यूपी में 10 सीटों पर होने हैं उपचुनाव, जानें अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल को क्यों बनाया प्रभारी
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। अखिलेश सिंह यादव ने इन 10 सीटों में से छह सीटों पर प्रभारी नियुक्त कर दिया है। अखिलेश ने अंबेडकर नगर की कटेहरी सीट से अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को प्रभारी बनाया है। शिवपाल यादव से कहा है कि कटेहरी सीट समाजवाटी पार्टी के लिए काफी अहम है। इसलिए इस सीट पर हर हाल में जीत की उम्मीद है। लोकसभा चुनाव में 37 सीटें जीतने के बाद समाजवादी पार्टी के हौसले बुलंद हैं।
इन सीटों पर होना है उपचुनाव
मिल्कीपुर, करहल, सीसामऊ, कटेहरी, कुंदरकी, खैर, गाजियाबाद, फूलपुर, मंझवा और मीरापुर।
जानें कौन कहां से बना प्रभारी
समाजवादी पार्टी ने 10 सीटों में से छह सीटों पर अपने प्रभारी तैनात कर दिए हैं। इनमें कटेहरी से सपा के कद्दावर नेता शिवपाल सिंह यादव को प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा, फैजाबाद जिले की मिल्कीपुर सीट से फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद और विधान परिषद नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव, मिर्जापुर जिले की मझवां सीट से सांसद वीरेंद्र सिंह, मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री चंद्रदेव यादव, प्रयागराज जिले की फूलपुर सीट से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज और कानपुर की सीसामऊ सीट के लिए विधायक राजेंद्र कुमार को प्रभारी बनाया गया है।
विधानसभा चुनाव में भी नुकसान उठा सकती है बीजेपी
उत्तर प्रदेश की राजनीति में बीजेपी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच खटास की खबरें आती रहती हैं। लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं होने की वजह से योगी आदित्यनाथ इन उपचुनावों में दबाव महसूस कर रहे हैं। इसी बीच केंद्र से प्रदेश संगठन को साफ संदेश भेजा गया है कि उपचुनाव को पार्टी में अच्छा प्रदर्शन करना है। इसे लेकर बीजेपी इन उपचुनावों के लिए कमर कस रही है। इस वजह से इन 10 सीटों के चुनाव में कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। हालांकि, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा इन चुनावों में नुकसान उठा सकती है। मिल्कीपुर, करहल, कुंदरकी, खैर, गाजियाबाद, फूलपुर, मंझवा और मीरापुर में लड़ाई तेज होने वाली है।
शिवपाल व अखिलेश के बीच तल्खी खत्म
समाजवादी पार्टी में कद्दावर नेता शिवपाल यादव की अपने भतीजे पूर्व सीएम अखिलेश यादव के साथ नहीं बन रही थी। इसी वजह से समाजवादी पार्टी मुश्किल में थी। पार्टी को यूपी की सत्ता गंवानी पड़ी थी। शिवपाल यादव ने अपनी नई पार्टी तक बना ली थी। मगर, इस बार लोकसभा चुनाव से पहले दोनों चाचा-भतीजे के बीच मधुर रिश्ते बन गए हैं। इसी वजह से पार्टी ने यूपी में अच्छी सीटें निकाली हैं। माना जा रहा है कि चाचा-भतीजे इसी तरह साथ रहे तो यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव में भी पार्टी अच्छा करेगी। शिवपाल यादव एक मंझे राजनीतिज्ञ माने जाते हैं। उत्तर प्रदेश में जब जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो इसमें शिवपाल यादव की अहम भूमिका रहती थी। इसीलिए, शिवपाल को किंगमेकर कहा जाता है।