कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर होंगे ‘आउट ‘ जानिए कि कौन बनेगा नया प्रदेश अध्यक्ष
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर की छुट्टी होने वाली है. झारखंड में कांग्रेस की कमान कौन संभाले, उस चेहरे की तलाश कांग्रेस आलाकमान कर रही है. इसके लिए पार्टी प्रदेश के नेताओं से बातचीत कर उनकी राय ले रहा है. मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस के नया प्रदेश के लिए मुख्य रूप से नेतृत्व क्षमता के साथ ही जातीय समीकरणों को आधार बनाया जा रहा है।
25 अगस्त वर्ष 2021 को कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर को झारखंड की कमान सौंप थी। उनके साथ ही चार नए कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गये थे। जिनमें तत्कालीन सांसद गीता कोडा, विधायक बंधु तिर्की, पूर्व मंत्री जलेश्वर महतो और राज्यसभा प्रत्याशी रहे शहजादा अनवर को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह अनुशंसा की थी। कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि राजेश ठाकुर को प्रदेश अध्यक्ष बनाने में तत्कालीन प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने अपना वीटो पावर लगाया था। अब करीब तीन साल का कार्यकाल राजेश ठाकुर ने पूरा कर लिया है। इस कार्यकाल में उन्होंने कई कार्य किए। प्रदेश में इंडिया गठबंधन की सरकार में उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा भी दिया गया। उन्हीं के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव भी लडा गया था। लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली। पार्टी सात सीटों पर चुनाव लडी, जिसमें सिर्फ दो सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी। तीन साल में कई बार प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की मांग समय-समय पर होती रही। लेकिन, इस बार कांग्रेस आलाकमान भी सीरियस मूड में है। इसके लिए प्लॉटिंग तैयार कर ली गयी है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने झारखंड के 20 नेताओं को दिल्ली तलब किया। सभी नेताओं से पहले उन्होंने उनकी राय जानी। पूछा गया कि बताएं कि प्रदेश नेतृत्व को बदला जाए या नहीं ? जानकारी के मुताबिक 15 लोगों ने प्रदेश अध्यक्ष को बदलने पर अपनी हामी भरी जबकि पांच लोगों ने कहा कि दो महीने बाद चुनाव है। चुनाव से ठीक पहले अध्यक्ष बदलने से पार्टी को नुकसान हो सकता है. इस बातचीत के साथ ही सभी बीस बडे नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से उनके, 10 राजा जी मार्ग स्थित घर में मुलाकात भी की। इस मुलाकात के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी की स्थिति पर चर्चा की। सीट शेयरिंग पर भी चर्चा की गयी।
एक खेमा आदिवासी तो दूसरा ओबीसी को बनाने की कर रहा है पैरवी
दिल्ली में झारखंड के नेताओं की परेड में यह भांपने का प्रयास किया गया, कि आखिर किसे नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए। इस पर प्रदेश के कई नेताओं ने अपना नाम ही सजेस्ट कर दिया। वहीं, कई नेताओं ने कहा कि जातीय समीकरण के आधार पर नया प्रदेश अध्यक्ष बने। अधिकांश नेताओं ने कहा कि प्रदेश की कमान किसी आदिवासी को सौंपी जाए। इसके लिए बंधु तिर्की, प्रदीप कुमार बालमुचू, सुखदेव भगत के नाम की चर्चा हुई। वहीं दूसरे खेमे की दलील है कि इस बार प्रदेश की कमान किसी ओबीसी को सौंपी जाए। ताकि ओबीसी वोट बैंक कांग्रेस के साथ जुड सके। ओबीसी चेहरे में सबसे आगे प्रदीप यादव का नाम चल रहा है. वहीं कई लोगों ने केशव महतो कमलेश की वकालत भी की। कहा कि केशव महतो कमलेश सौम्य हैं, अनुभवी हैं और लंबे समय से पार्टी की सेवा कर रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस आलाकमान दूसरे विकल्प पर भी मंथन कर रहा है. सुबोधकांत सहाय और डॉ अजय कुमार के नाम पर भी विचार किया जा रहा है।
अधिक विवाद बढने पर चुनाव बाद होगा निर्णय
कांग्रेस नेतृत्व ने सभी नेताओं से उनका पक्ष जानने के साथ ही अपना एक इंटरनल सर्वे भी किया है। फिलहाल राष्ट्रीय नेतृत्व का मुख्य फोकस है कि झारखंड में इंडिया गठबंधन की सरकार रिपीट हो। कांग्रेस अधिक से अधिक सीटें जीत सके, इसके लिए सभी को तैयारी करने का निर्देश दिया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अगर अधिक किच-किच हुई तो पार्टी राजेश ठाकुर को ही चुनाव तक कंटीन्यू कर सकती है।