पूर्वी में प्रचार के लिए नहीं पहुंचे प्रदेश के नेता, जमकर हुआ भितरघात
जमशेदपुर : जमशेदपुर में आपसी गुटबाजी के चलते कांग्रेस को जमशेदपुर पूर्वी और जमशेदपुर पश्चिमी दोनों सीटें गंवानी पड़ी हैं। जमशेदपुर पूर्वी में कांग्रेस के उम्मीदवार डाक्टर अजय कुमार ने अपने दम पर खूब संघर्ष किया और अच्छा खासा वोट बटोरा। कहा जा रहा है कि अगर पूर्वी में भितरघात नहीं होता तो डा. अजय यहां विजय पताका फहरा सकते थे। चुनाव में जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे की निष्क्रिय भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। जमशेदपुर लोकसभा चुनाव के बाद भी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार समीर मोहंती ने भी कांग्रेस जिलाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए थे। मगर, बाद में राजनीतिक दबाव में उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए थे।
जमशेदपुर पश्चिमी में भी जमकर भितरघात हुआ है। स्वास्थ्य मंत्री के दाएं-बाएं चलने वाले कांग्रेसियों द्वारा भितरघात किए जाने की खबर है। इनमें से कई कांग्रेसी नेता विधायक सरयू राय के संपर्क में रहे और रिजल्ट घोषित होने के बाद उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। कुछ कांग्रेसी नेताओं से विधायक ने खुद उनके घर पर जाकर भी मुलाकात की।
आइए पहले जमशेदपुर पूर्वी की बात करते हैं। इस क्षेत्र में कांग्रेस का अपना लगभग 30 हजार कैडर वोट है। डाक्टर अजय कुमार को 64 हजार 320 वोट मिले हैं। साल 2000 के बाद से अब तक किसी भी कांग्रेसी उम्मीदवार को इतने वोट नहीं मिले हैं। यह वह वोट हैं जो डा. अजय कुमार की इमेज को देख कर मिले हैं। बताते हैं कि इस इलाके में कांग्रेस की तरफ से टिकट के कई दावेदार थे। इनको टिकट नहीं मिला तो इनमें से कइयों ने भितरघात का रास्ता अपनाया। इनका कहना था कि न खाएंगे और ना ही खाने देंगे। इस स्थिति से कांग्रेस कार्यकर्ता नाराज दिखाई दे रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस इलाके में वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं का हर चुनाव में भितरघात सामने आता है। इसी वजह से इलाके में कांग्रेस पनप नहीं पा रही है। इलाके में कांग्रेस की जड़ खत्म करने के पीछे यही भितरघात बड़ी वजह है।
चुनाव में जिलाध्यक्षी भी सवालों के घेरे में
कांग्रेसी कार्यकर्ता और पदाधिकारी चुनाव में कांग्रेस के लचर प्रदर्शन को लेकर जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे को जिम्मेदार मान रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि चाहे जमशेदपुर पश्चिमी हो या जमशेदपुर पूर्वी जिलाध्यक्ष का वह रोल नहीं रहा जो होना चाहिए था। जिलाध्यक्षी ठीक से नहीं होने की वजह से ही कांग्रेस पिट गई। एक महिला कार्यकर्ता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जिस दिन राहुल गांधी मानगो आए थे। गांधी मैदान के गेट पर दर्जन भर महिला पदाधिकारी अंदर जाने के लिए तकरीबन एक घंटे तक खड़ी रहीं। मगर, उन्हें अंदर ले जाने की व्यवस्था नहीं हो पाई। इस तरह के तमाम छोटे छोटे कारण रहे जिसने कांग्रेस को जमशेदपुर पश्चिम और पूर्व दोनों में हरा दिया। पार्टी के अंदर से अब जिलाध्यक्ष के खिलाफ आवाज उठने लगी है। इस मामले में कई नेताओं ने प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को मामले की पूरी रिपोर्ट भेज दी है। कहा जा रहा है कि कई नेता अपने बूथ पर ही कांग्रेस को वोट नहीं दिला पाए।
पूर्वी में फिर जिंदा हो गई कांग्रेस
जमशेदपुर पूर्वी में इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस फिर जिंदा हो गई है। कांग्रेस के उम्मीदवार डाक्टर अजय कुमार ने कांग्रेस को फिर खड़ी कर दिया है। डा अजय कुमार को अपनी इमेज की बदौलत 32.33 प्रतिशत वोट मिले हैं। यह एक बड़ा वोट प्रतिशत है। यहां से डाक्टर अजय कुमार को 64 हजार 320 वोट मिले हैं। जबकि, भाजपा की पूर्णिमा साहू को 1 लाख 7 हजार 191 वोट मिले हैं।
साल 2000 में इस सीट से कांग्रेस के केपी सिंह को 20.34 प्रतिशत वोट मिले थे। साल 2005 में कांग्रेस के उम्मीदवार रामाश्रय प्रसाद ने यहां से 38 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। साल 2014 में कांग्रेस के आनंद बिहारी दुबे को यहां 19.77 प्रतिशत वोट मिले थे। जमशेदपुर पूर्वी में