चंडीगढ़ : हरियाणा में विधानसभा चुनाव में भाजपा की हालत पतली है। यहां भाजपा इंकम्बेंसी फैक्टर का शिकार है। इससे निपटने के लिए भाजपा ने एक रणनीति तैयार की है जिसके तहत आधे से अधिक वर्तमान भाजपा विधायकों के टिकट काट कर नए चेहरों को मैदान में उतारा जाएगा। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। टिकट के दावेदारों की सूची तैयार की जा रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही पार्टी अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर देगी।
लोकसभा चुनाव में झटका खा चुकी है भाजपा
हरियाणा में लोकसभा चुनाव में भाजपा को झटका लगा था। इस चुनाव में भाजपा ने आधी सीटें गंवा दी हैं। साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 10 में से 10 सीटें मिली थीं। मगर,यसल 2024 के चुनाव में भाजपा 5 सीटें ही हासिल कर सकी है। इसी के बाद से भाजपा का थिंक टैंक समझ गया है कि इस बार हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर है। इससे निपटने के लिए भाजपा सामाजिक समीकरण साधने में जुट गई है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा ने हरियाणा में एक सर्वे कराया है। इस सर्वे में यह बात निकल कर सामने आई है कि हरियाणा के आधे से अधिक भाजपाई विधायकों से जनता नाराज हैं। यह विधायक जनता की अपेक्षा पर खरे नहीं उतरे थे। इसलिए, ऐसे विधायकों के टिकट काट दिए जाएंगे जिनसे जनता की नाराजगी है। इसका खाका तैयार कर लिया गया है। इस सर्वे की चर्चा भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग में हुई है। मीटिंग में तय किया गया है कि तकरीबन 50 उम्मीदवारों की पहली सूची जल्द जारी कर दी जाए।
दूसरे दलों से आए नेताओं को मिलेगा टिकट
भाजपा हरियाणा में चुनाव की तैयारी में जोर-शोर से जुटी हुई है। इसके लिए पार्टी ने कई दिग्गज नेताओं को दूसरी पार्टी से भाजपा में शामिल कराया है। कहा जा रहा है कि जो लोग भी दूसरे दलों में भाजपा में लाए गए हैं, इन सबको टिकट मिलना तय है। इन सभी को चुनाव लड़ाने के लिए भाजपा में शामिल कराया गया है। इसके अलावा, जिन विधायकों को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया था उनको भी इस चुनाव में टिकट दिया जाएगा।
2014 में बनी थी पूर्ण बहुमत की सरकार
साल 2014 में बीजेपी ने हरियाणा में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। उसी साल भाजपा ने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर भी जीत का परचम लहराया था। साल 2019 में भी भाजपा हरियाणा में लोकसभा की सभी 10 सीटें जीतने में कामयाब हो गई थी। मगर, विधानसभा में बहुमत नहीं मिल पाया था। भाजपा को हरियाणा विधानसभा की कुल 90 सीटों में से महज 40 सीटें ही मिली थीं। ऐसे में उसे जजपा और निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन से सरकार बनाई थी।
जाटों को जोड़ने के लिए चौधरी बंसीलाल की बहू भाजपा में
इन दिनों हरियाणा की राजनीति में काफी उलट फेर चल रहा है। यहां की जाट बिरादरी का कांग्रेस के पाले में ध्रुवीकरण हो रहा है। भाजपा इस ध्रुवीकरण को रोकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। इसीलिए कांग्रेस के पूर्व मंत्री चौधरी बंसीलाल की बहू किरण चौधरी को जोड़ा गया है। किरण चौधरी के सहारे भाजपा जाट बिरादरी को भाजपा से जोड़ने की योजना तैयार किए हुए है। दूसरी तरफ, जननायक जनता पार्टी ने चंद्रशेखर आजाद की पार्टी से गठबंधन किया है।