विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में गए थे, न सीएम बन पाए, न बेटे को बना पाए विधायक
विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद एक बार फिर चंपई सोरेन की चर्चा चल निकली है। उनकी वापसी की बात होने लगी है। अब तो वह दिन भी बताया जा रहा है जब चंपई सोरेन की वापसी होगी। इसे लेकर जेएमएम के एक विधायक ने अंदर की बात बता दी है। इस बात का खुलासा किया है कि चंपई सोरेन को लेकर उनकी पार्टी में क्या चल रहा है।
सीएम हेमंत सोरेन के 31 जनवरी को गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने के बाद झारखंड में सियासी उथल पुथल मची थी। इसके बाद राजनीतिक गणितबाज कयास लगाने लगे थे कि हेमंत सोरेन कल्पना सोरेन को सीएम बनाएंगे। मगर, ऐसा नहीं हुआ। हेमंत ने कच्ची गोलियां नहीं खेली हैं। उन्होंने चंपई सोरेन को सीएम बनाया। इसी बीच जेल में सीएम को बाहर हो रहे खेल का पता चला। पता चला कि किस तरह बीजेपी उलट फेर करने वाली है। 149 दिन बाद जेल से बाहर आने के बाद हेमंत ने सीएम की कुर्सी दोबारा संभाल ली। यह बात चंपई सोरेन को नागवार गुजरी। उन्होंने दिल्ली की एक-दो यात्रा की और फिर भाजपा ज्वाइन कर ली। उनके भाजपा में आते ही एक तूफान मच गया। कहा जाने लगा कि अब जेएमएम सरकार की खैर नहीं है। अगला चुनाव महंगा पडने वाला है। मगर, ऐसा कुछ नहीं हुआ। चंपई अपनी सीट जीतने तक सीमित रह गए। उस कोल्हान और संथाल में कुछ नहीं कर पाए जहां के लिए उन्हें भाजपा में लाया गया था।
जेएमएम छोड़ कर गए कई नेताओं ने की है घर वापसी
चंपई सोरेन से पहले कई जेएमएम नेता भाजपा में गए हैं। यह नेता भाजपा में तो गए मगर इनमें से बिरले ही कामयाब हुए। कई होशियार नेता तो पलटी मार कर वापस जेएमएम में आ गए। इसीलिए चंपई सोरेन की भी चर्चा गाहे-बगाहे होने लगी है। कहा जा रहा है कि चंपई सोरेन भी घर वापसी कर सकते हैं। हालांकि, चंपई सोरेन ने कई बार कहा है कि उनका ऐसा कोई प्लान नहीं है। मगर, राजनीति के जानकार कहते हैं कि बडे नेता अपना प्लान कभी भी उजागर नहीं करते। कोई भी मसला देख लीजिए। सैकडों मिसालें हैं। चंपई सोरेन की ही मिसाल दी जा रही है। जब वह दिल्ली जाते थे तो हमेशा यही कहते थे कि वह जहां हैं वहीं हैं। दिल्ली जाने का कारण भी नया चश्मा खरीदना बता दिया था। कहा था कि दिल्ली में चश्मा खरीदने आए हैं। पार्टी छोडने का प्लान नहीं है। यहां तक कि जब उन्होंने जेएमएम छोडने का एलान किया तब भी नहीं बताया कि बीजेपी से डील हो गई है। बीजेपी ज्वाइन कर लेंगे। उन्होंने कहा नई पार्टी नया संगठन बनाएंगे।
विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने और नई सरकार के गठन के बाद एक बार चंपई सोरेन की घर वापसी की चर्चा ने जोर पकड लिया था। मगर, जब चंपई सोरेन का बयान आया तो फिर चर्चा थम गई। अब विधानसभा सत्र खत्म होते ही यह चर्चा जोर पकड रही है। फिर कहा जा रहा है कि चंपई सोरेन घर वापसी कर सकते हैं। इस बार तो वह समय भी बताया जा रहा है जब चंपई सोरेन घर वापसी करेंगे। कारण भी बताया जा रहा है कि चंपई सोरेन क्यों भाजपा में गए।
इस दिन जेएमएम में होगी घर वापसी
चंपई सोरेन के बारे में यह खुलासा किया है लिट्टीपाड़ा के विधायक हेमलाल मुर्मू ने। उनके खुलासे से पहले जान लेते हैं कि हेमलाल मुर्मू कौन हैं। हेमलाल मुर्मू साल 19990, 1995, 2000 और 2009 में 4 बार बरहेट के विधायक बन चुके हैं। 2014 में हेमलाल मुर्मू को लगा कि उनके साथ जेएमएम नाइंसाफी कर रहा है। तब उन्होंने पलटी मार दी और भाजपा के साथ खडे हो गए। भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में हेमलाल मुर्मू को ही बरहेट से उम्मीदवार बनाया। भाजपा ने सोचा था कि जीता हुआ उम्मीदवार है। सिटिंग एमएलए है। बरहेट की सीट भाजपा के खाते में जानी तय है। मगर, वह कहते हैं ना कि जेएमएम का वोटर उम्मीदवार नहीं देखता। वह तीर-धनुष देखता है। यहां से खुद हेमंत सोरेन खडे थे और हेमलाल मुर्मू हार गए। साल 2014 और 2019 में बीजेपी ने राजमहल लोकसभा सीट से टिकट दिया मगर, वह चुनाव नहीं जीत सके। हेमलाल मुर्मू की हार का सिलसिला चल निकला तो उन्होंने सूझबूझ दिखाई और साल 2023 में जेएमएम में घर वापसी कर ली। इस बार के विधानसभा चुनाव में हेमलाल मुर्मू को लिट्टीपाडा से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं। विधायक हेमलाल मुर्मू ने खुलासा किया है कि चंपई सोरेन अभी नहीं तो 10 साल बाद घर वापसी करेंगे। हेमलाल मुर्मू ने कहा कि वह 10 साल तक भाजपा में रहे। भाजपा में राजनीति कैसे होती है उनसे बेहतर कोई नहीं जानता। हेमलाल मुर्मू ने कहा कि चंपई सोरेन को पता नहीं क्या हुआ था कि वह भाजपा में चले गए। हेमलाल मुर्मू यहीं नहीं रुके। उन्होंने असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा पर भी निशाना साध दिया। उन्होंने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा झारखंड के गोगो दीदी योजना के फार्म की पोटली लेकर असम चले गए हैं। हेमलाल ने गांडेय की विधायक कल्पना सोरेन के बारे में कहा कि इसी लेडी ने भाजपा के कमल के फूल की पंखुड़ियां बिखेर कर रख दीं।