मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में मांग की गई है कि कुकी गुटों को गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया जाए। ऐसा सात दिनों के अंदर करने की मांग की गई है। कुकी गुटों ने जिरिबाम में एक महिला और उसके बच्चों को अगवा कर उनकी हत्या कर दी थी। इसी के बाद से मणिपुर गर्म हो गया है। कई जगहों पर हिंसा हो रही है। प्रदर्शन हो रहे हैं। विधायकों ने केंद्र से यह भी मांग की है कि एएफएसपीए कानून की दोबारा समीक्षा की जाए। विधायकों ने कहा कि कुकी उग्रवादियों के खिलाफ अब बड़े ऑपरेशन की जरूरत है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि इस मामले में सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। सीएम ने कहा कि एएफएसपीए की समीक्षा की जाएगी। प्रदेश में कानून व्यवस्था कायम करने के लिए कार्रवाई की जाएगी। इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। मणिपुर में घटी तीन बड़ी घटनाओं की एनआइए से जांच कराने का भी प्रस्ताव कैबिनेट ने पास कर दिया है।
एनआईए करेगी बड़ी घटनाओं की जांच
इसमें जिरीबाम में छह मैतेई महिला व बच्चों की हत्या की जांच एनआइए करेगी। इसके अलावा सात नवंबर को एक हमार महिला को जिंदा जला दिया गया था। नौ नवंबर को बिष्नुपुर में एक मैतेई महिला की हत्या कर दी गई थी। मीटिंग में तय किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति प्रदर्शन के दौरान विधायकों के घरों को जलाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गृह मंत्रालय ने मणिपुर के पांच जिलों के छह थाना क्षेत्रों में एएफएसपीए कानून दोबारा लागू कर दिया है। विधायकों ने कहा कि मणिपुर के बिष्नुपुर, चुराचांदपुर, इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट और जिरीबाम जिले में हालात खराब हैं। कुकी गुटों के साथ सुरक्षा बलों की भिड़ंत में छह लोग गायब हो गए थे। अब इनमें से पांच के शव जिरी और बराक नदियों से बरामद कर लिए गए हैं। इंफाल में कर्फ्यू जारी है। इंटरनेट बंद चल रहा है। मैतेई गुटों ने कर्फ्यू को तोड़ते हुए कुछ सरकारी कार्यालय बंद करा दिए थे। केंद्र सरकार ने मणिपुर के हालात पर काबू पाने के लिए 5000 सुरक्षा बलों को भेजा है।