भारत के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार 09 अक्टूबर को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनके निधन पर झारखण्ड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर जमशेतजी नसरवान जी टाटा की कर्मस्र्थल है. उन्होंने इसे विश्व व्यापी सोच से बनाया था. उनके इस विरासत को जेआरडी टाटा ने आगे संभाला. इसके बाद खुद रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को आगे बढ़ाया. उन्होंने आगे कहा कि रतन टाटा के निधन के बाद सभी लोग बहुत दुख में है. मृत्यु एक एकाट्य सत्य है जो इस दुनिया में आया है उसे जाना भी है.
उन्होंने एक कविता के माध्यम से अपना दुख प्रकट करते हुए कहा कि “जिंदगी को सबने देखा मौत की किसे खबर, आती है मुक्ति बन कर नींद का एक लंबा सफ़र. इसकी न कोई मंजिल है न कोई डगर, मौत कुछ और नहीं ज़िन्दगी का नया सफ़र.” उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहा कि भगवान उनकों अपने श्री चरणों में स्थान दे. उन्होंने आगे कहा कि रतन टाटा एक अद्भुत व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे, वे बहुत सरल और सहज थे. उन्होंने उद्योग को शिखर तक पहुंचा दिया. उनके निधन से सभी को क्षति पहुंची है.