रांची: झारखण्ड का चुनाव इस बार काफी रोचक होने वाला है. सभी सीटों में कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीट हैं. इसमें एक सीट ऐसी भी है जिसमें पिछले 35 सालों से लगातार भाजपा राज कर रही है. इस सीट को भाजपा का अभेद्य किला मन जाता है. कांके विधानसभा अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित सीट है. कांके विधानसभा सीट साल 1967 में अस्तित्व में आई थी. इसके बाद साल 1997 में इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया था. यह एक ग्रामीण बाहुल्य सीट है. इस सीट को भाजपा का अभेद्य किला माना जाता है. साल 1967 से अब तक हुए चुनाव में कांग्रेस ने केवल 2 बार चुनाव जीता है.
विधानसभा चुनाव 2024 में कांके से भाजपा नए चेहरे की तलाश में
साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में कांके सीट से भाजपा प्रत्याशी समरी लाल ने चुनाव जीत था और विधायक बने थे. यह सीट अनुसूचित जाती (एससी) के लिए रिज़र्व है. उनके चुनाव जीतने के बाद उनकी जाति को लेकर मामला कोर्ट में में पहुंच गया. इसके बाद अब भाजपा प्रत्याशियों के नाम चयन करने के लिए पूरी तरह से सतर्क है। ताकि बाद में कोई परशानी का सामना नहीं करना पड़े. भाजपा इस सीट से अपने उम्मीदवार को बदलती रहती है. साल 2000 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने रामचंद्र नायक को प्रत्याशी बनाया था. इसके बाद साल 2005 और 2009 के चुनाव में रामचंद्र बैठा को प्रत्याशी बनाया. 2014 के विधानसभा चुनाव में डॉ. जीतु चरण राम को उम्मीदवार बनाया. 2019 के चुनाव में समरी लाल को प्रत्याशी बनाया. अब इस चुनाव में भाजपा कांके से कोई नए चेहरे की तलाश में है. सीटिंग विधायक समरीलाल की जगह अब भजपा किसी और को कांके से चुनाव लड़ने की तैयारी में है.
2009 से अब तक कांग्रेस के सुरेश कुमार बैठा को मिली है हार
कांके विधानसभा सीट के अस्तित्व में आने के बाद कुल 13 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. इसमें कांग्रेस ने केवल 2 बार ही चुनाव जीता है. इस सीट को जीतने के लिए कांग्रेस बहुत प्रयास कर रही है। लेकिन 1990 से 2019 तक सफल नहीं हो पाई है. साल 2009 से 2019 तक कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सुरेश कुमार बैठा इस सीट को जीतने के लिए खूब प्रयास कर रहे हैं. लेकिन उन्हें 3 बार हार मिली. वह लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि कांके में भाजपा के पिछले 34 साल के राज में विकास कार्य नहीं हुआ है. यही कारण है की भाजपा इस क्षेत्र से बार बार अपना प्रत्याशी बदलती आ रही है. इस बार भी सुरेश कुमार बैठा इस क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए खूब तैयारी कर रहे हैं. वह लोगों के बीच लगातार जा रहे है. जनता से उन्होंने लगातार संपर्क साधा हुआ है. कांग्रेस किसी भी हाल में भाजपा के विजय रथ को इस बार रोकना चाहती है.
मुस्लिम, मुंडा महतो और उरांव समुदाय की अहम भूमिका
कांके विधानसभा क्षेत्र रांची जिले में आता है. यह ग्रामीण बाहुल्य क्षेत्र है. एक रिपोर्ट के अनुसार कांके विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण मतदाताओं की संख्या लगभग 50 प्रतिशत है. इसमें एससी मतदाता लगभग 19 प्रतिशत है. इस क्षेत्र में मुस्लिम, मुंडा महतो और उरांव समुदाय के लोगों भी मतदान में अहम भूमिका निभाते है, इसलिए इस क्षेत्र के जातीय समीकरण के अनुसार सभी पार्टी अपना उम्मीदवार सोच समझ कर तय करती हैं. यही कारण है कि भाजपा लगातार इस सीट से अपने उम्मीदवारों को बदलती रही है. इस बार भी भाजपा किसी नए चेहरे के दम पर इस क्षेत्र से चुनाव जीतने की तलाश में है. वही कांग्रेस के सुरेश कुमार बैठा इस बार भी चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर रहे हैं. इलाके में भाजपा विधायक समरी लाल के ऊपर विकास कार्य को लेकर लगातार आरोप लगा रहे हैं. वह क्षेत्र के लोगों के साथ लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं और उनकी समस्या का समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं.
जयराम महतो भी कांके में ताकत दिखाने को तैयार
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान झारखंड में एक संगठन JBKSS ने अपनी खूब दमदार उपस्थिति दर्ज कराई. संगठन के अध्यक्ष जयराम महतो ने अपनी पार्टी से 8 लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा था. वह कोई भी सीट जीत तो नहीं पाए लेकिन सभी सीटों में JBKSS का खूब प्रदर्शन रहा है. दिन प्रति दिन जयराम महतो की पॉपुलैरिटी बढ़ते ही जा रही है. उनकी पार्टी झारखण्ड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM)को चुनाव आयोग से मान्यता मिल चुकी है. उन्होंने कहा है की उनकी पार्टी झारखण्ड के 70 विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. लोकसभा चुनाव 2024 में जयराम की पार्टी से देवेंद्र नाथ महतो ने रांची से निर्दालित्य चुनाव लड़ा था. उनके तक़रीबन 17 हजार से भी ज्यादा वोट मिले थे. जयराम की JLKM पार्टी इस बार दम दिखने के लिए तैयार है.
साल 2019 के चुनाव परिणाम
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी समरी लाल ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, उन्हें कुल 111616 वोट मिले थे. वहीं दूसरे स्थान पर कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश बैठा को कुल 89131 वोट मिले थे. समरी लाल ने सुरेश कुमार बैठा को कुल 22,485 वोट से हराया था.
साल 2014 के चुनाव परिणाम
इस चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी डॉ. जीतु चरण राम ने चुनाव लड़ा था और जीत कर विधायक बने थे. उन्हें कुल 115488 वोट मिले थे. वही दूसरे स्थान पर कांग्रेस के सुरेश कुमार बैठा को कुल 55858 वोट मिले थे. डॉ. जीतु चरण राम ने सुरेश कुमारत बैठा को कुल 59,630 वोट के बड़ी अंतर से हराया था.
साल 2009 के चुनाव परिणाम
इस चुनाव में भाप प्रत्याशी रामचंद्र बैठा ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी. उन्हें कुल 45244 वोट मिले थे. वहीं दूसरे स्थान पर कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश कुमार बैठा को कुल 40674 मिले थे. रामचंद्र बैठा ने सुरेश कुमार बैठा को कुल 4,570 वोट से हराया था.
साल 1967 से कांके से कौन कौन रहे हैं विधायक
1967- जेकेडी के जेएन चौबे
1969- जनसंघ के रामटहल चौधरी
1972- जनसंघ के रामटहल चौधरी
1977- जनता पार्टी के हीरा राम तूफानी
1980- कांग्रेस के रामरतन राम
1985- कांग्रेस के हरि राम
1990- भाजपा के रामचंद्र बैठा
1995- भाजपा के रामचंद्र बैठा
2000- भाजपा के रामचंद्र नायक
2005- भाजपा के रामचंद्र बैठा
2009- भाजपा के रामचंद्र बैठा
2014- भाजपा के डॉ. जीतु चरण राम
2019- भाजपा के समरी लाल