ये है झारखंड में सत्ता की बागडोर संभालने को बेताब बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक
रांची : भाजपा झारखंड में डबल इंजन की सरकार बनाने को बेताब है। इसके लिए चाणक्य नीति का सहारा लिया जा रहा है। जोड़तोड़ चल रहा है। कूटनीति चरम पर है। भाजपा के थिंक टैंक को लगा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही इंडिया गठबंधन की सरकार को हटा कर डबल इंजन की सरकार बनाने के लिए 1 हार्स पावर का इंजन काम नहीं कर पाएगा। 1 हार्स पावर का इंजन हांफ जा रहा है। इसलिए, भाजपा ने 7 हार्स पावर के इंजन का इंतजाम कर लिया है। हेमंत को हटाने के लिए सात पूर्व सीएम व सीएम लगा दिए गए हैं। राजनीतक जानकार बताते हैं कि यह 7 हार्स पावर का इंजन झारखंड में डबल इंजन की सरकार लाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। इसके अलावा, भाजपा शासित पड़ोसी राज्यों के मंत्रियों को भी झारखंड में झोंक दिया गया है। यह मंत्री अभी से अपने-अपने आवंटित इलाकों में दौरा करने में जुट गए हैं। अब राजनीतिक बाजी किसके हाथ लगेगी। 7 हार्स पावर का इंजन कामयाब होगा या नहीं, राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें इस पर टिक गई हैं।
भाजपा के लिए झारखंड काफी अहम है। धन-धान्य से भरपूर यह राज्य भाजपा की सियासत को चार चांद लगा सकता है। इसीलिए, भाजपा नेतृत्व आयरन ओर, कोयला आदि से संपन्न इस सूबे की बागडोर किसी भी कीमत पर संभालना चाहते हैं। पार्टी ने इसकी प्लानिंग कई साल पहले से ही कर ली थी। झारखंड विकास मोर्चा का भाजपा में विलय करा के बाबूलाल मरांडी को इसी दिन के लिए लाया गया था। मगर, अब भाजपा को लग रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी अकेले भाजपा को सत्ता की मलाई तक नहीं पहुंचा सकते। 1 हार्स पावर का इंजन काम नहीं कर पाएगा। इस वजह से, भाजपा ने यहां से 7 हार्स पावर का इंजन लगाने की योजना तैयार कर ली गई। इसी के तहत 7 हार्स पावर का इंजन तैयार करने को पूर्व सीएम चंपई सोरेन को झामुमो से लाया गया। इस 7 हार्स पावर में पूर्व सीएम चंपई सोरेन, अर्जुन मुंडा, पूर्व सीएम मधु कोड़ा, पूर्व सीएम रघुवर दास, पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी, मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा हैं।
झारखंड जीतने के लिए लगे सात पूर्व व असम के सीएम
भाजपा ने झारखंड को जीतने के लिए सात पूर्व सीएम व सीएम लगा दिए हैं। पूर्व सीएम चंपई सोरेन, मधु कोड़ा, अर्जुन मुंडा, बाबूलाल मरांडी और असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा को आदिवासी सीटों पर भगवा फहराने की जिम्मेदारी दी गई है। भाजपा का फोकस संथाल और कोल्हान की आदिवासी सीटें हैं। भाजपा के थिंक टैंक को यह पता चल गया है कि अगर झारखंड को फतह करना है तो आदिवासी सीटों पर जीतना होगा। इसीलिए, इन पूर्व व असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा लगाए गए हैं। कहा जा रहा है कि 7 हार्स पावर का इंजन भी इंडिया गठबंधन की सरकार के सामने हांफ रहा है। इंजन में आपस में तालमेल नहीं बैठ पा रहा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी झारखंड के चुनाव पर बराबर नजर रखे हुए है।
झारखंड में ही नजर आ रहे हिमंता
हालात ऐसे हैं कि असम के सीएम असम में कम झारखंड में ज्यादा नजर आ रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि दिल्ली से हिमंता के लिए निर्देश आया है कि कुछ भी करो, झारखंड की गद्दी भाजपा को चाहिए। इसके लिए उन्हें फिलहाल असम भूल जाने को कहा गया है। हिमंता ऐसा कर भी रहे हैं। उनके दिमाग में सुबह-शाम झारखंड ही है। चर्चा है कि रघुवर दास को भी लाया जा रहा है।
आपरेशन कोल्हान में लगे रघुवर
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर पार्टी रघुवर दास को पूरी तरह से झारखंड नहीं भी लाएगी तो भी उन्हें आपरेशन कोल्हान में लगाया गया है। उन्हें जमशेदपुर पूर्वी और जमशेदपुर पश्चिमी सीट पर भाजपा की मदद करने को कहा गया है। यह दोनों सीटें भी भाजपा जीतना चाहती है। जमशेदपुर पश्चिम में उम्मीदवार की तलाश में भी रघुवर की सलाह ली जा रही है। रघुवर दास नाराज नहीं हों और जदयू के सरयू राय भी फिट हो जाएं। भाजपा में इस बात पर मंथन चल रहा है।