रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जमीन घोटाले मामले में 5 महीनों तक जेल में थे. इसके बाद उन्हें हाई कोर्ट से बेल मिल गई. जब उनको हाई कोर्ट से जमानत मिली तब ED पर हाई कोर्ट में गंभीर टिप्पणी भी की थी. वही दिल्ली के मुख्यमंत्री शराब घोटाले के मामले में 177 दिन तिहाड़ जेल में बंद थे. इसके बाद उन्हें भी बेल मिल गई. उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली. केजरीवाल को जमानत देते समय सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि CBI को यह साबित करना चाहिए की वह सरकारी तोता नहीं है. इसी साल अक्टूबर-नवंबर में झारखंड विधानसभा के चुनाव होने वाला है. साल 2025 की शुरुआत के महीनों में ही दिल्ली विधानसभा का चुनाव होने की भी संभावना है. फिलहाल दोनों ही मुख्यमंत्री को जमानत मिली है.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झारखण्ड मुक्ति मोर्चा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी दोनों ही इंडिया गठबंधन में शामिल हैं. दोनों ही नेता जांच एजेंसियों की कार्रवाई को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. ऐसे में एक बात तो स्पष्ट हो गई है. यह दोनों दल इस बात को चुनाव में उठाने का पूरा प्रयास करेंगे. इंडिया गठबंधन की सभी पार्टियां तो जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर सवाल उठाती ही रहती हैं. सीएम हेमंत सोरेन, सीएम अरविंद केजरीवाल और विपक्ष की कई पार्टियां जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर तो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा चुकी हैं. अब उन्हें यह बोलने का मौका मिल गया है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों की मदद से केंद्र सरकार विपक्षी पार्टी के नेताओं को परेशान करने का काम कर रही है.
हेमंत पर लगाए आरोप को हाई कोर्ट ने सही नहीं पाया
यह बात तो तय है कि अब दोनों ही दल के नेता अदालत के बयान को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोलेंगे. हेमंत सोरेन तो जमानत देते समय हाई कोर्ट ने यह कहा था की हेमंत सोरेन के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर प्रथम दृष्टया सबूतों के आधार पर ऐसा लगता है कि वह दोषी नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कि उपलब्ध प्रमाणों से स्पष्ट होता है कि हेमंत सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों के नाम उन रजिस्टरों और रेवेन्यू रिकॉर्ड में नहीं हैं जो 8.86 एकड़ भूमि के अधिग्रहण और कब्जे से संबंधित हैं. कोर्ट ने यह भी देखा कि हेमंत सोरेन के अपराध से हुई आय को छिपाने में किसी भी प्रकार की भागीदारी का कोई सबूत नहीं है. इसके अतिरिक्त, याचिकाकर्ता की प्रत्यक्ष भागीदारी का किसी भी रिकॉर्ड में उल्लेख नहीं है, जिससे यह संकेत मिलता है कि हेमंत सोरेन का इस भूमि के अधिग्रहण और कब्जे में कोई सीधा संबंध नहीं है.
‘पिंजरे की तोते’ की धारणा को दूर करे CBI : सुप्रीम कोर्ट
अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में बेल की अपील तो की ही थी. उसके साथ साथ उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती भी दी थी. केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने कंडीशन बेल दी है. लेकिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी काफी गंभीर है. अरविंद कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने 10 लाख रुपये के मुचलके और दो जमानत राशियों के भुगतान पर उन्हें बेल दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें यह हिदायत भी दी की वह सार्वजनिक रूप से इस मामले के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. वहीं सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस उज्जवल भुइयां ने CBI को कड़ी फटकार भी लगाई. जस्टिस उज्जवल भुइयां ने जमानत देते समय CBI से कहा की CBI को ‘पिंजरे की तोते’ की धारणा को दूर करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट का यह बयान विपक्षी दलों के नेताओं के लिए बड़ा हथियार बन गया है और सीबीआई के प्रति उनकी धारणा को मजबूत करता है.
झारखंड विस चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन का प्लान
हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल दोनों ने अपने पतियों के जेल जाने के बाद राजनीतिक कमान संभाली थी. इस दौरान दोनों की पत्नियों के बीच नजदीकी भी बढ़ी. झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस तो प्रत्यक्ष रूप से JMM के साथ है. आम आदमी पार्टी का भी समर्थन नैतिक रूप से हेमंत सोरेन को मिलना पक्का है. यह संभव हो सकता है कि अरविंद केजरीवाल झारखंड में भाजपा को शिकस्त देने के लिए हेमंत सोरेन के लिए सभाएं भी करेंगे. अगर वह अकेले सभा नहीं करते हैं तो उनकी इंडिया गठबंधन की सभाओं में शामिल होने की बहुत संभावनाएं है. दोनों ही नेता अपने इलाके में इस बात को जोर शोर से उठाएंगे कि कैसे केंद्र में भाजपा सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों के मदद से विपक्ष के नेताओं को परेशान कर रही है. इंडिया गठबंधन को हेमंत सोरेन का जेल जाने का फ़ायदा लोकसभा चुनाव में मिल चुका है.
अब तो दोनों नेता खुलकर बोल रहे हैं कि उन्हें बिना कोई वजह के जेल भेज कर परेशान किया गया. इस बात का फायदा हेमंत सोरेन को मिलना तो पक्का माना जा रहा है. हेमंत ने इस बात को तो आदिवासियों से भी जोड़ दिया है. हेमंत सोरेन कहते हैं कि उनका आदिवासी सीएम होने के नाते भाजपा हमेशा उन्हें अपदस्थ करने का प्रयास करती रहती है.