– ईस्ट में अजय व पूर्णिमा दास में कौन मारेगा बाजी
– पश्चिमी में बन्ना व सरयू की टक्कर में कौन आगे
जमशेदपुर: जमशेदपुर पूर्वी में शहर के एसपी रह चुके सुपर काप डाक्टर अजय कुमार और ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास के बीच कांटे का मुकाबला है। अब देखना है कि इस मुकाबले में डाक्टर अजय कुमार अपना जलवा दिखाएंगे या फिर पूर्णिमा दास साहू बाजी मारेंगी। हम आपको बताएंगे कि जमशेदपुर पूर्वी और जमशेदपुर पश्चिमी सीटों पर क्या चल रहा है। कौन किसे पीछे धकेल रहा है। किस पार्टी की हनक कायम है। इंडिया गठबंधन और एनडीए एक दूसरे से आगे निकलने की होड में क्या रणनीति अपना रहे हैं। जमशेदपुर पश्चिमी का क्या हाल है। बन्ना आगे हैं या सरयू इस सीट के लिए मशक्कत कर रहे हैं।
राजनीतिक पूंजी बचाने की कवायद
जमशेदपुर पूर्वी सीट को जीतने के लिए भाजपा ने पूरा जोर लगा दिया है। ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास गवर्नर होने की वजह से इस चुनाव में खुल कर कुछ नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने अपने सभी सिपाहसालारों को इस चुनाव में लगा दिया है। इस चुनाव के जरिए रघुवर दास अपनी राजनीतिक विरासत परिवार को सौंपना चाहते हैं। ताकि, उनकी राजनीतिक पूंजी उनके घर में ही रहे। हालांकि, रघुवर दास की इस नीति का हर तरफ विरोध हो रहा है। लोग नाराज हैं। भाजपा कार्यकर्ता भी रुष्ट हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि रघुवर दास की बहू को टिकट देकर पार्टी ने परिवारवाद के मुद्दे को हवा दे दी है। चुनाव पर भी इसका असर पड़ रहा है। जमशेदपुर पूर्वी में परिवारवाद मुख्य मुद्दा बन गया है। यहां भाजपा अपने ही हथियार से जख्मी हो गई है।
कार्यकर्ताओं को मनाने का अभियान जारी
भाजपा के कुछ पदाधिकारी पार्टी पर परिवारवादी होने का आरोप लगाने के बाद बागी हो गए हैं। शिवशंकर सिंह और राजकुमार सिंह तो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। यही नहीं, भाजपा नाराज कार्यकर्ताओं की एक फौज का भी सामना कर रही है। रघुवर दास ने पूर्वी के हालात को भांप लिया है। उन्होंने अपने करीबी भाजपा नेताओं को कार्यकर्ताओं को मनाने में लगा दिया है। इसके अलावा, सोशल इंजीनियरिंग भी शुरू की गई है। कई जाति-समाज के प्रमुखों को साधने का काम शुरू किया गया है। सुंडी समाज, गोंड समाज आदि के प्रमुखों से बात चल रही है। पूर्णिमा दास साहू भी खूब मेहनत कर रही हैं। उनका सारा जोर जनसंपर्क पर है। पूर्णिमा दास साहू महिला कार्यकर्ताओं की टीम के साथ रोज इलाके में कई बस्तियों में घर-घर जाकर लोगों से मुलाकात कर रही हैं। वह महिलाओं के बीच पैठ बनाने की कोशिश में हैं।
लोगों को प्रभावित कर रही सुपर कॉप की इमेज
डाक्टर अजय कुमार की सुपर कॉप की इमेज वोटरों को प्रभावित कर रही है। अजय कुमार जब जमशेदपुर के एसपी थे तो उन्होंने शहर को अपराधियों के चंगुल से आजाद कराया था। अपने प्रचार के दौरान डाक्टर अजय कुमार लोगों को बता रहे हैं कि जिस तरह उन्होंने अपराधियों से शहर को आजाद कराया था उसी तरह अब भ्रष्ट और वादा खिलाफ नेताओं से छुटकारा दिलाएंगे। उनकी इस बात का लोगों पर असर भी हो रहा है। डा. अजय कुमार ने जब जमशेदपुर में लोकसभा का उपचुनाव लड़ा था तो वोटरों ने उन्हें हाथों हाथ लिया था। बारीडीह के सुनील कुमार कहते हैं कि इस बार फिर डाक्टर अजय कुमार को मौका मिलना चाहिए। साल दो हजार ग्यारह के लोकसभा उपचुनाव में अपनी एसपी वाली इमेज के चलते ही उन्हें जीत मिली थी। डाक्टर अजय अपनी उसी जीत को दोहराना चाहते हैं।
फेसबुक पोस्ट पर बवाल
जमशेदपुर पूर्वी के उम्मीदवार डाक्टर अजय कुमार ने आरोप लगाया था कि जमशेदपुर पूर्वी भाजपा की फेसबुक आइडी से मुखी समाज के बारे में अपशब्द कहा गया। इसका डाक्टर अजय कुमार ने खूब प्रचार किया। अपना एक वीडियो मैसेज डाल कर मुखी समाज को इंसाफ दिलाने की बात कही थी। भाजपा ने इस पूरे मामले में डाक्टर अजय कुमार को आड़े हाथों लिया है। उनका कहना है कि जिस फेसबुक आइडी से पोस्ट डालने की बात कही गई है, वह भाजपा की आधिकारिक आइडी नहीं है। भाजपा इसे फेक आइडी बता रही है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह फेसबुक आइडी फेक है या असली। इसकी जांच पुलिस से करानी चाहिए। डाक्टर अजय सही बोल रहे हैं या भाजपा, सच्चाई सामने आ जाएगी।
स्टार प्रचारकों के जरिए बनाया जा रहा माहौल
जमशेदपुर पूर्वी में स्टार प्रचारकों के जरिए माहौल बनाया जा रहा है। बिहार के पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव और मुख्यमंत्री की पत्नी गांडेय की विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन ने कुछ दिनों पहले बिरसानगर से बारीडीह तक रोड शो किया था। इसके बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट और सुप्रिया श्रीनेत ने साकची से गोलमुरी होते हुए साकची तक रोड शो किया था। भाजपा ने आमबगान मैदान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा के जरिए माहौल बनाया था। शनिवार नौ नवंबर को जमशेदपुर पश्चिम का राहुल गांधी का रोड शो और सभा भी कांग्रेस को मजबूत बनाएगी। गांधी मैदान की सभा जमशेदपुर पश्चिमी में बन्ना के साथ ही पूर्वी में डाक्टर अजय कुमार के वोटरों को साधने का काम करेगी। कदमा में जदयू के सरयू के लिए गिरीराज सिंह आने वाले थे। मगर, प्लान फेल हो गया। गिरीराज के नहीं आने से जनता पर क्या असर पड़ेगा इसका आकलन हो रहा है।
इसी तरह, साकची में जुबिली पार्क से एग्रिको सिग्नल तक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का रोड शो भी जमशेदपुर पश्चिम में जदयू के सरयू राय और पूर्वी में भाजपा की पूर्णिमा दास को मजबूत बनाएगा। लौहनगरी में अभी कई दिनों तक प्रचार चलेगा। इस दौरान और भी कई स्टार प्रचारक शहर के माहौल को अपने पक्ष में करने के लिए आने वाले हैं।
छठ के जरिए छोड़ी गई छाप
लौहनगरी के उम्मीदवारों ने छठ पर्व पर भी जनता के बीच छाप छोड़ने का मौका नहीं गंवाया। जमशेदपुर पश्चिम में बन्ना गुप्ता हों या सरयू राय और पूर्वी में डाक्टर अजय कुमार। इन लोगों ने छठ पूजा तो की ही लोगों के घर खरना का प्रसाद भी खाने गए। कई उम्मीदवारों ने अपने सामाजिक संगठन के बैनर तले स्टाल लगा कर छठ व्रतियों को पूजा सामग्री वितरित की।
पूर्णिमा को परेशान कर रही ललित की छवि
भाजपा की उम्मीदवार पूर्णिमा दास साहू को उनके पति ललित दास की छवि परेशान कर रही है। ललित दास के कई कारनामों में ताजा मामला है ओडिशा के राजभवन में हंगामा कर एक अधिकारी के साथ मारपीट। इस मामले को कांग्रेस ने काफी तूल दिया था। राज्यपाल रघुवर दास इसे मुश्किल से हैंडल कर पाए थे। जनता में यह छवि पूर्णिमा के लिए खतरे की घंटी है। बिरसानगर के सोमेन सोरेन का कहना है कि अगर पूर्णिमा विधायक बन गईं तो ललित दास ही कामकाज देखेंगे। तब उनको झेलना कठिन होगा। डाक्टर अजय की भी एक छवि गढी जा रही है कि वह स्थिर नहीं हैं। मगर, राजनीतिक जानकार इस बात को नहीं मानते। उनका कहना है कि डाक्टर अजय साल 2011 में जब से राजनीति में आए हैं, जमशेदपुर को ही अपना केंद्र बनाया है। राजनीति में ही रच बस गए हैं। कांग्रेस में वह बड़े पदों पर जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। संगठन के काम से तमिलनाडू, ओडिशा, असम और दिल्ली जाते रहते हैं मगर, उनका अधिकतर समय जमशेदपुर में ही बीतता है। राजनीति उनके कैरियर का अंतिम पड़ाव मानी जा रही है।