जानें क्यों लटकाना पड़ा वक्फ संशोधन बिल, राज्यसभा को लेकर क्यों बैकफुट पर आई बीजेपी
नई दिल्ली : लोकसभा ने वक्फ संशोधन विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में भेज दिया गया है। जानकार सवाल उठा रहे हैं कि भाजपा इस बिल के बारे में खूब प्रचार प्रसार कर रही थी। ऐसा लग रहा था कि इस बिल को पास कराने के बाद सरकार इसे राज्य सभा में भी पेश कर देगी। मगर, लोकसभा में विपक्ष के भारी विरोध के चलते यह बिल लटक गया है। लोकसभा में भाजपा ने भी इस बिल को लेकर ज्यादा कुछ नहीं किया। सरकार भी बैकफुट पर आ गई। जानकारों का कहना है कि अभी भाजपा के पास राज्य सभा में बहुमत नहीं है। उसे बहुमत के लिए कुछ दिनों का इंतजार करना पड़ेगा। यही वजह है कि सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक को जेपीसी में भेजने की आसानी से सहमति दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार केंद्र में आई है यह पहला मौका है जब भाजपा किसी विधेयक को लेकर बैकफुट पर आई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि ऐसा क्यों हुआ।
शीतकालीन सत्र में पास कराना चाहती है पार्टी
कहा जा रहा है कि राज्य सभा में अभी सरकार के पास बहुमत नहीं है। संसद का अगला शीतकालीन सत्र नवंबर-दिसंबर में आहूत होगा। कहा जा रहा है कि तब तक राज्यसभा में सरकार बहुमत में आ जाएगी। तीन सितंबर को राज्यसभा की 12 सीटों पर चुनाव होगा। कहा जा रहा है कि इस चुनाव में एनडीए के कई उम्मीदवार राज्य सभा में पहुंचने वाले हैं। कहा जाता है कि सरकार जानती थी कि विधेयक अभी राज्यसभा में फंस सकता है। इस वजह से ही उसे भाजपा जेपीसी में ले जाने के लिए राजी हो गई।
अभी क्या है राज्यसभा का गणित
अभी राज्य सभा में कुल 237 सदस्य हैं। बहुमत के लिए सरकार को 119 सदस्य चाहिए। जबकि, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के पास 117 सदस्य ही हैं। एनडीए को राज्यसभा में बहुमत के लिए दो सदस्य और चाहिए। अभी राज्यसभा की 8 सीटें खाली हैं। इन खाली सीटों पर जल्द चुनाव होने वाले हैं। इन 8 सीटों में से चार सीटें नामित सदस्यों की सीटें हैं। इन सदस्यों को केंद्र सरकार को ही नामित करना है। जानकारों का कहना है कि जब सरकार इन 4 सदस्यों को नामित कर देगी तो राज्यसभा में कुल सदस्य 241 होंगे। तब बहुमत के लिए 121 सदस्य चाहिए। चूंकि, सरकार 4 सदस्यों को नामित करेगी इसलिए यह सदस्य एनडीए के ही होंगे। इस तरह एनडीए के सदस्यों की संख्या 121 हो जाएगी और उसे बहुमत मिल जाएगा। इस तरह, शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में भी एनडीए का ही बहुमत होगा। तब उसे किसी बाहरी पार्टी से मदद की जरूरत ही नहीं पड़ेगी और वह अपने बूते ही बिल पास करा लेगी।
राज्यसभा में इंडिया गठबंधन की केमेस्ट्री
आइए जानते हैं कि राज्यसभा में अभी इंडिया गठबंधन की क्या केमेस्ट्री है। अभी कांग्रेस के पास राज्यसभा में 26 सदस्य हैं। राज्यसभा में अगर किसी पार्टी के पास कम से कम 25 सदस्य हैं तो उसे विपक्ष के नेता का पद मिल जाता है। अभी कांग्रेस के पास 26 सदस्य होने की वजह से मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं। अभी यहां भाजपा के पास 87 सदस्य हैं।