रांची : रांची में भाजपा का विजय रथ झामुमो रोक पाएगी। कौन झामुमो की तरफ से इस सीट पर चुनाव लड़ेगा। इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। रांची विधानसभा सीट बीजेपी की परंपरागत सीट मानी जाती है। इस सीट पर भाजपा के सीपी सिंह बराबर चुनाव लड़ते रहे हैं। सीपी सिंह इस सीट पर 1997 में पहली बार विधायक बने थे। वह तब से अब तक छह बार चुनाव जीत चुके हैं। रांची में वह लगातार 1997 से अब तक एक भी चुनाव नहीं हारे हैं। भाजपा का विजय रथ रोकने के लिए कई बार विपक्षियों में उम्मीदवारों ने कोशिश की। लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई।
सीपी सिंह के टिकट पर संशय
इस बार फिर बीजेपी सीपी सिंह को ही मैदान में उतारने जा रही है। हालांकि भाजपा के अग्रिम पंक्ति के कुछ नेता कहते हैं कि अब सीपी सिंह को आराम दिया जाए। भाजपा से टिकट के लिए भाजपा के उपाध्यक्ष बालमुकुंद सहाय, पूर्व सांसद अजय मारू, पूर्व डिप्टी मेयर संजीव विजय वर्गीय, रमेश सिंह, राकेश भास्कर आदि दावेदारी कर रहे हैं। लेकिन टिकट किसे मिलेगा इसे लेकर अभी संशय की स्थिति बरकरार है। राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि टिकट की दौड़ में आप भी सीपी सिंह आगे ही चल रहे हैं। भाजपा का कई वरिष्ठ नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह को सलाह दी है। जब तक सीपी सिंह जीत रहे हैं। तब तक इस सीट पर उम्मीदवारी को लेकर कोई बदलाव न किया जाए। अब देखना है कि भाजपा का थिंक टैंक इस सीट को लेकर क्या निर्णय लेता है।
2019 के चुनाव में हुआ था कांटे का मुकाबला
झामुमो ने 2019 के चुनाव में भाजपा को इस सीट पर कांटे की टक्कर दी थी। भाजपा के उम्मीदवार सीपी सिंह को साल 2019 में 79 हजार 646 वोट मिले थे। जबकि महुआ माजी को 73 हजार 742 वोट मिले थे। इस तरह साल 2019 में काफी नजदीकी मुकाबला था।
सीट पर झामुमो व कांग्रेस का है दावा
रांची की सीट पर कांग्रेस और झामुमो दोनों दावा कर रहे हैं। अभी यह तय नहीं हुआ है कि यह सीट किसकी झोली में जाएगी। झारखंड में इंडिया गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ रहा है। इसलिए रांची से झामुमो या कांग्रेस में से एक ही उम्मीदवार रहेगा। राजनीतिक सूत्रों का मानना है कि यह सीट झामुमो की ही झोली में जा सकती है। पिछले चुनाव में महुआ मांझी के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए माना जा रहा है कि इस बार भी वह सीपी सिंह को कड़ी टक्कर दे पाएंगे और झामुमो और कांग्रेस ने ठीक से मेहनत कर दी तो यह सीट निकल भी सकती है।
कौन कब रहा विधायक
1952 कांग्रेस के राम रतन राम 1952 झापा के पाल दयाल 1957 कांग्रेस के राम रतन राम 1962 कांग्रेस के वीरेंद्र नाथ राय 1967 जन क्षसंघ के नानी गोपाल मित्र
1969 जनसंघ के नानी गोपाल मित्र
1972 कांग्रेस के देवदत्त साहू 1977 जनता पार्टी के नानी गोपाल मित्र
1980 कांग्रेस के ज्ञान रंजन 1985 कांग्रेस के जयप्रकाश गुप्ता
1990 भाजपा के गुलशन लाल अजमानी
1995 भाजपा के यशवंत सिन्हा 1997 भाजपा के सीपी सिंह 2000 भाजपा के सीपी सिंह 2005 भाजपा के सीपी सिंह 2009 भाजपा के सीपी सिंह 2014 भाजपा के सीपी सिंह 2019 भाजपा के सीपी सिंह