दान की जमीन के पीछे क्यों पड़ी है केंद्र सरकार, जानें क्या है वक्फ बिल का मकसद
नई दिल्ली : केंद्र सरकार वक्फ संपत्ति के संचालन के लिए बिल लाने जा रही है। कहा जा रहा है कि इस बिल के आने के बाद वक्फ प्रापर्टी में सरकार का हस्तक्षेप बढ़ जाएगा। वक्फ में ऐसी संपत्तियां होती हैं जिन्हें मुस्लिम धर्म के लोगों ने ही वक्फ बोर्ड को दान दे दी हैं। कहा जा रहा है कि नए वक्फ बोर्ड के लिए नए कानून बना कर सरकार इसमें हस्तक्षेप करना चाहती है। इसीलिए, इस कानून में कई ऐसे नियम रखे गए हैं जिनका पर मुस्लिम समुदाय को एतराज है। इसीलिए, वक्फ बिल का विरोध चल रहा है। इस बिल को लेकर मुस्लिम समुदाय सशंकित है। लेकिन, वह कुछ कर नहीं पा रहा है। मुस्लिम समुदाय इस बिल को लेकर विपक्ष की तरफ टकटकी लगाए देख रहा है।
बोर्ड में दो गैर मुस्लिम शामिल करने पर शंका
नए वक्फ कानून में एक नियम रखा गया है कि बोर्ड में दो गैर मुस्लिमों को रखा गया है। इस बदलाव को लेकर मुस्लिम समुदाय में शंका है। उनका कहना है कि इस बदलाव की आड़ में केंद्र सरकार अपने लोगों को बोर्ड में घुसेड़ना चाहती है ताकि मनमानी की जा सके। साथ ही वक्फ बोर्ड में महिलाओं को शामिल किए जाने संबंधी बदलाव को भी इसी निगाह से देखा जा रहा है। एक बदलाव यह है कि अब केंद्र सरकार वक्फ संपत्ति की ऑडिट करा सकती है। जानकारों का मानना है कि इस बदलाव के सहारे सरकार चाहती है कि वह वक्फ बोर्ड के कर्ताधर्ताओं को नियंत्रण में रखे। वक्फ बोर्ड की संपत्ति को जिला प्रशासन के यहां रजिस्टर्ड कराया जाने का प्रावधान रखा गया है। इसे लेकर कहा जा रहा है कि इससे वक्फ संपत्ति पर प्रशासनिक नियंत्रण भी कड़ा हो जाएगा।
किस वक्फ बोर्ड के पास कितनी संपत्ति
अंडमान निकोबार-151
मध्य प्रदेश- 33472
आंध्र प्रदेश – 4685
असम- 2654
बिहार शिया- 1750
बिहार सुन्नी – 6866
चंडीगढ़- 34
छत्तीसगढ़ – 4230
दादरा एवं नगर हवेली- 30
दिल्ली- 1047
गुजरात- 39940
हरियाणा- 23267
हिमाचल प्रदेश- 5343
झारखंड- 698
जम्मू-कश्मीर- 32533
कर्नाटक- 62830
केरल- 52282
लक्षद्वीप- 896
महाराष्ट्र- 36701
मणिपुर- 987
मेघालय- 58
ओडिशा- 10314
पुडुचेरी- 693
पंजाब- 75965
राजस्थान- 30895
तमिलनाडु- 66092
त्रिपुरा- 2814
तेलंगाना- 45682
उत्तर प्रदेश शिया- 15386
उत्तर प्रदेश सुन्नी- 217161
उत्तराखंड- 5388
पश्चिम बंगाल- 80480
कुल संपत्ति- 8 लाख 72 हजार 324
—-
वक्फ बोर्ड के पास संपत्तियां
अचल संपत्ती- 8 लाख 72 हजार 324
चल संपत्ति- 16713
डिजिटल रिकार्ड्स – 3 लाख 29 हजार 995
वक्फ संपदा – 3 लाख 56 हजार 47
—
अचल संपत्तियों की स्थिति
गैर अतिक्रमित- 3 लाख 39 हजार 505
मुकदमेबाजी आंतरिक- 5 हजार 371
मुकमेबाजी बाहरी- 7 हजार 831
अन्य – 24 हजार 550
अतिक्रमण- 58 हजार 896
जानकारी नहीं- 4 लाख 36 हजार 169
कैसे होता है वक्फ
वक्फ बोर्ड के पास चल या अचल संपत्ति होती है। यह संपत्ति मुस्लिम समुदाय के लोग ही दान करते हैं। दान की इस संपत्ति का मालिक अल्लाह होता है। मगर, इनके संचालन के लिए वक्फ बोर्ड बनाए जाते हैं।
कैसे वक्फ होती है संपत्ति
कोई भी व्यक्ति अपनी संपत्ति को वक्फ कर सकता है। अगर किसी के पास दो मकान हैं तो वह एक मकान वक्फ कर देता है। वक्फ का जिक्र वह अपनी वसीयत में करता है। जिस मकान को वक्फ किया गया है उसका संचालन और देखरेख में वक्फ बोर्ड करता है।
सेना और रेलवे के बाद संपत्ति के मामले में तीसरे नंबर पर
वक्फ बोर्ड के पास खूब संपत्ति है। देश में सबसे अधिक संपत्ति सेना के पास है। इसके बाद दूसरा नंबर रेलवे का है। इसके बाद तीसरे नंबर पर अगर किसी के पास अधिक संपत्ति है तो वह है वक्फ बोर्ड। वक्फ संपत्ति को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने सबसे पहले 1954 में कानून बनाया था। साल 1995 में नया कानून बनाया गया। साल 2013 में भी इसमें कुछ संशोधन हुए थे।
कलेक्टर किसी संपत्ति को घोषित कर सकता है सरकारी
वक्फ बिल में यह प्रावधान किया जा रहा है कि अगर जिले का कलेक्टर वक्फ की किसी जायदाद को सरकारी घोषित कर देता है तो फिर बोर्ड को राजस्व रिकार्ड में बदलाव कराने होंगे और इस संबंध में राज्य सरकार को एक रिपोर्ट भी भेजनी होगी। इसी तरह विवाद की स्थिति में जब तक कलेक्टर संपत्ति की रिपोर्ट नहीं सौंपते हैं तब तक सरकार इस संपत्ति को सरकारी मानेगी। वक्फ बोर्ड को इस संपत्ति पर नियंत्रण का कोई अधिकार नहीं होगा। वक्फ की संपत्ति के लिए अब दस्तावेज जरूरी कर दिया गया है। पहले बिना कागज के भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति मान लिया जाता था। मगर, अब ऐसा नहीं होगा। बोर्ड को वक्फ का कागज दिखाना होगा।
वक्फ बोर्ड में रखे जा सकेंगे गैर मुस्लिम सांसद
वक्फ बोर्ड में तीन सांसद होते हैं। इनमें लोकसभा से दो और राज्यसभा से एक सांसद होता है। अब तक प्रावधान था कि यह तीनों सांसद मुस्लिम होने चाहिए। मगर, अब नए संशोधन में सरकार इस प्रावधान को हटा रही है। अब वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम सांसद रखे जा सकेंगे। यानि अगर सरकार चाहेगी तो बोर्ड में सदस्य के तौर पर तीनों गैर मुस्लिम सांसद रख सकती है। इस संशोधन को भी विवादित माना जा रहा है। विपक्ष का कहना है कि वक्फ बोर्ड में मुस्लिम सांसद ही रखे जाने चाहिए। नए बिल में बोहरा और आगाखानी समुदाय के लिए अलग से वक्फ बोर्ड बनाने की बात कही गई है।