क्या हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे पर लड़ा जाएगा झारखंड का चुनाव, जानें क्यों भाजपा को निशाने पर ले रही झामुमो
रांची : झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी जोर-शोर से शुरू है। असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा के साथ ही भाजपा के कई वरिष्ठ नेता पाकुड़ में डेमोग्राफी का मुद्दा उठा कर भाजपा को घेरना चाहते हैं। इसके अलावा, पाकुड़ में घटी घटनाओं को भी यही कलर दिया जा रहा है। इससे आशंका उठने लगी है कि क्या भाजपा इस बार झारखंड के चुनाव में हिंदू-मुस्लिम के ही मुद्दे पर चुनाव लड़ने जा रही है। इसी को लेकर झामुमो भाजपा को निशाने पर लिए हुए है।
हिमंता खुल कर बोले- हिंदू-मुस्लिम है मुद्दा
असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा कुछ दिन पहले जमशेदपुर आए थे। यहां उन्होंने साफ लफ्जों में कहा था कि देश में हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा है ही। उन्होंने अपनी बात को तार्किक रंग देने के लिए पाकिस्तान का सहारा भी लिया था। हिमंता ने कहा था कि अगर हिंदू मुस्लिम मुद्दा नहीं होता तो पाकिस्तान कभी नहीं बनता। उन्होंने इंडिया गठबंधन की मुख्य घटक दल कांग्रेस पर निशाना भी साधा था और कहा था कि भाजपा हिंदू-मुस्लिम करती है तो क्या हुआ। कांग्रेस तो सिर्फ मुस्लिम मुस्लिम करती है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि झारखंड फतह करने के लिए पार्टी हिंदू-मुस्लिम मुद्दे की ही लाइन पर चल रही है।
कब किस पार्टी को मिली कितनी सीटें
साल 2014 विधानसभा चुनाव-
भाजपा 37 सीट,
झामुमो 19 सीट
कांग्रेस 6 सीट
झारखंड विकास मोर्चा 8 सीट
आजसू- 5
बहुजन समाज पार्टी- 1
सीपीआई – 1
जयभारत समानता पार्टी- 1
नौजवान संघर्ष मोर्चा- 1
झारखंड पार्टी – 1
मार्किस्ट कोआर्डिनेशन कमेटी- 1
साल 2019 चुनाव
भाजपा 25 सीट
झामुमो 30 सीट
कांग्रेस 16 सीट
आजसू – 2 सीट
झारखंड विकास मोर्चा – 3सीट
सीपीआई- 1 सीट
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी – 1
केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग
सांसद निशिकांत दुबे संथाल के मुस्लिम इलाकों को मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग कर चुके हैं। उनकी इस मांग से भी हिंदू मुस्लिम मुद्दे की बू आती है। हालांकि झामुमो ने उनकी मांग पर उन्हें घेरा भी है। इसका जवाब देते हुए सांसद निशिकांत दुबे कहते हैं कि साल 2000 में संथाल परगना में आदिवासियों की आबादी 36 प्रतिशत थी। यह घटकर 26% हो गई है। उनका सवाल है कि इतनी बड़ी संख्या में आदिवासी कहां चले गए।
झामुमो उठा रही गृह मंत्री पर सवाल
झामुमो भाजपा के आरोपों का जवाब दे रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल के बाहर आने के बाद राजनीतिक माहौल तेजी से बदला है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गृह मंत्री अमित शाह पर सवाल उठा रहे हैं। झामुमो की तरफ से कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार बांग्लादेश बॉर्डर की सुरक्षा नहीं कर पा रही है। बीजेपी के चाणक्य गृह मंत्री की कुर्सी पर हैं और मोदी सरकार बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के लिए रेड कारपेट बिछाकर चलती है और अब अपनी नाकामयाबी का ठीकरा विपक्ष पर फोड़ रही है