खूंटी में झामुमो ने स्नेह लता कंडुलना को उम्मीदवार बनाया था। साल 2014 के विधानसभा चुनाव में स्नेह लता कंडुलना खूंटी से बीएमपी के टिकट पर उम्मीदवार थीं। उन्हें 1206 वोट मिले थे। उम्मीदवार के नाम का ऐलान होते ही और जेएमएम की तीसरी सूची आते ही खूंटी में बवाल मच गया। आदिवासी संगठन धरना प्रदर्शन करने लगे।
गैर आदिवासी से शादी की वजह से गंवानी पड़ी उम्मीदवारी
आदिवासी संगठनों का आरोप है कि स्नेह लता कंडुलना भले ही आदिवासी हैं। लेकिन उन्होंने गैर आदिवासी डॉक्टर अशोक कुमार साहा से शादी की है। इसलिए अगर झामुमो ने उनको उम्मीदवार बनाया तो खूंटी की सीट गंवानी पड़ेगी। आदिवासी नेता काफी भड़के हुए थे। जेएमएम की तरफ से आदिवासी नेताओं को समझाने का काफी प्रयास किया गया। लेकिन आदिवासी संगठन मानने को तैयार नहीं थे। लगातार धरना प्रदर्शन चल रहा था।
आदिवासी संगठनों ने पार्टी जिला अध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप
आदिवासी नेताओं का आरोप था कि खूंटी के जेएमएम के जिला अध्यक्ष जुबेर अहमद ने स्नेह लता कंडुलना के पति से सांठ गांठ कर उन्हें टिकट दिलवाया है। गौरतलब है कि इससे पहले करिया मुंडा के बेटे अमरनाथ मुंडा का नाम चल रहा था। वह झामुमो की संभावित सूची में थे। लेकिन ऐन वक्त पर अमरनाथ मुंडा का नाम हटा दिया गया और स्नेह लता कंडुलना को उम्मीदवार बनाया गया। इसी को लेकर आदिवासी संगठन जमकर विरोध पर उतर आए। मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिबू सोरेन तक पहुंचाया गया।
शिबू सोरेन के हस्तक्षेप के बाद बदल गया उम्मीदवार
राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि शिबू सोरेन ने हेमंत सोरेन से बात की और फिर हेमंत सोरेन ने पार्टी का टिकट वितरित करने वाली कमेटी को खूंटी में उम्मीदवार बदलने का निर्देश दिया। इसके बाद जेएमएम ने उम्मीदवारों की जो चौथी सूची जारी की। इसमें खूंटी से उम्मीदवार बदल दिया गया है। अब खूंटी से राम सूर्य मुंडा जेएमएम के उम्मीदवार होंगे।
राम सूर्य ने 2019 में लड़ा था चुनाव
राम सूर्य मुंडा झारखंड पार्टी में थे। बाद में उन्होंने जेएमएम ज्वाइन कर ली। झारखंड पार्टी के टिकट पर राम सूर्य मुंडा ने साल 2019 में विधानसभा चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में राम सूर्य मुंडा को 1385 वोट मिले थे। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि करिया मुंडा के बेटे अमरनाथ मुंडा खूंटी में झामुमो के मजबूत उम्मीदवार हो सकते थे। लेकिन पार्टी उन्हें किसी कारण से टिकट नहीं देना चाहती है।