जो कमी रह गई थी। उसका लखन मार्डी ने आकलन कर लिया है। इस बार लखन मार्डी ही जीतेंगे। इसलिए उन्हें टिकट मिलना चाहिए। मगर, भाजपा के अंदर के लखन मार्डी को दरकिनार करने की कवायद चल रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि घाटशिला सीट से ऐसे उम्मीदवार को खड़ा किया जाए जो यहां से पार्टी को जीत दिला सके।
ब्रम्हानंद की डाक्टर भी हैं टिकट की दावेदार
गीता मुर्मू भी घाटशिला सीट से भाजपा के टिकट की दावेदार हैं। इसके अलावा, दामपाड़ा की जिला परिषद सदस्य देवयानी मुर्मू भी भाजपा से टिकट चाहती हैं। ब्रम्हानंद अस्पताल की डाक्टर सुनीता देवदूत सोरेन भी इस बार घाटशिला से चुनाव लड़ना चाहती हैं। इसके लिए वह टिकट पाने वालों की कतार में हैं। डाक्टर सुनीता देवदूत सोरेन घाटिशला में क्लीनिक खोले हुए हैं और हर रविवार को यहां बैठ कर मरीजों का इलाज करती हैं। डाक्टर सुनीता देवदूत सोरेन राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके श्वसुर वासपा सोरेन घाटशिला से विधायक थे। जिला परिषद सदस्य सुभाष सिंह भी भाजपा से टिकट लेने की होड़ में शामिल हैं।
कांग्रेस भी मांग रही घाटशिला की सीट
इस बार विधानसभा चुनाव में झामुमो और कांग्रेस इंडिया गठबंधन में हैं। इसलिए घाटशिला सीट से झामुमो के चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना है। सीटों के बंटवारे में घाटशिला सीट झामुमो की ही झोली में जाएगी। इसीलिए कांग्रेसी नेता सक्रिय हो गए हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता तापस चटर्जी ने घाटिशला में एक मीटिंग की है। इस मीटिंग में कांग्रेसी नेता शामिल हुए। सभी ने एक स्वर से कहा है कि घाटिशला कभी कांग्रेस का गढ़ रहा है। यहां से कई कांग्रेसी नेताओं ने जीत का परचम लहराया था। इसलिए सीटों के बंटवारे में यह सीट कांग्रेस को मिलनी चाहिए।
जिला बनाना या बंद खदानें हैं मुद्दा
घाटशिला को अलग जिला बनाने की मांग काफी पुरानी है। इस संबंध में कई बार जिला प्रशासन और सरकार के बीच पत्राचार भी हुआ है। मगर, मामला वहीं का वहीं अटका हुआ है। किसी भी राजनीतिक दल ने घाटशिला को अलग जिला बनाने की पहल नहीं की है। इसके अलावा, क्षेत्र के घाटिशला, मुसाबनी और मऊभंडार में तांबा की खदाानें बंद हैं। करीब 15 हजार मजदूर बेरोजगार बैठे हैं। इलाके के लोगों की मांग है कि घाटशिला इलाके में पड़ने वाली सभी खदानों को सरकार खुलवाए ताकि लोगों को रोजगार मिल सके।
घाटिशला में कुल वोटर- दो लाख 56 हजार 156
कब कौन जीता
साल 2019 का चुनाव
झामुमो, रामदास सोरेन, 63531 वोट
भाजपा, लखन मार्डी, 56807 वोट
साल 2014 का चुनाव
भाजपा, लक्ष्मण टुडू, 52506 वोट
झामुमो, रामदास सोरेन, 46103 वोट
साल 2009 का चुनाव
झामुमो, रामदास सोरेन, 38283, वोट
कांग्रेस, प्रदीप बलमुचू, 37091 वोट
साल 2005 का चुनाव
कांग्रेस, प्रदीप कुमार बलमुचू, 50936 वोट
स्वतंत्र, रामदास सोरेन, 34489 वोट
साल 2000 का चुनाव
कांग्रेस, प्रदीप कुमार बलमुचू, 50645 वोट
भाजपा, बैजू मुर्मू, 18769 वोट
कब कौन बना विधायक
1952- मुकुंद राम तांती, झारखंड पार्टी
1957- श्यामचरण मुर्मू, झारखंड पार्टी
1962- बास्ता सोरेन, सीपीआइ
1967- दशरथ मुर्मू, कांग्रेस
1969- यदुनाथ बास्के, झारखंड पार्टी
1972- टीकाराम मांझी, सीपीआइ
1977- टीकाराम मांझी, सीपीआइ
1980- टीकाराम मांझी, सीपीआइ
1985- करण मार्डी, कांग्रेस
1990- सूर्य सिंह बेसरा, आजसू
1991- उपचुनाव-टीकाराम मांझी, सीपीआइ
1995- प्रदीप बलमुचू, कांग्रेस
2000- प्रदीप बलमुचू, कांग्रेस
2005- प्रदीप बलमुचू, कांग्रेस
2009- रामदास सोरेन, झामुमो
2014- लक्ष्मण टुडू, भाजपा
2019- रामदास सोरेन, झामुमो