जमशेदपुर : शहर में भारत बंद के दौरान दुकानें बंद रहीं तो आवागमन भी बाधित रहा। झामुमो, आदिवासी एकता मंच आदि संस्थाओं ने शहर में दुकानों को बंद कराया। इस दौरान साकची, करनडीह, परसुडीह, मानगो आदि इलाके में दुकानें बंद रहीं। आदिवासी एकता मंच ने मानगो के डिमना चौक पर जाम लगा दिया। इससे रांची टाटा एनएच 33 पर जाम लग गया। आदिवासी नेताओं का कहना है कि आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर जो सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। इसे लेकर ही वह भारत बंद कर रहे हैं। इसके अलावा, साकची में झामुमो नेताओं ने निकल कर दुकानें बंद कराईं। यहां शेख बदरुद्दीन ने अन्य नेताओं के साथ दुकानदारों से बंदी की अपील की। इसके अलावा, ग्रामीण इलाकों में भी भारत बंद का असर रहा। जादुगोड़ा में भी भारत बंद का मिला जुला असर रहा। यहां भी कुछ दुकानें बंद रहीं। झामुमो नेताओं ने यहां दुकानें बंद कराई हैं।
पुलिस की रही चाक-चौबंद व्यवस्था
भारत बंद के दौरान जमशेदपुर में पुलिस की व्यवस्था चाक-चौबंद रही। डिमना चौक पर पुलिस के जवान तैनात किए गए थे। इसके अलावा, उलीडीह पुलिस भी यहां तैनात रही और हालात पर निगाह रखे थी। इसके अलावा, प्रशासन की तरफ से साकची, सुंदरनगर, करनडीह, परसुडीह, गोविंदपुर, आदि इलाके में मजिस्ट्रेट भी तैनात किए गए थे। इन इलाकों में सुरक्षा के लिहाज से पुलिस के जवान भी तैनात किए गए थे।
क्यों कराया गया है भारत बंद
भारत बंद के पीछे सुप्रीम कोर्ट का आरक्षण को लेकर आया एक फैसला है। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति श्रेणी में क्रीमी लेयर को आरक्षण देने का फैसला दिया है। कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि इस श्रेणी में क्रीमी लेयर के अतिरिक्त जिसको जरूरत है उसे आरक्षण देना चाहिए। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का नुकसान होगा। उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा। इसी वजह से इस फैसले के विरोध में आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने भारत बंद का एलान किया। झामुमो और अन्य आदिवासी संगठन भारत बंद को समर्थन कर रहे हैं। भारत बंद को बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल प, आजाद समाज पार्टी कांशीराम आदि का समर्थन है।