जमशेदपुर : पूर्व सीएम रघुवर दास की झारखंड की सियासत में इंट्री की सुगबुगाहट के बीच एक बार फिर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय बगावती मूड में आ गए हैं। वह कहने लगे हैं कि चाहे जो हो वह जमशेदपुर पूर्वी से ही ताल ठोकेंगे। सरयू राय जमशेदपुर पूर्वी में संभावित प्रदेश के सबसे हाईवोल्टेज मुकाबले की तैयारी में जुट गए हैं। सूत्र बताते हैं कि अगर रघुवर दास झारखंड की सियासत में लौटते हैं तो सरयू उस चुनावी स्थिति का पूरी ताकत से सामना करने को तैयार हैं। कहा जा रहा है कि अगर जदयू के जरिए टिकट हासिल कर जमशेदपुर पूर्वी में भाजपा कैडर पर सियासी कब्जा करने की सरयू की रणनीति काम नहीं आई। तो भी सियासत के यह चाणक्य रघुवरदास की इस परंपरागत सीट पर विपक्षियों को चुनौती देते नजर आएंगे। इस तरह प्रदेश के लोगों को जमशेदपुर पूर्वी में एक बार फिर बड़ा रोचक चुनावी मुकाबला देखने को मिल सकता है।
जदयू के आने से सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा असमंजस में
झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा आजसू के साथ मिल कर चुनाव लड़ना चाहती है। पिछले चुनाव में आजसू के साथ गठबंधन नहीं होने का खमियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा था। इसलिए, इस बार भाजपा आजसू को नाराज नहीं करना चाहती। इस बार दिल्ली में सियासी माहौल बदलने के बाद झारखंड में जदयू की इंट्री से भाजपा असमंजस में हैं। जदयू जमशेदपुर पूर्वी की सीट मांग रही है। जदयू का तर्क है कि यह सरयू राय की सीटिंग सीट है। जबकि, इस सीट पर पेच फंस गया है। जमशेदपुर पूर्वी की सीट भाजपा की परंपरागत सीट है। इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार जीतते रहे हैं। 1967 से अब तक इस सीट पर 13 बार चुनाव हुए हैं। इनमें से सबसे अधिक 8 बार भाजपा के उम्मीदवार चुनाव जीतते रहे हैं। पहले इस सीट पर भाजपा के पूर्व विधायक दीनानाथ पांडेय का कब्जा था। बाद में रघुवर दास यहां से जीतने लगे। पिछले विधानसभा चुनाव में वह हार गए थे। इसलिए, भाजपा इस सीट को जदयू को नहीं देना चाहती। इसी वजह से इस सीट को लेकर भाजपा और जदयू में रस्साकशी चल रही है। कहा जा रहा है कि भाजपा जदयू को कोई और सीट देना चाहती है। जदयू को जमशेदपुर पश्चिम सीट मिल सकती है। अगर जदयू को जमशेदपुर पश्चिम सीट मिली और जमशेदपुर पूर्वी से रघुवर या उनका कोई करीबी चुनाव लड़ा तो यह भी एक तरह से सरयू की हार होगी। शायद इसीलिए सरयू राय नहीं चाहते कि वह किसी दूसरी सीट से चुनाव लड़ें। वह भी जमशेदपुर पूर्वी सीट ही लेने के लिए अड़े हुए हैं।
तैयार हो चुकी हैं सरयू राय की होर्डिंग्स
विधायक सरयू राय की होर्डिंग्स तैयार हो चुकी हैं। इनमें जमशेदपुर पूर्वी में हुए कामों को दिखाया गया है। जल्द ही यह होर्डिंग्स जमशेदपुर पूर्वी की सड़कों पर नजर आने लगेंगी। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह भी सरयू राय की एक प्रेशर पालिटिक्स है। ऐसा कर वह भाजपा और जदयू के नेताओं पर दबाव बनाना चाहते हैं। सूत्रों की मानें तो सरयू राय ने जदयू के शीर्ष नेतृत्व को समझा दिया है कि जमशेदपुर पूर्वी की सीट मिलने से पार्टी को फायदा होगा। यहां उन्होंने काम किया है और यहां उनका कुछ वोट बैंक भी है। अगर भाजपा इस सीट को जदयू को देती है तो भाजपा का पूरा कैडर उनके साथ होगा। इस तरह, भाजपा के इस गढ़ में जदयू को आसानी से जीत हासिल हो जाएगी।
हर हाल में हार का बदला लेना चाहते हैं रघुवर
झारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने ही वाला है। रघुवर दास झारखंड की सियासत में लौट सकते हैं। इसके आसार नजर आने लगे हैं। ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास कुछ दिन पहले जब जमशेदपुर आए थे तो बकायदा इसका शोऑफ किया गया। भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता सोनारी एयरपोर्ट पर पहुंचे और उनका स्वागत किया। इसके अलावा, फेसबुक पर रघुवर की प्रोफाइल फोटो पर भाजपा के झंडे के कलर का चढ़ गया। सियासी पंडितों की भी राय है कि रघुवर दास झारखंड की सियासत में लौट रहे हैं। यही नहीं, रघुवर दास ने शहर के कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इस दौरान रघुवर की बनाई हुई संस्था बस्ती विकास समिति भी सक्रिय रही। रघुवर के करीबियों का कहना है कि वह न केवल राजनीति में वापस आ रहे हैं बल्कि, जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव भी लड़ेंगे। इस स्थिति को सरयू राय भी भांप रहे हैं। अगर, रघुवर जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ेंगे तो सरयू भी यहीं से चुनाव लड़ने के लिए कमर कस रहे हैं। सरयू राय कहते हैं कि पांच साल जमशेदपुर पूर्वी में काम किया है तो दूसरी सीट से चुनाव लड़ने का कोई तुक नहीं है।
रघुवर लड़ेंगे चुनाव या दे रहे तनाव
लौहनगरी की सियासत में अब हर तरफ रघुवर दास की चर्चा है। हर कोई पूछ रहा है कि क्या रघुवर दास प्रदेश की राजनीति में वापस लौट रहे हैं। लोग चर्चा कर रहे हैं कि क्या रघुवर दास जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ेंगे या फिर वह सरयू राय को टेंशन देने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। वैसे सूत्रों का कहना है कि रघुवर दास ने राजनीति में वापस आने की कवायद तेज कर दी है। उनकी तैयारी जारी है। रघुवर के करीबियों का कहना है कि रघुवर दास ने जमशेदपुर पूर्वी को अपने खून पसीने से तैयार किया है। यह उनकी परंपरागत सीट है। वह इस सीट पर 1995 से लगातार 5 बार इस सीट से जीत हासिल कर चुके हैं। एक बार की हार के बाद वह इस सीट को छोड़ना नहीं चाहते। इसलिए, उनकी पूरी कोशिश है कि वह सियासत में वापस लौटें और जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ें। मगर, इधर बीच उनकी पोजिशन थोड़ा गड़बड़ हुई है। रायशुमारी में उम्मीदवारी में रघुवर का नाम आने के बाद भाजपा शीर्ष नेतृत्व का माथा ठनका है। इसे लेकर दिल्ली में शिकायत भी हुई है। रघुवर ने अब अपनी डीपी भी बदल दी है। इसमें से भगवा कलर गायब कर दिया है। अब देखना है आगे सियासी ऊंट किस करवट बैठता है।
2019 में इस सीट पर हुआ था हाईवोल्टेज मुकाबला
साल 2019 में जब सरयू राय को भाजपा ने जमशेदपुर पश्चिम से टिकट नहीं दिया तो वह तत्कालीन सीएम रघुवर दास की ही सीट जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर कमर कस कर कूद पड़े। उनका मकसद रघुवर दास को हराना था और इस अभियान में सरयू राय सफल रहे। सरयू राय को अपार जनसमर्थन मिला और उन्हें 73 हजार 945 वोट मिले। सरयू राय ने रघुवर दास को 15 हजार 833 वोटों से हरा दिया था। अब रघुवर अपनी इसी हार का बदला लेने और जमशेदपुर पूर्वी का अपना किला सरयू से वापस लेने के लिए आतुर हैं।