अब भारत में भी बिजली बेच सकेगा गोड्डा में स्थापित अडानी का पावर प्लांट, जानें बांग्लादेश में नई सरकार के बाद क्यों सांसत में था
नई दिल्ली: गोड्डा में स्थापित अडानी का पावर प्लांट भारत में भी बिजली बेच सकेगा। भारत सरकार ने प्लांट को अपने देश में ही बिजली बेचने की अनुमति दे दी है। इसके पहले यह प्लांट अपने उत्पादन की सारी बिजली बांग्लादेश को निर्यात करता था।
इस पावर प्लांट ने अपना पूरा उत्पादन बांग्लादेश को ही निर्यात करने का कॉन्ट्रैक्ट किया था और बांग्लादेश को बिजली निर्यात करने के लिए ही गोड्डा में यह पावर प्लांट स्थापित किया गया था। हालांकि पावर प्लांट की स्थापना काफी विवादित रही थी। आदिवासियों ने अपनी जमीन देने का विरोध किया था। लेकिन फिर भी बांग्लादेश को बिजली देने के लिए पावर प्लांट को स्थापित कर दिया गया था। इस पावर प्लांट को भारत में बिजली बेचे जाने की अनुमति मिलने के बाद अडानी ग्रुप ने काफी राहत महसूस की है।
एक साल में बांग्लादेश को बेची एक अरब डॉलर की बिजली
साल 2023-24 में अडानी ग्रुप के इस पावर प्लांट ने बांग्लादेश को एक अरब डॉलर की बिजली का एक्सपोर्ट किया था। बिजली का एक्सपोर्ट बढ़ाने के बाद साल 2023-24 में बांग्लादेश को भारत के कुल निर्यात में बिजली का हिस्सा 9.3 प्रतिशत था। यह एक अरब डॉलर से अधिक था। भारत से बांग्लादेश को कुल निर्यात 11 अरब डॉलर है। लेकिन हाल ही में बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ है। वहां की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना बांग्लादेश से फरार होकर भारत आ गई हैं। उन्हें भारत में पनाह मिली है। इसके चलते अडानी ग्रुप सांसत में था कि कहीं बांग्लादेश में नई सरकार आने के बाद उनका कॉन्ट्रैक्ट रद्द न कर दिया जाए। या फिर कॉन्ट्रैक्ट को दरकिनार कर कम बिजली खरीदी जाए। ऐसा होने पर इस पावर प्लांट को घाटा लगने का अंदेशा था। इसी के चलते केंद्र सरकार ने ताबड़तोड़ फैसला लेते हुए अब अडानी ग्रुप को राहत दी है। अगर बांग्लादेश किसी भी तरह के बिजली आयात में कटौती करता है या बिजली का आयात बंद करता है तो यह पावर प्लांट अपने देश में बिजली बेच सकता है।
बांग्लादेश को 7508 मिलियन यूनिट बिजली का निर्यात
गोड्डा में स्थापित यह पावर प्लांट 1600 मेगावाट का है। इस पावर प्लांट ने अपना सारा उत्पादन बांग्लादेश को निर्यात करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया था। कोलकाता स्थित पूर्वी क्षेत्रीय विद्युत समिति के रिकॉर्ड के अनुसार अडानी ग्रुप के गोड्डा प्लांट ने अप्रैल में बांग्लादेश को 7508 मिलियन यूनिट बिजली का निर्यात किया था। यह कुल निर्यात का 63% हिस्सा है। बिजली का कुल निर्यात 11933.83 मिलियन यूनिट है। जानकार बताते हैं कि भारत सरकार ने प्लांट को अपने देश में बिजली बेचने की अनुमति दी है। यह इस प्लांट को जोखिम से मुक्त करने के लिए है। कहा जा रहा है कि भारत सरकार पूर्ण या आंशिक क्षमता की निरंतर गैर अनुसूची के मामले में भारत के अंदर बिजली की बिक्री की सुविधा के लिए ऐसे उत्पादन स्टेशन को भारतीय ग्रिड से जोड़ने की अनुमति दे सकती है। हालांकि अडानी पावर की तरफ से कहा जा रहा है कि बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति करने के लिए वह प्रतिबद्ध है। बिजली निर्यात नियमों में हालिया संशोधन से उसके मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बांग्लादेश को कुल निर्यात का 90% बिजली बेचता है गोड्डा प्लांट
बांग्लादेश को बिजली निर्यात करने वाली चार कंपनियां हैं। इनमें एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड, पीटीसी इंडिया लिमिटेड, एनर्जी इंडिया लिमिटेड और अडानी पावर शामिल हैं। इनमें से अधिकांश 90% से अधिक निर्यात एक ही प्लांट से ही होता है। झारखंड के गोड्डा जिले के मोतिया गांव में स्थित कोयला आधारित संयंत्र अडानी पावर लिमिटेड एपीजीएल द्वारा संचालित किया जाता है। यहीं से बांग्लादेश को निर्यात होने वाली कुल बिजली का 90% निर्यात होता है। बांग्लादेश के इस प्लांट ने अपने यहां उत्पादित होने वाली 100% बिजली बांग्लादेश को बेचने का कॉन्ट्रैक्ट वहां की सरकार के साथ किया था। मार्च 2019 में भारत की सरकार ने इस इलाके को विशेष आर्थिक क्षेत्र भी घोषित किया था। इस बिजली उत्पादन के लिए 100% आयातित कोयले का उपयोग किया जाता है।
2 साल पहले शुरू हुआ था अडानी का यह पावर प्लांट
अडानी का गोड्डा प्लांट 2 साल पहले चालू हुआ था। पिछले साल जून में इसे पूरी तरह चालू कर दिया गया और 1600 मेगावाट का उत्पादन शुरू किया गया। दो साल पहले अप्रैल में इसकी 800 मेगावाट की पहली सुपर क्रिटिकल इकाई शुरू हुई थी और फिर जुलाई 2023 में इसकी दूसरी 800 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाली सुपर क्रिटिकल इकाई शुरू हुई।