जमशेदपुर: एक देश एक चुनाव को लेकर काफी समय से चर्चा चल रही है। अब माना जा रहा है कि मोदी सरकार के इसी कार्यकाल में एक देश एक चुनाव बिल आ सकता है। एक देश एक चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले कार्यकाल से ही चर्चा शुरू थी। लेकिन इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में फिर लौट आए हैं। फिर यह चर्चा जोर पकड़ गई है। सूत्रों का कहना है कि सरकार अपने इस कार्यकाल में हर हाल में यह बिल लाना चाहती है। हालांकि इसे लेकर अभी कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन सरकार से जुड़े सूत्र इस बात के संकेत दे रहे हैं। राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि सरकार से जुड़े एक अधिकारी ने इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। इसमें कहा गया है कि चाहे डिफेंस की बात हो या फिर गृह मंत्रालय की बात हो, शिक्षा, डिजिटल इंडिया हो, यह सभी काम जो 2014 में शुरू किए गए थे। उन्हें अब भी आगे बढ़ाया जा रहा है। आज की विदेश नीति एक रीढ़ की हड्डी की तरह दिखती है और पिछले सरकार जैसा हाल नहीं है। एक देश एक चुनाव को लेकर भी एक बड़ा हिंट मिल रहा है। तर्क दिया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इस बार के 15 अगस्त वाले संबोधन में भी वन नेशन वन इलेक्शन का जिक्र किया था। इसके ऊपर इस मुद्दे पर मंथन करने के लिए एक हाई लेवल कमेटी भी बनाई गई थी। सूत्र बताते हैं कि उसका भी सुझाव आ गया है कि एक देश में एक चुनाव होना चाहिए। सरकार भी दावा कर रही है कि इस मुद्दे पर उसके दूसरे साथी उसका समर्थन कर रहे हैं।
जनगणना करवाएगी मोदी सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में कुछ अलग निर्णय ले रहे हैं। मिसाल के तौर पर लैटरल एंट्री पर रोक लगाने का फैसला, वक्फ बोर्ड वाले बिल को जॉइंट कमिटी के पास भेजने का फैसला। यह वह फैसला है जो सरकार पूर्ण बहुमत होने पर आराम से ले सकती थी। लेकिन अब सहयोगियों की तमाम आपत्तियों को भी उसे तवज्जो देना पड़ रही है। वैसे सरकार के सूत्र से पता चला है कि आने वाले समय में सरकार जनगणना करवाने को लेकर भी गंभीर है। साल 2020 में कोरोना की वजह से इसकी प्रक्रिया में देर हुई थी और जनगणना नहीं हो पाई थी। सूत्र बताते हैं कि अब जल्द ही सरकार जनगणना करा सकती है।