जमशेदपुर: कदमा में आदिवासी महिला से मारपीट के मामले में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय भी कूद पड़े हैं। विधायक सरयू राय ने आरोप लगाया है कि इस घटना में पुलिस राजनीतिक दबाव में काम कर रही है। एक बार कोर्ट ने आरोपी मुन्ना सिंह को छोड़ दिया तो पुलिस ने उसे इसी मामले में दोबारा गिरफ्तार कर लिया। फिर कोर्ट ने जमानत दे दी तो पुलिस ने मुन्ना सिंह के घर से उनकी लाइसेंसी बंदूक जब्त कर ली है। सरयू राय ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि प्रतीत हो रहा है कि जमशेदपुर में प्रशासन और पुलिस का रवैया निष्पक्ष नहीं है। कतिपय उदाहरण निम्नवत हैंः-
1. कदमा थाना में एक प्राथमिकी 7,9.2024 को ब्रजेश सिंह उर्फ़ मुन्ना सिंह के विरूद्ध अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम में दर्ज हुई. पुलिस ने उन्हें 11.9.2024 को गिरफ़्तार कर लिया. कोर्ट से उन्हें पीआर बांड पर ज़मानत मिल गई. ज़मानत रहने के बावजूद अग़ले दिन पुलिस ने उन्हें फिर गिरफ़्तार कर लिया. इस बार प्राथमिकी में पोतियों एक्ट की धाराएँ भी जोड़ दिया. कोर्ट ने फिर उन्हें छोड़ दिया. इसके बाद पुलिस ने उनके घर जाकर उनका लाइसेंसी हथियार जप्त कर लिया. अभी तक न तो हथियार लौटाया है और न ही जप्ती सूची दिया है. पता चला है कि पुलिस ने पीड़िता का धारा 164 में कल बयान करा लिया है.
2. इस मामले में पुलिस की अति सक्रियता सामान्य नहीं प्रतीत होती है. कारण कि उन्हीं लोगों ने कदमा थाना मे ही एक प्राथमिकी संख्या- 109/2024, दिनांक 29.6.2024 दर्ज कराया है. इसमें भी वही धाराएँ लगाई गई हैं जो मुन्ना सिंह पर लगाई गई हैं . दोनों प्राथमिकियां एक ही व्यक्ति के हस्ताक्षर में लिखी गई हैं. यानी कोई है जो एससी एसटी एक्ट में प्राथमिकी करा रहा है. परंतु पुलिस ने आज तक इस प्राथमिकी में कोई गिरफ़्तारी नहीं की है. मामला ठंडा बस्ता में पड़ा हुआ है. दूसरी ओर पुलिस मुन्ना सिंह को जेल भेजने पर उतारू है. आख़िर किसके दबाव मे? किसे संतुष्ट करने के लिए? ज्ञातव्य है कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मुन्ना सिंह को पसंद नहीं करते. उनके साथ अदावत रखते हैं.
3. एक ओर पुलिस ने मुन्ना सिंह को गिरफ़्तार किया दूसरी ओर जेएनएसी ने उनके घर पर नोटिस चिपका दिया और कहा है कि उनके घर के पार्किंग में दूकान चल रही है. उसे वे हटा दें नहीं तो उसे तोड़ दिया जाएगा.
4. कदमा में एक पुष्पांजलि सामुदायिक भवन है जिस पर जेएनएसी ने नोटिस चिपका दिया है. जबकि स्वास्थ्य मंत्री के घर के सामने ज़िला योजना की निधि से बने एक मंज़िला सामुदायिक भवन पर दो मंज़िल का अवैध निर्माण हुआ है. यह किसके पैसे से हुआ है इसपर जेएनएसी या ज़िला प्रशासन मौन है.
5. सरयू राय ने कहा है कि जमशेदपुर में दो महत्वपूर्ण भवन बनाने की नींव उस समय रखी गई जब वह जमशेदपुर पश्चिम से विधायक थे. एक भवन डीएन लाईब्रेरी का है और दूसरा फ़ूड प्लाज़ा की ज़मीन पर बना कन्वेंशन सेंटर है. फ़ूड प्लाज़ा की ज़मीन पर स्वास्थ्य मंत्री का अवैध क़ब्ज़ा था जिसे हटाकर सरकार ने कन्वेंशन सेंटर बनाया. आज तक इन भवनों का उद्घाटन नहीं हो सका। ये जर्जर हो रहे हैं. आख़िर क्यों? किसके दबाव में ऐसा हो रहा है?
6. स्वास्थ्य मंत्री के दबाव में कदमा की दो सड़कें बंद कर दी गई हैं. संजीव आचार्या ने यह मामला उठाया तो स्वास्थ्य मंत्री के नज़दीक रहने वाले एक व्यक्ति ने उनपर एससी एसटी एक्ट में मुक़दमा दर्ज करा दिया.
7. स्वास्थ्य मंत्री ने अपने होटल के समीप सार्वजनिक सड़क पर बड़ा सा शेड खड़ा कर दिया है, पर यह अवैध काम जेएनएसी या ज़िला प्रशासन की नज़र में नहीं आ रहा है.
8. ज़िला पर्यटन पदाधिकारी ने 2022 में एक नामज़द प्राथमिकी संख्या 15/2022, दिनांक 19.1.2022 सिदगोडा थाना में दर्ज किया. इसका अनुसंधान एक कदम आगे नहीं बढ़ा है. विधानसभा में मैंने चार बार अलग अलग प्रश्न किया ( 20.12.20, 22.12.2022, 14.3.2023, 1.8.2023). पर्यटन और राजस्व विभाग ने सभी ने उतर दिया कि इस मामले में सिदगोडा थाना में प्राथमिकी संख्या 15/2022 दर्ज है. फिर भी अनुसंधान शिथिल. उल्लेखनीय है कि विधानसभा के सवालों का जवाब ज़िला प्रशासन के यहाँ से बनकर जाता है.
9. जिला प्रशासन ही नहीं सरकार भी स्वास्थ्य मंत्री के उत्पात पर मौन है. एफआईआर कराना इनकी आदत में शुमार है. मुझपर इन्होंने दो एफआईआर और एक मानहानि का मुक़दमा किया है जिसमें वे तारीख़ पर गवाही देने नहीं जाते.
10. विभाग की फ़ाईल पर इन्होंने मुझ पर दो बार एफआईआर करने का आदेश दिया. नहीं हुआ तो अपने एक प्यादा से एफआईआर कराया है.
11. एक एफआईआर इन्होंने खुद बिस्टुपुर थाना में किसी महिला के साथ अश्लील बात करते वीडियो वायरल होने के बारे में किया है. दो साल हो गये अनुसंधान शिथिल है.
12. राँची में अपने आवंटित आवास के अलावा मुख्य सचिव के आवास पर अवैध क़ब्ज़ा कर लिया है. मुख्यमंत्री चन्पाई सोरेन से लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक ने न तो इसपर कार्रवाई किया है और न ही इसका आवंटन किया है.