जमशेदपुर : झारखंड विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। ओडिशा के राज्यपाल व झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास साहू को भाजपा ने जमशेदपुर पूर्वी से उम्मीदवार बनाया है। इसी बीच जमशेदपुर पूर्वी से कांग्रेस के उम्मीदवार डाक्टर अजय कुमार ने आरोप लगाया है कि रघुवर दास ओडिशा छोड़ कर बार बार जमशेदपुर आ रहे हैं। इससे चुनाव प्रभावित हो रहा है। डाक्टर अजय कुमार ने मामले की शिकायत राष्ट्रपति और निर्वाचन आयोग से कर दी है। डाक्टर अजय ने मांग की है कि विधानसभा चुनाव के दौरान रघुवर दास के जमशेदपुर आने पर रोक लगाई जाए। डाक्टर अजय कुमार ने इस संबंध में राष्ट्रपति और निर्वाचन आयोग को पत्र लिख दिया है।
रघुवर दास नवरात्रि के दौरान भी कई दिनों तक जमशेदपुर में रहे थे। इस दौरान ओडिशा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजभवन के सामने प्रदर्शन किया था और कहा था कि उनके राज्य के राज्यपाल अचानक कई दिनों के लिए कहां चले जाते हैं। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था। डाक्टर अजय कुमार का आरोप है कि रघुवर दास फिर जमशेदपुर में हैं। उनका आरोप है कि रघुवर दास अंदर ही अंदर अपनी बहू पूर्णिमा दास साहू के लिए माहौल बना रहे हैं। राज्यपाल का पद संवैधानिक है। इसलिए, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। डाक्टर अजय का कहना है कि निर्वाचन आयोग पूरे मामले की जांच करे और राज्यपाल रघुवर दास को चुनाव के दौरान जमशेदपुर आने से रोके। डाक्टर अजय कुमार का कहना है कि राज्यपाल रघुवर दास का इधर बीच जमशेदपुर दौरा अधिक हो रहा है। वह नवरात्रि के दौरान कई दिनों तक जमशेदपुर में रहे थे। वह रघुवर दास की यात्रा का विवरण एकत्र कर रहे हैं कि ओडिशा के राज्यपाल इस महीने कितने दिन जमशेदपुर में रहे।
पूर्णिमा और डाक्टर अजय के बीच होगा मुकाबला
जमशेदपुर पूर्वी सीट पर इस बार फिर घमासान होगा। इस बार भाजपा ने यहां से रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास साहू को मैदान में उतारा है। कांग्रेस की तरफ से डाक्टर अजय कुमार प्रत्याशी बनाए गए हैं। बताया जा रहा है कि इन दोनों के बीच ही मुख्य मुकाबला होगा। इसके लिए दोनों दलों की तरफ से जोर-शोर से तैयारी शुरू है। पूर्णिमा दास साहू ने नामांकन पत्र भी खरीद लिया है। डाक्टर अजय कुमार भी नामांकन भरने की तैयारी कर रहे हैं।
पूर्णिमा को टिकट मिलने से नाराजगी
भाजपा से पूर्णिमा दास साहू को टिकट मिलने से भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस बार भाजपा को परिवारवाद से उबरना चाहिए था। पार्टी को किसी अन्य कार्यकर्ता को टिकट देना चाहिए था। भाजपा के टिकट के दावेदार शिवशंकर सिंह ने तो पार्टी लाइन से अलग जाकर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।