रांची : झारखंड में इस साल जनता दल युनाइटेड जोरशोर से विधानसभा चुनाव लड़ेगी। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के पार्टी में आने की वजह से पार्टी की सियासी स्थिति मजबूत हो गई है। पार्टी ने भाजपा के सामने झारखंड में 11 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दे दिया है। सीटों के फार्मूले पर भाजपा से जदयू की बातचीत का दौर शुरू हो गया है। इसे लेकर दिल्ली में एक राउंड की बातचीत हो चुकी है। जल्द ही अगले राउंड की बातचीत का दौर शुरू होगा। इसके पहले नौ सितंबर को रांची में पार्टी का एक अहम सम्मेलन करने जा रही है। इस सम्मेलन में जदयू जहां संगठन विस्तार पर चर्चा करेगी वहीं पार्टी के शीर्ष नेता सीटों के बंटवारे पर मंथन करेंगे।
रांची आ रहे हैं बिहार के कई मंत्री व नेता
रांची में होने वाले जदयू के सम्मेलन में बिहार के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री व पार्टी के संगठन प्रभारी अशोक चौधरी आ रहे हैं। इसके अलावा, बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री व झारखंड के पूर्व प्रभारी श्रवण कुमार और राष्ट्रीय आवास बोर्ड के चेयरमैन विजय सिंह भी इस सम्मेलन में मौजूद रहेंगे। यह सम्मेलन रांची में विधानसभा के सभागार में अयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में झारखंड के सभी जिलाध्यक्षों, प्रदेश कमेटी के सभी मोर्चा के अध्यक्षों और प्रदेश की कोर कमेटी के नेता मौजूद रहेंगे। इस सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो और युवा जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष निर्मल सिंह भी मौजूद रहेंगे।
महत्वपूर्ण सीटों की बनेगी प्राथमिकता सूची
रांची में होने वाले इस सम्मेलन का मकसद जहां संगठन को मजबूत करना है तो वहीं पार्टी महत्वपूर्ण सीटों की सूची तैयार करने जा रही है। इस सूची को लेकर ही पार्टी के बड़े नेता दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ सीटों के बंटवारे पर चर्चा होगी। इस सम्मेलन में आने वाले बिहार के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा की स्थिति जदयू में दूसरे नंबर के नेता की है। संजय झा का भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ भी अच्छा तालमेल है। अशोक चौधरी बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के करीबी माने जाते हैं। श्रवण कुमार को झारखंड का अच्छा अनुभव है। बताया जा रहा है कि सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा से जो बातचीत चल रही है उसमें जदयू की तरफ से यही नेता शामिल हैं।
जमशेदपुर पूर्वी, मांडू, छतरपुर आदि सीटों पर है फोकस
जदयू के ये बड़े नेता उन सीटों की सूची तैयार करने में जुट गए हैं जिन पर पार्टी को अड़े रहना है और इन सीटों को हर हाल में लेना है। इन सीटों पर जमशेदपुर पूर्वी की सीट अहम है। यहां से विधायक सरयू राय लड़ना चाहते हैं। इसके अलावा, मांडू की सीट पर भी जदयू का अड़ रही है। मांडू से पूर्व विधायक खीरू महतो के पुत्र चुनाव लड़ने की योजना तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा, छतरपुर विधानसभा सीट पर भी जदयू मजबूत दावा ठोक रही है। यहां से जदयू की नेता पूर्व विधायक सुधा चौधरी चुनाव लड़ेंगी। सुधा चौधरी साल 2009 में यहां से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं और जीत गई थीं। उन्होंने झामुमो के मनोज कुमार को यहां से हराया था। साल 2014 में इस सीट से भाजपा के राधा कृष्ण किशोर जीते थे। जदयू की उम्मीदवार सुधीर चौधरी 10 हजार 104 वोट हासिल कर पांचवें नंबर पर पहुंच गई थीं। विधानसभा चुनाव 2019 में भी भाजपा की पुष्पा देवी ने यहां से चुनाव जीता था। उन्होंने राजद के विजय कुमार को हराया था। इस चुनाव में भी सुधा चौधरी पांचवें नंबर पर चली गई थीं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पिछले दो चुनावों में सुधा चौधरी का प्रदर्शन खराब रहा है। इसलिए जदयू को छतरपुर सीट अपनी झोली में करने में काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है। भाजपा की पुष्पा देवी यहां से सिटिंग विधायक हैं। इसलिए, भाजपा इस सीट को छोड़ने के लिए कतई तैयार नहीं होगी। जदयू युवा के प्रदेश अध्यक्ष निर्मल सिंह भी एक सीट पर चुनाव लड़ेंगे। निर्मल सिंह
इन सीटों पर है जदयू का दावा
जमशेदपुर पूर्वी, मांडू, छतरपुर, झरिया, देवघर, जरमुंडी, हुसैनाबाद,पांकी, डाल्टनगंज, बिश्रामपुर आदि सीटों पर भी जदयू का दावा है।