नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मराठी टोपी लगा कर चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के घर जाकर भगवान गणेश की पूजा अर्चना की. लेकिन इस पूजा से भारी विवाद खड़ा हो गया है. विपक्ष ने इसे महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़ दिया है. देश के सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस (सीजेआई) जस्टिस चंद्रचूड़ और प्रधानमंत्री के निमंत्रण को लेकर दो तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. कुछ लोग इसे न्यायपालिका की पवित्रता पर दाग मान रहे हैं, जबकि कुछ विरोधियों की बौखलाहट पर खुशी व्यक्त कर रहे हैं. सीजेआई का न्योता प्रधानमंत्री को भेजना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, क्योंकि पीएम कार्यपालिका के शीर्ष पद पर विराजमान हैं और ऐसे में उन्हें निमंत्रण ठुकराने की संभावना कम ही रहती है.
पीएम ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए इस बात की जानकारी दी. पोस्ट में उन्होंने गणेश जी की आरती करते हुए तस्वीर साझा की. उन्होंने पोस्ट में लिखा कि उन्होंने CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के घर में हुए गणेश पूजा में भाग लिया और गणेश जी से सभी के स्वस्थ और ख़ुशी की कामना की.
इफ्तार पार्टी को याद करें : संबित पात्रा
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीफ जस्टिस जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ इफ्तार पार्टी में मिलते हैं, तो उसमें कोई आपत्ति नहीं उठाई जाती. उन्होंने सवाल उठाया कि गणेश पूजा के अवसर पर पीएम मोदी की उपस्थिति को लेकर विवाद क्यों किया जा रहा है.
संबित पात्रा ने राहुल गांधी की टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने भारत के विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के ‘ए’ के अर्थ को लेकर असमंजस व्यक्त किया था. पात्रा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी को ‘ए’ के अर्थ के रूप में तुष्टिकरण, अपराध और अहंकार के विकल्पों के बीच भ्रम था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके गठबंधन दलों का यह अहंकार है कि वे सीजेआई की संस्था को राजनीति में घसीटते हैं और गणेश उत्सव को भी राजनीति का हिस्सा बना देते हैं.
इसके अलावा, पात्रा ने यह भी कहा कि जब एक राजनेता विदेश जाकर भारत विरोधी तत्वों से मिलता है, तो कांग्रेस के नेताओं द्वारा उस पर कोई टिप्पणी नहीं की जाती. जबकि पीएम मोदी और सीजेआई के बीच मुलाकात को लेकर विवाद उठाया जा रहा है, जो न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच अच्छे समन्वय को दर्शाता है.
इस कदम से न्यायपालिका को मिला बुरा संकेत : प्रशांत भूषण
सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निजी मुलाकात के लिए अपने आवास पर निमंत्रण देने पर सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने हैरानी जताई है. भूषण ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि इस कदम से न्यायपालिका को बुरा संकेत मिलता है, जो नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा और सरकार की संवैधानिक सीमा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उठाती है. उन्होंने कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच उचित दूरी बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया.
भूषण ने दूसरी पोस्ट में जजों के लिए निर्धारित आचार संहिता का उल्लंघन होने की बात की. उन्होंने लिखा, “आचार संहिता के अनुसार, एक न्यायाधीश को अपने पद की गरिमा के अनुरूप दूरी बनाए रखनी चाहिए और ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जो उस पद और सार्वजनिक सम्मान के प्रतिकूल हो.”
मोदी को महाराष्ट्र चुनाव की चिंता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा की एक तस्वीर साझा की है, जिसमें वे मराठी टोपी पहने हुए नजर आ रहे हैं. इस तस्वीर के साथ अंग्रेजी और मराठी दोनों भाषाओं में पोस्ट की गई है. यह कदम आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के संदर्भ में देखा जा रहा है, जहां पीएम मोदी की मराठी जनता के प्रति यह पहल बड़ा संदेश मानी जा रही है. राजनीति की गहरी समझ रखने वाले पीएम मोदी के इस चुनावी इशारे को सियासी गलियारों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.