JBKSS करेगा झामुमो का नुकसान, जानें क्या है JMM को धराशाई करने का प्लान
रांची : झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए कमर कस रही है। यह पार्टी अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी। किसी पार्टी से इसका गठबंधन नहीं होगा। पार्टी के सुप्रीमो जयराम महतो पहले ही इस बात का एलान कर चुके हैं। उन्होंने इसे धनबाद में भी दोहरा दिया है और कहा है कि उनकी पार्टी किसी से भी चुनावी गठबंधन नहीं करने जा रही है। जिस तरह जयराम महतो हर प्रेस कांफ्रेंस और सभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर निशाना साध रहे हैं। उससे साफ है कि उनके निशाने पर झामुमो है। राजनीतिक जानकार भी अब यह कहने लगे हैं कि जेबीकेएसएस विधानसभा चुनावी मैदान में सिर्फ झामुमो का ही नुकसान करेगी। चूंकि, झामुमो इन दिनों इंडिया गठबंधन में है। इसलिए कहा जा रहा है कि जेबीकेएसएस के मैदान में होने से इंडिया गठबंधन को ही नुकसान होगा। उत्तरी छोटा नागपुर इलाके की लगभग 25 सीटें ऐसी हैं जहां इंडिया गठबंधन को नुकसान झेलना पड़ सकता है।
गिरीडीह लोकसभा चुनाव में कर चुके हैं नुकसान
लोकसभा चुनाव में जेबीकेएसएस के जयराम महतो झामुमो का नुकसान कर चुके हैं। कई सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की वजह से झामुमो के वोट बंट गए और वहां से एनडीए गठबंधन के प्रत्याशी जीत गए। गिरीडीह लोकसभा सीट पर ही झामुमो के मथुरा महतो को 3 लाख 70 हजार 259 मत मिले। जेबीकेएसएस के जयराम महतो को 3 लाख 47 हजार 322 मत मिले। जबकि, आजसू के चंद्र प्रकाश चौधरी 4 लाख 51 हजार 139 मत पाकर यहां से सांसद बन गए। कहा जा रहा है कि अगर यहां से जयराम महतो नहीं होते तो झामुमो के उम्मीदवार मथुरा महतो जीत जाते।
रांची में बिगाड़ा कांग्रेस का खेल
जेबीकेएसएस ने लोकसभा चुनाव में रांची में भी कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया। यहां भाजपा के संजय सेठ को 6 लाख 64 हजार 732 वोट मिले। जबकि कांग्रेस की उम्मीदवार यशस्विनी सहाय 5 लाख 44 हजार 220 वोट ही जुटा सकीं। वह भाजपा से 1 लाख 20 हजार 512 वोटों से हारीं। जबकि, जेबीकेएसएस के उम्मीदवार देवेंद्र नाथ महतो को 1 लाख 32 हजार 647 वोट मिले। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि देवेंद्रनाथ महतो को जो वोट मिले वह कांग्रेस के वोट थे। क्योंकि, कांग्रेस और झामुमो मिलकर यह चुनाव लड़े थे। झामुमो का कुछ आदिवासी वोट जेबीकेएसएस की तरफ में चला गया और इसी के चलते यहां इंडिया गठबंधन मात खा गया।
जमशेदपुर में उम्मीदवार न होने का भाजपा को मिला लाभ
जमशेदपुर में जेबीकेएसएस ने अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा। भाजपा को इसका लाभ मिला। महतो बिरादरी जेबीकेएसएस का खास वोट बैंक है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर जमशेदपुर में जेबीकेएसएस कैंडिडेट उतरता तो भाजपा के उम्मीदवार विद्युत वरण महतो को इसका नुकसान झेलना पड़ता।
छोटा नागपुर होगा सियासत का केंद्र
अंदर से जो जानकारी छन कर बाहर आ रही है उसके अनुसार जेबीकेएसएस कुल 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की रणनीति तैयार करने जा रही है। वह छोटा नागपुर इलाके की सभी 25 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। जेबीकेएसएस चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर चुका है। सीटों पर उम्मीदवार खोजे जा रहे हैं। जेबीकेएसएस ने इस लोकसभा चुनाव में आठ उम्मीदवार उतारे थे। पार्टी रणनीति तैयार कर रही है कि इनमें से जिन उम्मीदवारों ने चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया था। दमखम लगा कर चुनाव लड़े थे उन्हें विधानसभा चुनाव में भी मौका दिया जाए। इसके अलावा, पार्टी स्थानीय संगठन से भी फीड बैक ले रही है। पार्टी ने उम्मीदवारों की अनुमानित सूची तैयार कर ली है। चुनाव का एलान होते ही पार्टी प्रत्याशियों की आखिरी लिस्ट जारी कर सकती है।
बूथ मैनेजमेंट तैयार कर रही जेबीकेएसएस
जेबीकेएसएस विधानसभा चुनाव के लिए स्ट्रेटेजी प्लान तैयार करने में जुट गई है। पार्टी जिन सीटों पर चुनाव लड़ेगी वहां बूथ कमेटी बना रही है। बूथ कमेटी तैयार करने के लिए जिला इकाई को कह दिया गया है। पार्टी बिना बूथ कमेटी बनाए हुए ही लोकसभा चुनाव में उतर गई थी। इसका उसे खमियाजा भी भुगतना पड़ा। लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा। पार्टी सुप्रीमो जयराम महतो तक गिरीडीह से चुनाव हार गए थे। वह दूसरे नंबर पर भी नहीं पहुंच पाए थे।
नुकसान कम करने की रणनीति तैयार कर रही झामुमो
झामुमो भी इस नुकसान को कम करने की कवायद में जुट गई है। बड़े नेता इस बात को लेकर मंथन कर रहे हैं कि झामुमो जेबीकेएसएस के नुकसान को कैसे सीमित करें। इसके लिए पार्टी महतो नेताओं को आगे करने का मन बना रही है। क्योंकि, झामुमो को पता है कि जेबीकेएसएस महतो बिरादरी को झामुमो से काट सकती है। झामुमो की टीम जेबीकेएसएस के नारों और उनके नेता जयराम महतो के भाषणों का अध्ययन कर रही है। जयराम महतो जिन बातों को अपने भाषण में उठा रहे हैं, उनकी काट तैयार की जा रही है। ताकि, जेबीकेएसएस की कही बातों का आदिवासियों पर कोई खास असर नहीं पड़े। इसके अलावा, आदिवासी और महतो नेताओं की एक टीम बनाई जा रही है जो धरातल पर उतरकर जेबीकेएसएस का जवाब देगी।
इन दो सीटों से चुनाव लड़ेंगे जयराम
जेबीकेएसएस सुप्रीमो जयराम महताे गिरीडीह लोकसभा क्षेत्र में आने वाली एक सीट से चुनाव लड़ेंगे। उनकी टीम उस सीट पर मंथन कर रही है। कहा जा रहा है कि यह वह सीट होगी जहां जेबीकेएसएस का प्रदर्शन अच्छा रहा होगा। जहां से जयराम महतो को सर्वाधिक वोट मिले हैं। इसके अलावा, जयराम महतो हजारीबाग या धनबाद लोकसभा क्षेत्र में आने वाली किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। यहां भी उनकी टीम इस बात का आकलन करने में जुटी है कि किस इलाके में महतो वोट अधिक हैं। ताकि, बिरादरी के वोट बैंक का फायदा उठाया जा सके।