रांची: राज्य सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार ने कहा है कि रांची स्मार्ट सिटी में आधारभूत संरचना का विकास हो चुका है। अब यहां कुछ बिग प्लेयर्स को आमंत्रित करने की जरुरत है। इससे विकास को और गति मिलेगी। उन्होंने जीआरडीए क्षेत्र में विकसित हो रहे कोर कैपिटल के विकास को लेकर भी नई गाइडलाइन जारी करने का निर्देश दिया है।
दरअसल, गुरुवार 22 अगस्त 2024 को प्रोजेक्ट भवन स्थित प्रथम तल्ला पर सभागार में राज्य सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग की समीक्षा बैठक हुई। इसमें विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार ने ये बात कही। प्रधान सचिव ने राज्य और केन्द्र प्रायोजित कई महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश भी दिए। इस बैठक में नगर विकास एवं आवास विभाग के वरीय अधिकारियों द्वारा नगर निवेशण, नागरिक सुविधा, परिवहन मद, जलापूर्ति, स्थापना मद, 15वें वित्त आयोग के तहत चल रही योजनाओं और उनकी अपडेट जानकारी भी प्रधान सचिव को दी गई। रांची स्मार्ट सिटी, जीआरडीए, आरआरडीए, झमाडा और राज्य शहरी विकास अभिकरण के अंतर्गत चल रही स्वच्छ भारत मिशन, अमृत, नमामिगंगे इत्यादि योजनाओं की भी समीक्षा हुई। सभी संस्थाओं की ओर से पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए प्रधान सचिव को संस्था और उसकी योजनाओं के बारे में बताया गया। समीक्षा के क्रम में सभी संबंधित संस्थाओं को प्रधान सचिव ने कई आवश्यक निर्देश दिए हैं।
रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन को निर्देश
-रांची स्मार्ट सिटी क्षेत्र में रीवर फ्रंट डेवलपमेंट और अन्य पार्क डेवलपमेंट के लिए टेंडर और डीपीआर की प्रक्रिया शुरु किया जाय।
-जीआईएस सब स्टेशन हटिया ग्रिड से कनेक्ट है इसे बुढ़मू ग्रिड से जोड़नें की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं।
-केट्रोल एंड कम्यूनिकेशन सेंटर से एआई आधारित चलान भेजना अविलंब शुरु करें।
-ई ऑक्शन की प्रक्रिया शुरु करें और कोशिश करें कि कुछ बिग प्लेयर्स स्मार्ट सिटी में निवेश करें।
-इसके लिए बड़ी कंपनियों को रांची स्मार्ट सिटी एबीडी क्षेत्र में निर्मित आधारभूत संरचना का परिभ्रमण कराएं।
ग्रेटर रांची डेवलपमेंट अथारिटी को निर्देश
प्रधान सचिव नें जीआरडीए के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वो उन सभी संस्थाओ को नोटिस देकर उनकी कार्य योजना की जानकारी लें कि वो यहां किस लिए जमीन लिए हैं और उसपर विकास कार्य क्यों नही शुरु हुआ।
-अगर कोई भी संस्था जमीन लेकर विकास कार्य नही शुरु करती है तो उनका एलॉटमेंट रद्द करें।
-कोर कैपिटल क्षेत्र में जमीन लेनें वाले संस्थोओं के लिए एक गाइडलाइन जारी करें कि किस प्रकार का विकास यहां हो सकता है।
-गाइडलाइन के निर्धारण में रांची नगर निगम की मदद ली जाय।
-इस क्षेत्र में विकास का तौर तरीका कैसा होगा, भवन कैसे होंगे ये सभी बातें एसओपी में होना चाहिए।
-निर्माण के लिए समय सीमा का भी निर्धारण होना जरुरी है।
रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार को निर्देश
-नक्शा पास करते वक्त आसपास की सड़कों की चौड़ाई,निर्माण के दौरान एफएआऱ त्यादि की जानकारी दें।
-बायलॉज और मास्टर प्लान का अनुपालन कराएं।
-महत्वपूर्ण पदों पर प्रतिनियुक्ति जल्द किया जाएगा।
-झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार,धनबाद
-प्राधिकार क्षेत्र में उपलब्ध 3522 एकड़ जमीन का स्टेटस पलब्ध कराएं।
-रांची स्मार्ट सिटी के तर्ज वहां विकास की योजना बनाएं,सरकार मदद करेगी।
-तोपचांची झील के आसपास सौन्दर्यीकरण हो।
-तोपचांची झील के पास आधारभूत संरचना का विकास कर प्रयटकों को आकर्षित करें।
सूडा और जुडको को विशेष निर्देश
-शहरी क्षेत्र में ठोस अपशिष्ठ प्रवंधन की योजनों में गति लाएं।
-जहां जमीन की अनुपलब्धता या एनओसी को लेकर समस्या है,विभाग समन्वय सथापित कर जिला प्रशासन से बात करे।
-स्वच्छता, अमृत योजना और नमामि गंगे की परियोजनाओं से संबंधित डीपीआर,टेंडर और प्रशासनिक स्वीकृति के कार्य में गति लाएं।
-पाइपलाइन के कार्य के दौरान जुडको यह सुनिश्चित करे कि वो रोड कटिंग नहीं करेंगे,खासकर ब्लैक टॉप सड़क को टच न करें,अगर बहुत जरुरी हुआ तो तुरंत सड़क मरम्मत करें।
बैठक में ये भी रहे मौजूद
बैठक में राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक अमित कुमार,विभाग में पर सचिव मनोहर मरांडी, अपर सचिव ज्ञानेंद्र कुमार, निदेशक नगरीय प्रशासन सत्येन्द्र कुमार, रांची नगर निगम के प्रशासक संदीप सिंह,संयुक्त सचिव नगर विकास विभाग दीपक दूबे,संयुक्त सचिव ज्योत्षना सिंह के साथ साथ, सूडा, डीएमए, जुडको, रांची स्मार्ट सिटी कोऑर्डिनेटर , जीआरडीए,आरआरडीए के अधिकारी मौजूद रहे।