चंडीगढ़: पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने बुधवार 4 सितंबर को दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की। बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट की कांग्रेस से हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही हैं। राहुल गांधी से मिलने के बाद दोनों ने कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मुलाकात की। उनकी यह मुलाकात तकरीबन 20 मिनट तक चली। मशहूर पहलवान महावीर फोगाट जो विनेश के ताऊ हैं, उन्होंने कहा कि विनेश और बजरंग पुनिया कांग्रेस ज्वाइन करने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। दोनों ही कांग्रेस के टिकट से हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने मंगलवार को कहा था कि चुनाव लड़ने का फैसला विनेश फोगाट का है। इस बात को लेकर बुधवार को स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। सूत्रों के मुताबिक विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया अब राजनीति में आने की सोच रहे हैं। कांग्रेस ने बजरंग पूनिया के चुनाव लड़ने की बात को लेकर सकारात्मक संदेश दिए हैं। अब बात विनेश फोगाट पर आकर टिकी हुई है कि वह कांग्रेस से चुनाव लड़ेगी या नहीं।
किन सीटों पर मिला विनेश को ऑफर
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार जिन तीन सीटों पर विनेश फोगाट को ऑफर दिया गया है, उनमें 2 सीट चरखी दादरी की बाढ़डा और दादरी है। विनेश इसी जिले की बलाली गांव की ही रहने वाली हैं। अगर विनेश दादरी से चुनाव लड़ती हैं तो उनका मुकाबला उनकी चचेरी बहन बबीता फोगाट से हो सकता है। यहां से बबीता ने 2019 में भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ा था। लेकिन वह हार गई थीं। इस बार भी वह टिकट के लिए दावेदारी कर रही हैं। विनेश को तीसरा ऑप्शन जुलाना और जींद सीट का दिया गया है ।
बजरंग को 2 सीटों का ऑफर
कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार बजरंग पूनिया को दो सीटों का ऑफर दिया गया है। सोनीपत से बजरंग पूनिया चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक हैं। लेकिन कांग्रेस यहां से वर्तमान विधायक सुरेंद्र पवार को ही टिकट देना चाहती है। अभी पवार ED केस में जेल में बंद हैं।अगर वह चुनाव नहीं लड़ते हैं तो उनकी जगह उनके बेटे या उनकी बहू को टिकट दिया जा सकता है। उनका टिकट कांग्रेस नहीं काटना चाहती। क्योंकि कांग्रेस यह नहीं दिखाना चाहती कि उनके मुसीबत के वक्त वह उनके साथ छोड़ रही है। झज्जर की बादली सीट में भी बजरंग ने अपनी दिलचस्पी दिखाई है। लेकिन इसके लिए वहां के मौजूदा विधायक कुलदीप वत्स का टिकट काटना पड़ सकता है। वत्स एक बहुत बड़े ब्राह्मण नेता है। अगर कांग्रेस उनका टिकट कटती है तो ब्राह्मण वोट बैंक पर इसका बहुत असर पड़ेगा। कांग्रेस की तरफ से बजरंग को भिवानी और बहादुरगढ़ का ऑप्शन दिया गया है। यह दोनों ही सीट जाट बाहुल्य सीट है।
कौन कर रहा है टिकट की पैरवी
सूत्रों के अनुसार यह पता चला है कि कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में भूपेंद्र हुड्डा ने बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को टिकट देने की पैरवी की थी। उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस पहलवानों के साथ खड़ी होती है तो हरियाणा के लोगों का समर्थन कांग्रेस के पक्ष में आएगा। चुनाव लड़ने या न लड़ने का फैसला उन्होंने बजरंग और विनेष पर छोड़ दिया है।