निलंबित भाजपा विधायकों ने विधानसभा के सामने बालू बेचने के बाद सीएम के चैंबर को घेरा, जानें विधायकों ने क्यों बेची महंगी बालू
रांची : झारखंड के 22 में से 18 भाजपा विधायकों ने शुक्रवार को विधानसभा के सामने बालू बेच कर सरकार का विरोध जताया। भाजपा के विधायकों ने आरोप लगाया कि सरकार की मुफ्त बालू देने की योजना हवा-हवाई है। हालांकि, वह इस बात का जवाब नहीं दे सके कि अभी तो योजना का एलान ही हुआ है। ऐसे में अभी कैसे कहा जा सकता है कि योजना हवा-हवाई है। बालू बेचने वाले विधायकों में नीरा यादव, शशिभूषण मेहता आदि शामिल थे। विधायकों ने महंगी बालू बेची। नीरा यादव की बालू 100 रुपये प्रति किलो थी तो शशिभूषण मेहता की बालू उनसे 10 गुना महंगी थी। निलंबित विधायकों ने बालू बेचने के बाद सचिवालय में सीएम के चैंबर का घेराव किया है। सभी विधायक सीएम चैंबर में फर्श पर बैठ कर प्रदर्शन कर रहे हैं।
सर पर टोकरी में बालू लेकर पहुंचे थे शशिभूषण मेहता
विधायक शशिभूषण मेहता शुक्रवार को सर पर बालू की टोकरी लेकर पहुंचे थे। उन्होंने अपनी बालू का दाम 1000 रुपये प्रति किलो रखा था। विधायक नीरा यादव भी बालू के साथ तराजू भी लेकर पहुंची थीं। वह 100 रुपये प्रति किलो बालू बेच रही थीं। निलंबित विधायकों का कहना है कि प्रदेश में बालू की कालाबाजारी हो रही है। उनका कहना है कि बालू देने की सरकार की योजना छलावा है। विपक्ष इसका विरोध करता है।
सरकार ने दिया है आयकर नहीं देने वालों को मुफ्त बालू देने का एलान
विधानसभा के मानसून सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि सरकार ऐसे लोगों को मुफ्त बालू मुहैया कराएगी जो आयकर नहीं देते। ऐसे गरीब लोगों को सरकार घर बनाने के लिए फ्री बालू देगी। भाजपा के विधायक अभी से कह रहे हैं कि सरकार की यह योजना गरीबों के लिए धोखा है। उनका कहना है कि यह घोषणा हवा में कर दी गई है।
क्यों बेची महंगी बालू
विधायकों से पत्रकारों ने जब बालू महंगी बेचने के बारे में पूछा तो उनका जवाब था कि वह महंगी बालू इसलिए बेच रहे हैं क्योंकि, बालू बाजार तक पहुंचाने में काफी पैसा देना पड़ता है। ऐसा सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार की वजह से हो रहा है। बालू बाजार तक लाने में कई थाने में पैसा देना पड़ता है। बालू बेचने वाले विधायकों में विरंची नारायण, अनंत ओझा, रणधीर सिंह, नवीन जायसवाल, नारायण दास, केदार हाजरा, किशुन दास, सीपी सिंह, अमित मंडल, कोचे मुंडा, भानू प्रताप शाही, शशिभूषण मेहता, आलोक चौरसिया, पुष्पा देवी, नीरा यादव, समरी लाल, अपर्णा सेन गुप्ता, राज सिन्हा आदि शामिल रहे।
सीएम के चैंबर को विपक्षी विधायकों ने घेरा
विधानसभा में जहां अंदर सदन की कार्यवाही चल रही है। वहीं निलंबित 18 विधायक विधानसभा सचिवालय में प्रदर्शन कर रहे हैं। विधायकों ने विधानसभा में मुख्यमंत्री के चैंबर को घेर लिया है। यहां विधायक धरने पर बैठ रहे हैं। सभी विधायक शुक्रवार दोपहर बाद दो बजे तक के लिए निलंबित हैं। नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने एक वीडियो भी जारी किया है।
पांच साल के हिसाब चल रहा टकराव
झारखंड विधानसभा के इस मानसून सत्र में बुधवार को विपक्षी विधायक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पांच साल का हिसाब मांग रहे हैं। मुख्यमंत्री ने एलान किया था कि वह शुक्रवार को सत्र के आखिरी दिन पूरा हिसाब देंगे। खूब बोलेंगे और विपक्षी विधायकों को संतुष्ट कर देंगे। मगर, इस पर भाजपा के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया था। उनका कहना था कि सीएम बुधवार को ही बोलें। इसी बात को लेकर हंगामा हुआ और स्पीकर ने सदन की कार्यवाही अगले दिन तक के लिए स्थगित कर दी थी। मगर, विपक्षी विधायक विधानसभा में ही धरने पर बैठ गए थे। रात होने पर विधानसभा की लाइटें बंद कर दी गई थीं। मगर, विधायक नहीं हटे थे। उन्हें मनाने रात को ही सीएम हेमंत सोरेन पहुंचे थे। मगर, विधायक नहीं माने थे। बाद में मार्शल लगा कर उन्हें टांग कर बाहर कर दिया गया था।
इन मुद्दों पर सरकार को घेर रही भाजपा
भाजपा के विधायकों का कहन है कि पारा शिक्षक, मनरेगा कर्मी, आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका, रसोइया, कृषि मित्र, आदि सभी अनुबंध कर्मियों को स्थायी करने का सीएम ने वादा किया था। इसके अलावा, हर साल पांच लाख लोगों को नौकरी दिलाने की बात भी कही गई थी। भाजपा के विधायक सरकार से यह पूछ रहे हैं कि आखिर इन वादों का क्या हुआ।