इस पद को लेकर कंफ्यूज्ड नजर आ रही बीजेपी, आदिवासी-गैर आदिवासी भी कर रहे लॉबिंग
झारखंड चुनाव संपन्न हो गया है। सरकार बन गई। मंत्री बन गए। मंत्रियों ने शपथ ले ली। विधानसभा अध्यक्ष भी बना लिए गए। मगर, अब तक नेता प्रतिपक्ष the leader of opposition in Jharkhand सामने नहीं आया है। नेता प्रतिपक्ष कौन बनेगा। इसे लेकर अभी भी संशय बना हुआ है। नेता प्रतिपक्ष कौन बनेगा। इसे लेकर भाजपा में मारामारी चल रही है। इस पद को लेकर बीजेपी कंफ्यूज्ड नजर आ रही है। हालांकि, जेएमएम इस मुद्दे पर अब चुटकी भी लेनी लगी है। जेएमएम की तरफ से कहा जा रहा है कि बीजेपी हिमंता बिस्वा सरमा को नेता प्रतिपक्ष बना दे। कहीं से सीट खाली करा के।
अमर बाउरी के हारने से बीजेपी पर संकट
अब झारखंड में हर किसी की जुबान पर यही जुमला है कि नेता प्रतिपक्ष कौन बनेगा। पिछली सरकार में भाजपा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी थे। भाजपा में यूं तो उनसे काबिल कई नेता मौजूद थे। मगर, पार्टी ने अनुसूचित जाति के वोट बैंक को अपनी तरफ खींचने के लिए चंदन कियारी से तत्कालीन विधायक अमर कुमार बाउरी को नेता प्रतिपक्ष बनाया था। उन्होंने सदन में भाजपा की आवाज जोरदार तरीके से रखी थी। वह सीन भी हमें याद आ रहा है जब अमर कुमार बाउरी समय खत्म होने के बाद भी घर जाने के बजाए रात को ही सदन में धरना देकर बैठ गए थे और बाद में मार्शल के आदेश पर उन्हें टांग कर विधानसभा के बाहर लाया गया था।
जनता को पसंद नहीं आई अमर बाउरी की अदा
मगर, विधानसभा में शायद वह जनता की बात सही ढंग से नहीं रख पाए। जनता विधानसभा में उनके एप्रोच को पसंद नहीं कर रही थी। जनता को यह लगा कि अमर कुमार बाउरी जनता द्वारा बनाए गए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को परेशान कर रहे हैं। यही वजह थी कि जनता ने उन्हें इस चुनाव में नकार दिया और वह विधानसभा से बाहर हो गए। अब उनकी नामौजूदगी की वजह से भाजपा के सामने नेता प्रतिपक्ष को लेकर चुनौती खडी हो गई है।
रेस में सबसे आगे बाबूलाल
भाजपा में नेता प्रतिपक्ष को लेकर कई नाम हैं। धनवार से जीत कर आए हैवीवेट भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी। बाबूलाल मरांडी भाजपा में बडा नाम है। झारखंड का बडा आदिवासी चेहरा भी हैं। वह मुख्यमंत्री रह चुके हैं। केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। इस बार के चुनाव में बाबूलाल मरांडी की चली ही नहीं। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि वह इस चुनाव में असफल रहे। यही वजह है कि वह नेता प्रतिपक्ष के बडे दावेदारों में शुमार हो रहे हैं। बाबूलाल मरांडी ने फरवरी दो हजार बीस में अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा का भाजपा में विलय कर दिया था। इसके बाद भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष घोषित कर दिया था।
पिछले कार्यकाल में नहीं बन पाए नेता प्रतिपक्ष
मगर, वह नेता प्रतिपक्ष नहीं बन पाए। इसमें पेच इस तरह फंसा कि झारखंड विकास मोर्चा के दो विधायकों बंधू तिर्की और प्रदीप यादव भाजपा में न जाकर कांग्रेस में चले गए। उन्होंने दावा किया कि वह ही असली झारखंड विकास मोर्चा हैं। यही नहीं, इन दोनों ने विधानसभा ट्रिब्यूनल में शिकायत कर दी कि बाबूलाल मरांडी दल बदल कर भाजपा में चले गए हैं। इसी आधार पर मामला स्पीकर के पाले में चला गया। इसी वजह से स्पीकर ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के भाजपा के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। भाजपा ने काफी लंबी लडाई लडी। मगर, कोई फायदा नहीं हुआ। थक हार कर भाजपा ने अमर कुमार बाउरी को नेता प्रतिपक्ष बना दिया था।
चंपई बन गए हैं बाबूलाल के कंपटीटर
अब जिक्र चंपई सोरेन का। यह भी आदिवासी नेताओं में बडा चेहरा हैं। भाजपा विधानसभा चुनाव से पहले चंपई को जेएमएम से तोड कर भाजपा में लाई थी। भाजपा के जीतने पर चंपई मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब पाले हुए पार्टी में आए थे। भाजपा तो सरकार नहीं बना सकी। मगर, अब चंपई की भी निगाह नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर है। वह मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। कई बार मंत्री पद भी संभाल चुके हैं। यकीनन वह अनुभवी नेता हैं। अगर बाबूलाल मरांडी को भाजपा नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाती तो चंपई बन सकते हैं। मगर, चंपई के लिए कई अडचनें भी हैं। कुछ भाजपा के नेता नहीं चाहते कि चंपई आगे बढें। चंपई सोरेन नेता प्रतिपक्ष के तौर पर विधानसभा में अपनी बात रख पाएंगे या नहीं। इस पर भी मंथन चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि दोनों नेताओं ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सामने अपना दावा रख दिया है। इसके लिए पार्टी में लाबिंग भी शुरू हो गई है।
सीपी सिंह व नीरा यादव की भी चर्चा
भाजपा में कई गैर आदिवासी चेहरे भी हैं। इनमें सीपी सिंह हैं। वह विधानसभा अध्यक्ष और मंत्री भी रह चुके हैं। वह धमक के साथ विधानसभा में बोलते भी हैं। अब कोडरमा की विधायक नीरा यादव का नाम भी चल रहा है। वह पिछडे वर्ग से आती हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा पिछडा वर्ग को अपने साथ जोडना चाहती है। इसलिए, कुछ लोग नीरा यादव को लेकर भी संभावना जता रहे हैं। मगर, बीजेपी गैर आदिवासी चेहरे को नेता प्रतिपक्ष बनाएगी ऐसा लगता नहीं है। इसलिए, अभी बाबूलाल मरांडी का नाम दमदार है। कहा जा रहा है कि बाबूलाल मरांडी या चंपई सोरेन में से कोई एक नेता प्रतिपक्ष बनेगा।