जमशेदपुर: कदमा में आदिवासी महिला और उसकी बेटी पर हमला करने के आरोपी आजसू नेता मुन्ना सिंह के मामले में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय फंस गए हैं। सरयू राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुन्ना सिंह का समर्थन किया था और पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की थी। उनके इस कदम से आदिवासी समाज नाराज हो गया है। आदिवासियों ने मंगलवार को बारीडीह में विधायक सरयू राय के खिलाफ प्रदर्शन किया। आदिवासियों की नाराजगी इस कदर है कि उन्होंने विधायक सरयू राय का पुतला फूंक दिया। आदिवासी समाज के लोगों ने कहा कि विधायक सरयू राय को आरोपी मुन्ना सिंह का समर्थन नहीं करना चाहिए था। लोगों का कहना है कि मुन्ना सिंह ने आदिवासी महिला पर हमला किया। इसका वीडियो है। इसके बावजूद अगर आरोपी का समर्थन किया जा रहा है। तो यह गलत है। एक आदिवासी महिला का कहना था कि विधायक सरयू राय जमशेदपुर पूर्वी के विधायक हैं। उन्हें मजलूम आदिवासी महिला का समर्थन करना चाहिए था। न की महिलाओं पर जुल्म करने वाले किसी नेता का। माना जा रहा है कि जमशेदपुर पूर्वी इलाके में सरयू राय से पहले ही मालिकाना हक को लेकर जनता नाराज है। क्योंकि, सरयू राय ने साल 2019 का चुनाव मालिकाना हक के मुद्दे पर लड़ा था। उन्होंने वादा किया था कि वह जनता को मालिकाना हक दिलाएंगे। लेकिन, ऐसा नहीं कर पाए। कहा जा रहा है कि अब आदिवासी महिला से मारपीट के आरोपी मुन्ना सिंह का समर्थन उन्हें भारी पड़ सकता है। आदिवासी समाज के लोग अब विधायक के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं। गौरतलब है कि कदमा थाने में आजसू नेता मुन्ना सिंह के खिलाफ 7 सितंबर को पुलिस ने केस दर्ज किया था। आदिवासी महिला का आरोप है कि उसे और उसकी बेटी के साथ मुन्ना सिंह ने डंडे से मारपीट की। इसका वीडियो भी है। पुलिस ने आरोपी मुन्ना सिंह को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने जमानत दे दी थी। बाद में अगले दिन पुलिस ने अन्य धाराएं केस में जोड़ने के बाद मुन्ना सिंह को फिर गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। इस बार फिर कोर्ट ने उन्हें छोड़ दिया। इसके बाद पुलिस ने मुन्ना सिंह का लाइसेंसी हथियार जब्त कर लिया। इसी के बाद 14 सितंबर को विधायक सरयू राय ने बिष्टुपुर स्थित अपने ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस को निशाने पर लिया और कहा कि पुलिस इस मामले में ज्यादा तेजी दिखा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसी राजनीतिक दबाव में पुलिस तेजी दिखा रही है। विधायक सरयू राय ने सवाल उठाया था कि पुलिस ने मुन्ना सिंह का ना हथियार वापस किया और ना ही जब्ती सूची उन्हें दी है। आदिवासी समाज इसी पर सवाल उठा रहा है और कह रहा है कि विधायक सरयू राय को यह चिंता करनी चाहिए थी कि आदिवासी समाज पर अत्याचार करने वाला आरोपी मुन्ना सिंह जेल क्यों नहीं गया।