जमशेदपुर : कोल्हान की ईचागढ़ विधानसभा सीट पर कब्जे को लेकर आजसू और भाजपा आमने-सामने है। आजसू जहां इस सीट से अपने कद्दावर नेता हरेलाल महतो को चुनावी मैदान में उतारना चाहती है तो पूर्व विधायक भाजपा नेता अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह इस सीट पर अपना दावा ठोक रहे हैं। हालात ऐसे बन गए हैं कि ईचागढ़ सीट राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए के गले की हड्डी बन सकती है। इस सीट के लिए आजसू व भाजपा में खींचतान का मामला दिल्ली तक पहुंच चुका है और वहां से एनडीए गठबंधन के नेताओं के लिए आदेश जारी करना पड़ा है। एनडीए में सीटों के फार्मूले पर अभी बात चल रही है। सुदेश महतो दिल्ली जा कर केंद्रीय गृह मंत्री अमितशाह से मुलाकात कर चुके हैं। खबर में हम जानेंगे कि नेताओं के लिए दिल्ली से क्या निर्देश आया है।
किसकी झोली में जाएगी ईचागढ़ सीट
ईचागढ़ विधानसभा सीट पर इस बार आजसू का दावा तगड़ा है। आजसू पार्टी के नेता यह मान कर चल रहे हैं कि वह इस सीट को अपनी झोली में डाल लेंगे। मगर, भाजपा आला कमान ने जो इधर बीच जो तेवर दिखाए हैं, उससे ऐसा लगता है कि आजसू फिलहाल बैकफुट पर है। आजसू इस सीट पर इसलिए दावा कर रही है क्योंकि, विधानसभा चुनाव 2019 में आजसू के भावी उम्मीदवार हरेलाल महतो एजेएसयूपी पार्टी से लड़े थे और 38 हजार 836 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे थे। जबकि, भाजपा के उम्मीदवार साधु चरण महतो 38 हजार 485 मत पाकर तीसरे नंबर पर थे। आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो भाजपा आला कमान को समझाने में लगे हैं कि इस बार आजसू यह सीट निकाल सकती है। मगर, भाजपाइयों का दावा है कि भाजपा भले ही तीसरे नंबर पर थी मगर, हरेलाल महतो ज्यादा अंतर से आगे नहीं थे। भाजपाइयों का गणित है कि साल 2009 में इस सीट से बाबूलाल मरांडी की पुरानी पार्टी जेवीएम के टिकट पर विधायक बने अरविंद सिंह अब भाजपा के साथ हैं। इस सीट पर अरविंद सिंह का अपना तगड़ा नेटवर्क है। इसलिए, इस सीट पर भाजपा की जीत आसान है। अब सब की टकटकी इस बात पर है कि ईचागढ़ की सीट भाजपा को मिलती है या फिर आजसू इस पर कब्जा जमाती है।
भाजपा आलाकमान तक पहुंची दावेदारी की बात
ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में चूल्हा प्रमुख सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने साफ एलान कर दिया था कि ईचागढ़ से आजसू के कद्दावर नेता हरेलाल महतो चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद यहां से भाजपा के टिकट के दावेदार अरविंद सिंह और साथ में भाजपा जिलाध्यक्ष भी एक्टिव हो गए। ईचागढ़ सीट पर भाजपा की दावेदारी की बात एक बार फिर आला कमान तक पहुंचा दी गई है। इसके बाद भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी इस सीट को लेकर गंभीर हो गया है। माना जा रहा है कि भाजपा शीर्ष नेतृत्व को यह बात समझा दी गई है कि इस सीट पर आजसू के साथ कोई समझौता नहीं किया जाए क्योंकि, इस सीट पर भाजपा को हर हाल में जीत मिलने की संभावना है।
जानें क्या आया दिल्ली से आदेश
ईचागढ़ सीट पर भाजपा व आजसू के नेताओं के आमने सामने आने के बाद मामला दिल्ली तक पहुंच गया है। सूत्रों की मानें तो दिल्ली से एनडीए के नेताओं को आदेश जारी किया गया है कि वह किसी सीट के लिए सार्वजनिक स्थल पर यह नहीं कहें कि इस सीट पर किस पार्टी का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा। ऐसा करने पर तब तक के लिए रोक लगाई गई है जब तक सीटों का फार्मूला तय नहीं हो जाता।
दो बार विधायक रह चुके हैं अरविंद सिंह
अरविंद सिंह ईचागढ़ से दो बार चुनाव जीत कर विधायक रह चुके हैं। साल 2000 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए उन्होंने झामुमो के सुधीर महतो को 12 हजार 467 मतों से हराया था। अरविंद सिंह साल 2009 में भी विधायक बने थे। तब उन्होंने झाविमो के टिकट पर आजसू के बिश्व राजन महतो को 17 हजार 636 मतों से हराया था। लेकिन, साल 2005 के चुनाव में भी अरविंद सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे मगर, झामुमो के सुधीर महतो से 11 हजार 78 वोटों से हार गए थे। साल 2014 में जेवीएम के टिकट पर लड़ रहे अरविंद सिंह तीसरे नंबर पर खिसक गए थे। इस चुनाव में भाजपा के साधुचरण महतो जीते थे। 2019 में अरविंद सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और चौथे स्थान पर खिसक गए थे।
ईचागढ़ से कब कौन जीता
2019- सबिता महतो, झामुमो
2014- साधु चरण महतो, भाजपा
2009- अरविंद कुमार संह, झाविमो
2005- सुधीर महतो, झामुमो
2000- अरविंद कुमार सिंह, भाजपा
1985- प्रभात कुमार आदित्य देव, कांग्रेस
1972- शत्रुघ्न आदित्य देव, निर्दलीय
1967-प्रभात कुमार आदित्य देव, कांग्रेस
1962- प्रभात कुमार आदित्य देव, स्वराज पार्टी