दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी की सीटें घटने की वजह बता दी है. गडकरी ने इसे लेकर विपक्षी दलों पर मतदाताओं को भ्रमित करने का आरोप लगाया. केंद्रीय मंत्री ने एक कार्यक्रम के दौरान हाल ही में पिछड़ा वर्ग और किसानों का खास तौर पर जिक्र किया. आपको बता दें कि इस साल जून में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल करने में नाकाम रही. चुनाव में भाजपा 240 सीटों पर सिमट गई. जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 303 सीटें जीती थीं.
मतदाताओं को किया गया भ्रमित : गडकरी
गडकरी ने इंडियन एक्सप्रेस के एक कार्यक्रम में सीटों को लेकर हुए सवाल के जवाब में कहा कि यह चुनाव लोगों को समझाने अथवा भ्रमित करने वाला था. मतदाताओं को विपक्ष के नेताओं ने पहले तो भ्रमित करने के लिए कानाफूसी अभियान चलाया. उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष का ये कहना था कि भाजपा डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के संविधान के खिलाफ है और इसे बदल देगी.
विपक्ष ने पिछड़ा वर्ग में डर पैदा किया
गडकरी ने कहा कि विपक्ष के नेताओं ने खासतौर पर पिछड़ा वर्ग में ये डर पैदा किया कि उनको मिलने वाला लाभ अब जारी नहीं रहेंगे. इसके साथ ही किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए किए गए उपायों को भी उनके खिलाफ बताया गया. उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि लोकसभा चुनाव भारत की जीत थी. सराकर में भाजपा ने वापसी की. इसके साथ ही मुझे भरोसा है कि हमें आगामी चार राज्यों में अच्छा बहुमत मिलेगा. भाजपा पर लोगों ने फिर से भरोसा दिखाया है कि यह सक्षम है. वहीं इसका रिकॉर्ड अच्छा है और देश का भविष्य बदल सकती है. गडकरी ने भी कहा कि आप आप प्रदर्शन के मामले में कांग्रेस के 60 और भाजपा के 15 सालों की तुलना कर सकते हैं. जवाब आपको मिल जाएगा.
मैं किसी भी पद के लिए समझौता नहीं करूंगा : नितिन गडकरी
पीटीआई की मानें तो गडकरी ने पिछले शानिवार को कहा कि प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने पर एक बार एक नेता ने समर्थन की उन्हें पेशकश की थी. मगर उन्होंने यह कहते हुए इसे ठुकरा दिया था कि उनकी ऐसी कोई लालसा नहीं है. लेकिन गडकरी ने ये नहीं बताया कि ये वाकया कब का है. वहीं गडकरी ने ये भी कहा कि उन्होंने उस व्यक्ति से पूछा कि आपको मेरा समर्थन क्यों करना चाहिए और आपका समर्थन मुझे क्यों लेना चाहिए. मेरे जीवन का लक्ष्य प्रधानमंत्री बनना नहीं है. मैं अपने संगठन और अपने मान्यता के प्रति वफादार हूं. इसके साथ ही मैं किसी भी पद के लिए समझौता नहीं करूंगा, क्योंकि मेरे लिए मेरा दृढ़ निश्चय सबसे महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही गडकरी ने राजनीति और पत्रकारिता दोनों में नैतिकता के महत्व पर जोर दिया.