रांची: झारखंड सरकार की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनाव आयोग में की गई शिकायत का राज्य चुनाव आयोग ने खंडन किया है. राज्य निर्वाचन पदाधिकारी रवि कुमार ने बताया कि इस तरह का कोई पत्र उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है. जब मीडियाकर्मियों ने हिमंत बिस्वा सरमा से इस बारे में सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि यदि किसी ने चुनाव आयोग में शिकायत की है, तो आयोग इस पर उचित कार्रवाई करेगा. उन्होंने कहा की चुनाव के समय ही राजनीति होती है. उन्होंने अभी तक राजनीति की नहीं है. वह बार बार हेमंत सोरेन से कह रहे हैं कि वे राजनीति और समाजनीति का संचालन करें. उत्पाद सिपाही दौड़ के दौरान जान गंवाने वाले युवाओं के परिवारों को नौकरी प्रदान करें. उन्होंने कहा कि उनका केवल यही अनुरोध है और वे हेमंत सोरेन से लगातार यही अपील कर रहे हैं.
जब पत्रकारों ने उनसे यह सवाल पूछा की वह तो लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं तो वह एक मकान क्यों नहीं आवंटित करा लेते? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें बंगले की जरूरत नहीं है. वह किसी कार्यकर्ता के घर में भी रह लेते हैं.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पिछले कुछ महीनों से झारखंड के दौरे पर हैं. इस दौरान वे कई जिलों का दौरा कर चुके हैं, जहां उन्होंने पार्टी नेताओं के साथ बैठक की है और पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात की है. मंगलवार को, हिमंत बिस्वा सरमा रांची में बीजेपी की बैठक में शामिल हुए.
क्या है मामला
राज्य सरकार ने समाज में नफरत फ़ैलाने का आरोप लगाते हुए भाजपा के झारखण्ड चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और सह चुनाव प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की है. सरकार ने पत्र लिखकर चुनाव आयोग को बताया कि यह दोनों राज्य के विभिन्न समुदायों के बीच नफरत फ़ैलाने का प्रयास कर रहे हैं. यह लोग राज्य के काबिल अधिकारियों को धमकी दे रहे हैं. सरकार की सचिव वंदना दादेल ने यह आरोप से भरा हुआ पत्र लिखा है. सरकार की ओर से उन्होंने 2 सितंबर को यह पत्र चुनाव आयोग को भेजा था.