आज होगी बिहार के नए प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की ताजपोशी, जानें साधे जाएंगे कौन से समीकरण
पटना : बिहार के नए प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की सोमवार को आज ताजपोशी होगी। दिलीप जायसवाल आज पटना पहुंच रहे हैं। यहां उनका भव्य स्वागत किया जाएगा और फिर इसके बाद वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद का प्रभार लेंगे। भाजपा के दिग्गज नेता सम्राट चौधरी को हटा कर भाजपा ने दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष क्यों बनाया। बिहार में यह सवाल सियासी फिजा में तैर रहा है। आइए समझते हैं कि आखिर भाजपा दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बना कर बिहार में कौन से हित साधना चाहती है।
बिहार में अगले साल 2025 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों से पहले पार्टी वैश्य वोट बैंक को मजबूत बनाना चाहती है। दिलीप जायसवाल कलवार बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं। भाजपा अभी सीमांचल में कमजोर है। दिलीप जायसवाल की सीमांचल में अच्छी पकड़ है। इस वजह से भी बिहार में दिलीप जयसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। पार्टी को ने लोकसभा की 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था। पार्टी इनमें से पांच सीटों पर चुनाव हार गई है। समीक्षा में पार्टी को पता चला है कि भाजपा को अपने वैश्य वोट बैंक पर भी पकड़ बनाने की जरूरत है। दिलीप जायसवाल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। अमित शाह पिछली बार जब किशनगंज आए थे तो वह दिलीप जायसवाल के घर पर भी गए थे।
लोकसभा में हार का भुगततना पड़ा खमियाजा
बताया जा रहा है कि सम्राट चौधरी को लोकसभा चुनाव में हार का खमियाजा भुगतना पड़ा। बिहार में लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं माना गया। पार्टी ने सोचा था कि वह बिहार में सारी 17 सीटें निकाल लेगी मगर, ऐसा नहीं हो सका। इस वजह से शीर्ष नेतृत्व सम्राट चौधरी की जगह दूसरा प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहता था। इसी वजह से सम्राट को हटाया गया। बताया जा रहा है कि जब जदयू और भाजपा का गठबंधन हुआ तो सम्राट चौधरी उप मुख्यमंत्री बनाए गए। इसलिए, यह भी माना जा रहा था कि डिप्टी सीएम बनने के बाद सम्राट चौधरी संगठन का काम नहीं देख पा रहे हैं। इस वजह से उन्हें हटाया जाना जरूरी हो गया था।