मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सीएम पद की शपथ लेने के बाद अब सारा फोकस मंत्रिमंडल के गठन पर है। मंत्रिपद को लेकर कांग्रेस में विधायक आपस में ही भिडे हुए हैं। विधायकों ने मंत्री बनने के लिए लाबिंग शुरू कर दी है। दिल्ली तक का सफर किया जा रहा है। विधायक सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे को साधने में लगे हैं। गुरुवार को राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ ही कई दिग्गज कांग्रेसी रांची में थे। कई कांग्रेसी विधायकों ने मंत्री बनने के लिए इन नेताओं को इंप्रेस करने में कोई कोर कसर नहीं छोडी। कोई मल्लिकार्जुन खडगे से चिपका है तो कोई झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर की परिक्रमा में जुटा है। अंदर की बात है कि कई विधायकों ने धमकी भी दे दी है कि उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया तो खैर नहीं है। सूत्रों की मानें तो सभी विधायक मंत्री बनने के लिए जोर आजमाइश में जुटे हैं। ऐसे में कांग्रेस लीडरशिप पशोपेश में है कि आखिर किसे मंत्री बनाया जाए।
झारखंड में नई सरकार बनाने की कवायद तेजी से चल रही है। सरकार अधिकतम बारह मंत्री बना सकती है। मगर, आमतौर से ग्यारह मंत्री बनते रहे हैं। मंत्री पद को लेकर मंथन शुरू है। इस बात पर मंथन किया जा रहा है कि झामुमो, कांग्रेस और राजद से किसे मंत्री बनाया जाए। फिलहाल, जेएमएम से छह, कांग्रेस से चार और राजद से एक विधायक को मंत्री बनाने की बात चल रही है।
दिल्ली भेज दिया गया नामों का पैनल
झारखंड के मंत्रिमंडल में कांग्रेस कोटे से चार मंत्री होंगे। कांग्रेस ने जेएमएम के सामने चार मंत्री की बात रख दी है। कांग्रेस के तीन मंत्री हों या चार मंत्री इसे लेकर भी जोर आजमाइश चल रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस चार मंत्री पद लेने में कामयाब हो जाएगी।
झारखंड के विधानसभा में सीटों की संख्या के हिसाब से मंत्रियों की संख्या पर मंथन हुआ है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के विधायकों की संख्या के अनुसार उसके चार मंत्री हों। यह मंत्री कौन होंगे। अभी इनके नाम पर रार चल रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि मंत्री के नाम पर दिल्ली में मोहर लगेगी। कांग्रेस के आला कमान सोनिया गांधी और राहुल गांधी बैठक कर तय करेंगे कि झारखंड में वह चार कौन से विधायक होंगे जिन्हें हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। दिल्ली से उनके नामों की सूची मांगी गई है जिन्हें मंत्री बनाया जा सकता है। प्रदेश इकाई से नाम भेज दिए गए हैं।
इसे लेकर हालांकि कयास का दौर शुरू हो गया है। इरफान अंसारी और रामेश्वर उरांव के नाम तय बताए जा रहे हैं, क्योंकि यह पूर्व में भी मंत्री रह चुके हैं। इसलिए इन्हें अनुभव के आधार पर मंत्रिमंडल में जगह दी जानी है। हालांकि, कई विधायक जो पिछले चुनाव में भी मंत्री बने थे उनका कहना है कि इस बार नए विधायकों को मौका दिया जाए। क्या हर बार यही लोग मंत्री बनते रहेंगे। अब देखना है कि कांग्रेस आलाकमान इन विधायकों की मानते हुए चारों नए मंत्री बना देता है या फिर अनुभव के आधार पर कुछ पुराने मंत्रियों को रिपीट किया जाता है।
कई अन्य नाम भी चर्चा में
दो अन्य नेता कौन मंत्री बनेंगे। इस पर विचार किया जा रहा है। कांग्रेस के पोडैयाहट से विधायक प्रदीप यादव और महगामा की विधायक दीपिका पांडे सिंह में से किसी एक को मंत्रीमंडल में जगह मिल सकती है। वैसे प्रदीप यादव का चांस ज्यादा है। क्योंकि वह लगातार विधायक बनते रहे हैं। उनके इलाके की जनता ने यह मांग उठानी शुरू कर दी है कि प्रदीप यादव को मंत्री बनाया जाए। बेरमो के कुमार जयमंगल भी मंत्री बनने की कतार में हैं। इसके अलावा, अगर एससी कोटे पर ध्यान दिया गया तो राधा कृष्ण किशोर को मंत्री बनाया जा सकता है। ईसाई समुदाय से मंत्री बनाने की बात आई तो नमन विक्सल कोंगाडी, भूषण बाडा और शिल्पी नेहा तिर्की में से किसी एक को मंत्री पद मिल सकता है। कांग्रेस में महिला विधायक को मंत्री बनाने की बात जोर पकड रही है। इसलिए माना जा रहा है कि महगामा विधायक दीपिका पांडे सिंह और मांडर की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की में से एक को मंत्री पद मिल सकता है।
इरफान को चाहिए स्वास्थ्य मंत्रालय
सूत्र बताते हैं कि इरफान अंसारी स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए जोर आजमाइश में लग गए हैं। इरफान अंसारी पूरा जोर लगाए हुए हैं कि उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय मिले। इरफान अंसारी ने एमबीबीएस की पढाई की है। इसलिए उनका तर्क है कि वह अपने अनुभव के आधार पर इस मंत्रालय को अच्छे से संभाल सकते हैं और प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में अभूतपूर्व सुधार कर सकते हैं। वह पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्रालय चाहते थे। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय बन्ना गुप्ता को मिल गया था। इससे इरफान अंसारी नाराज देखे जा रहे थे। इस बार बन्ना गुप्ता के विधानसभा में नहीं होने का लाभ इरफान अंसारी को मिल सकता है।
जेएमएम में भी मंत्रिपद के लिए चल रही लॉबिंग
कौन विधायक मंत्री बनेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ कौन विधायक मंत्री पद की शपथ लेगा। इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। कोल्हान से चौथी बार जीत दर्ज करने वाले विधायक दीपक बिरुवा इस बार भी मंत्री बनेंगे। इसके अलावा, घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन को भी मंत्री बनाया जाएगा। क्योंकि, यह दोनों पिछली सरकार में भी मंत्री थे। दुमका के विधायक बसंत सोरेन भी मंत्री बनेंगे। ईचागढ की विधायक सविता महतो को कुडमी कोटे से मंत्री बनाए जाने की बात चल रही है। पलामू से अनंत प्रताप देव, उत्तरी छोटा नागपुर प्रमंडल से मथुरा प्रसाद महतो और सुदिव्य कुमार सोनू भी मंत्री बन सकते हैं। उनके नाम पर चर्चा चल रही है। हफीजुल हसन और एमटी राजा के भी मंत्री बनने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा है कि कोल्हान से तीन मंत्री हो सकते हैं। दीपक बिरुवा और रामदास सोरेन के अलावा समीर या संजीव सरदार में से किसी एक को मंत्री बनाने पर बात चल रही है। झामुमो से इस बार कल्पना सोरेन को मंत्री पद मिल सकता है। कल्पना सोरेन एक तेज तर्रार और कद्दावर नेता के तौर पर उभरी हैं। वह झामुमो की स्टार प्रचारक रही हैं। राजनीति के जानकारों का कहना है कि इंडिया गठबंधन को इस बार अगर इतनी सीटें मिली हैं तो इसके पीछे कल्पना सोरेन की मेहनत है। महिला कोटे से कल्पना सोरेन को मंत्री पद की कमान सौंपी जा सकती है। भाकपा माले की तरफ से भी एक मंत्री बनाए जाने की मांग चल रही है। निरसा के विधायक अरूप चटर्जी को मौका देने की बात कही जा रही है। मगर, इसके चांस कम हैं।
तेजस्वी करेंगे आरजेडी कोटे से मंत्री का निर्णय
राजद कोटे से एक मंत्री बनने की बात है। आरजेडी में सुरेश पासवान के अलावा संजय प्रसाद सिंह यादव और संजय सिंह यादव में से कोई मंत्री बनेगा। राजद कोटे से कौन मंत्री बनेगा इसका निर्णय लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव करेंगे। इसे लेकर तेजस्वी यादव से इंडिया गठबंधन के बडे नेता लगातार संपर्क में बने हुए हैं।