एक इंटरव्यू में सीएम हेमंत सोरेन बोले अमित शाह छोड़ दें गद्दी
झारखंड में दूसरे चरण की 38 सीटों पर आज 20 नवंबर को मतदान चल रहा है। लोग वोट डाल रहे हैं। इसी बीच इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा के घुसपैठ के मुद्दे की हवा निकाल दी है। इस इंटरव्यू में एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछले साल 2023 में देश के गृह मंत्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमाओं पर घुसपैठ रोक दी है। अब देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। जब उन्होंने मध्य प्रदेश में ऐसा कहा था तो झारखंड में क्यों नहीं कह रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि घुसपैठिए झारखंड में नहीं हैं। घुसपैठिए असम में हैं। गृह मंत्री को असम पर ध्यान देना चाहिए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जब यह सवाल किया गया कि गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं कि बांग्लादेश से सटी सीमा पर कई होल हैं, जहां से घुसपैठिए आ सकते हैं। सीमा पर भौगोलिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसी सीमा है जहां से घुसपैठ संभव है। इसलिए यह प्रदेश की जिम्मेदारी है कि वह घुसपैठियों का पता लगाए और उन्हें बाहर निकाले। इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि तब तो गृह मंत्री अमित शाह को अपना पद छोड़ देना चाहिए। वह अपने पद से इस्तीफा दे दें। गृह मंत्रालय हमें सौंप दें। तभी हम बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ रोक सकेंगे।
दोबारा इंडिया गठबंधन की सरकार का दावा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि चुनाव के नतीजे इंडिया गठबंधन के पक्ष में आएंगे। इंडिया गठबंधन ने 5 साल जो काम किया है उसी के बूते वह लोगों से वोट मांग रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उन पर लगाया गया मनी लांड्रिंग का केस फर्जी था। केंद्र सरकार चाहती थी कि प्रदेश सरकार को कमजोर किया जाए। झारखंड मुक्ति मोर्चा को कमजोर किया जाए। इसीलिए उन्हें जेल भेजा गया।
जब हम जेल में थे बाहर था सरकार गिराने का तूफान
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जब वह जेल में थे तो उन्हें पता चला कि सरकार गिराने की साजिश हो रही है। बाहर एक तूफान आया हुआ है। इसी भी उन्हें बेल मिल गई और वह बाहर आए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि चंपई सोरेन को उन्होंने पार्टी से नहीं हटाया। ना ही किसी पद से हटाया। चंपई सोरेन जब भी जेएमएम सरकार बनती थी मंत्री बनाए जाते थे। हेमंत सोरेन ने कहा कि बस यह हुआ कि हम उन्हें प्रधानमंत्री का पद नहीं दे पाए। अपनी भाभी सीता सोरेन के बीजेपी में जाने के सवाल पर कहा कि इन दिनों नेताओं का पार्टी बदलने एक फैशन हो गया है। एक ही परिवार में दो-तीन नेता अलग-अलग पार्टी में हैं। उन्होंने कहा कि सीता सोरेन विधायक थीं। उनको हमने सम्मान दिया। लेकिन मंत्रालय देने की कई कसौटियां होती हैं।
लाभकारी योजनाओं के लिए जुटे थे 2000 करोड रुपए
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि लाभकारी योजना चलाने के लिए झारखंड सरकार के पास वाकई पैसा नहीं था। उन्होंने कई अन्य तरीकों से 2000 करोड़ का फंड जुटाया है और इसी से जनता की सेवा की जा रही है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी नीति बदली। काम आधारित स्कीम से जनता को उतना लाभ नहीं मिल रहा था। इसीलिए सीधे उनके अकाउंट में पैसा देकर उन्हें लाभान्वित करने का काम सरकार कर रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में उत्पन्न होने वाला राजस्व केंद्र सरकार एकत्र कर लेती है। केंद्र सरकार पर झारखंड का करोड़ों रुपया बकाया भी है।
आलमगीर आलम के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके घर से कोई पैसा बरामद नहीं हुआ। दरअसल केंद्र सरकार अपनी एजेंसियों को लगाकर ऐसे मंत्रियों को टारगेट करना चाहती थी जो चुनाव में जेएमएम की मदद कर सकते हैं।
गरीब कैदियों के लिए बनेगा 25 अधिवक्ताओं का पैनल
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जब वह जेल में थे तो उन्हें पता चला कि जेल में बहुत सारे बच्चे हैं जिनकी पढ़ाई नहीं हो पा रही है। उनको बड़े कैदी ही पढ़ा रहे हैं। इसके अलावा कई लोग जेल में ऐसे हैं जो अपने परिवार के साथ नहीं मिल पाए। कैदियों से मुलाकात के लिए अगर एक आदिवासी परिवार ₹5000 खर्च कर दे। तो उसके घर में 2 महीने तक चूल्हा जलना मुश्किल हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर उनकी फिर सरकार बनी तो वह 25 अधिवक्ताओं का एक पैनल बनाएंगे, जो गरीब और आदिवासियों को कानूनी सहायता प्रदान करेंगे।
झारखंड में खोले गए हैं 80 सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस
शिक्षा के क्षेत्र में झारखंड के पिछड़ने के आरोप पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रदेश में 80 सीएम स्कूल आफ एक्सीलेंस खोले हैं। कई नए स्कूल खोले गए हैं। प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि एयर एम्बुलेंस सेवा शुरू की गई है।