जमशेदपुर : झारखंड की सियासत में बडा खेल होने वाला है। भारतीय जनता पार्टी का ऑपरेशन लोटस पार्ट टू शुरू होने वाला है। आपरेशन लोटस पार्ट टू में भाजपा की सियासी बंदूक पूर्व सीएम चंपई सोरेन के कांधे पर रखी गई है। पार्ट वन में चंपई, लोबिन और मधु कोडा को भाजपा में शामिल कराया गया था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आपरेशन लोटस पार्ट वन के असर को अपनी बेहतर राजनीतिक सूझ-बूझ से काफी हद तक कम कर दिया था। लेकिन सूत्र बताते हैं कि अब आपरेशन लोटस पार्ट टू बहुत बडा होने वाला है। सूत्रों के अनुसार सत्ता पक्ष के कुल 7 विधायक भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने वाले हैं। इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों की संख्या अधिक है। इस पूरे ऑपरेशन को लीड कर रहे हैं असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा सरमा। जबकि इसे अंजाम तक पहुंचाने में मदद कर रहे हैं पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन। वही चंपई सोरेन जिन्हें जेल जाने से पहले हेमंत सोरेन ने अपनी गद्दी सौंप दी थी। अब आइए जानते हैं कि वे कौन से सात विधायक हैं जिनका सत्ता पक्ष में रहते हुए भी मन डोल रहा है। हम आपको वह तारीख भी बताएंगे कि आखिर वह कौन सी तारीख होगी जब ये सभी विधायक पाला बदल लेंगे।
कोल्हान जीतना भाजपा के लिए बना मूंछ का सवाल
भारतीय जनता पार्टी के लिए कोल्हान जीतना मूंछ का सवाल बन गया है। पिछले विधानसभा चुनाव में कोल्हान से भाजपा का खाता भी नहीं खुला था। लेकिन अब इस सुखाड को खत्म करने के लिए भारतीय जनता पार्टी खास तौर पर रणनीति बना रही है। इस रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, दूसरी पार्टी को तोडना। इसके लिए पूरा ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन असम के गुवाहाटी बुलाए गए हैं। लोगों का ध्यान भटके, इसके लिए उनकी यात्रा को पारिवारिक यात्रा बताया गया है। इस बार उनके साथ उनका पूरा परिवार भी है। चंपई सोरेन सडक मार्ग से असम पहुंचे। वहां गुवाहाटी की सर्द वादियों में यह तय किया कि कैसे झारखंड के राजनीतिक मौसम को गर्म करना है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चंपई सोरेन ने उन सभी सात विधायकों के नाम की लिस्ट हिमंता विस्वा सरमा को सौंप दी है, जो आने वाले दिनों में भाजपा में शामिल हो जाएंगे। साथ ही सभी सात विधायकों से एक राउंड की बातचीत भी कर ली गई है। यह सारा खेल अंदरखाने चल रहा है। लेकिन चंपई सोरेन इसे अब भी पारिवारिक दौरा ही बता रहे हैं। ठीक उसी प्रकार का पारिवारिक दौरा यह भी है, जब पिछली बार वे दिल्ली गए थे तो कहा था कि पोता का चश्मा टूट गया था। उसे बनवाने गए थे। कहा था कि बेटी दिल्ली में रहती है, उससे मिलने गए थे। ठीक उसी प्रकार का पारिवारिक दौरा इस बार दिल्ली में नहीं बल्कि असम के गुवाहाटी में हो रहा है।
कौन-कौन विधायक हैं रडार पर
पिछले दिनों सरायकेला टाउन हॉल में एक सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में झारखंड मुक्ति मोर्चा से जुडे कोल्हान के सभी बडे नेताओं को आमंत्रित किया गया था। इस सम्मेलन में नए नवेले मंत्री रामदास सोरेन समेत झारखंड के सभी नेताओं ने हिस्सा लिया। लेकिन इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा के तीन सीटिंग विधायकों की कुर्सी खाली रही। तीन विधायक नहीं पहुंचे। यह खाली कुर्सी चर्चा का केंद्र बनी हुई है। इसमें चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव, पोटका के विधायक संजीव सरदार और खरसांवा के विधायक दशरथ गागराई हैं। ये तीनों विधायक इस सम्मेलन में नहीं पहुंचे थे। हालांकि, उनके नहीं पहुंचने का क्या कारण था, यह उन्होंने पार्टी फोरम पर क्या बताया, यह वे और पार्टी जानें, लेकिन सूत्र लगातार यह जानकारी दे रहे हैं कि इनका मन डोल रहा है। आपने देखा भी होगा कि फिफ्थ पिलर ने अपने सूत्रों के हवाले से जो कुछ भी जानकारियां दी थी, वह सौ फीसदी सच साबित हुई हैं। इसके अलावा बहरागोडा के विधायक समीर मोहंती को लेकर भी जोड-घटाव चल रहा है। लेकिन अभी उनका मामला फाइनल नहीं हो पाया है। कांग्रेस के तीन विधायक भी जल्द ही पाला बदल सकते हैं। इसमें एक पूर्व मंत्री भी शामिल हैं। हालांकि, क्षेत्र में उनकी पकड कमजोर होने के कारण भारतीय जनता पार्टी उन्हें ज्यादा भाव नहीं दे रही है। लेकिन, पूर्व मंत्री ने अपनी सीट पर अपनी कमजोर स्थिति को भांप लिया है। इसलिए वे बैकडोर से भाजपाई बनने के लिए खुद जुगाड बैठा रहे हैं.
15 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में कुछ पहनेंगे भगवा पट्टा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को जमशेदपुर दौरे पर हैं। वे कई योजनाओं की शुरुआत करेंगे। वहीं, गोपाल मैदान में उनकी एक जनसभा भी होगी। इस जनसभा को भव्य बनाने की तैयारी की जा रही है। संभव है कि इस जनसभा में प्रधानमंत्री के हाथों कुछ विधायक भगवा पट्टा पहन सकते हैं। इसके लिए युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है। असम में गोट सेट करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा सरमा दोनों सात सितंबर को झारखंड पहुंच रहे हैं। असम में कागज पर जो कुछ भी तय हुआ था उसे अमलीजामा पहनाने के लिए ग्राउंड पर उतर कर तोड-फोड टीम को एक्टिवेट किया जाएगा। ताकि 15 सितंबर से पहले तक सारा कुछ प्लानिंग के मुताबिक सफल हो सके।
इतना कुछ हो रहा, लेकिन अर्जुन मुंडा और बाबूलाल मरांडी हैं सीन से गायब
भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड के अपने पुराने नेताओं को किनारे कर दिया है। पार्टी में कौन नया आएगा, कौन नहीं आएगा, किसके आने से क्या फायदा होगा, क्या नुकसान होगा, इन सब पर मंथन चल रहा है, लेकिन इस महत्वपूर्ण प्लानिंग का हिस्सा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा नहीं हैं। लोकल लीडरशिप पूरी तरह सीन से गायब है। इन दिनों सारा कुछ तय कर रहे हैं हिमंता विस्वा सरमा और चंपई सोरेन. अर्जुन मुंडा और बाबूलाल मरांडी तो चंपई सोरेन को पार्टी में लाने के पक्ष में भी नहीं थे। लेकिन, उनकी एक नहीं सुनी गई। बाबूलाल मरांडी ने तो चंपई सोरेन को लेकर अपनी नाराजगी बताने के लिए रांची से उड कर दिल्ली भी पहुंचे, लेकिन वहां उनकी एक नहीं सुनी गई। उलटे वहां से सख्त हिदायत मिलने के बाद, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट डालते हुए चंपई सोरेन का स्वागत करना पड़ा। इससे पूर्व सभी ने उनका स्वागत किया था, लेकिन बाबूलाल मरांडी ने एक ट्वीट भी नहीं किया था।
हेमंत सोरेन भी करेंगे ‘खेला’, गिरेंगे भाजपा के भी तीन विकेट
आपने और हम सभी ने न्यूटन के गति का तीसरा नियम पढ़ा है। न्यूटन के गति के तीसरे नियम के मुताबिक, हर क्रिया के लिए एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है। यानी, अगर कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाती है, तो दूसरी वस्तु भी उस वस्तु पर उसी परिमाण का, लेकिन विपरीत दिशा का बल लगाती है। ठीक इसी प्रकार झारखंड की राजनीति में इन दिनों भाजपा के टारगेट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा है। उसके विधायक तोडे जा रहे हैं। संगठन को कमजोर करने के लिए जिला अध्यक्षों को भी भाजपा अपने पाले में करने की तैयारी कर रही है। लेकिन, क्रिया की प्रतिक्रिया के रूप में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी फील्डिंग सजा दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सितंबर के अंत तक भारतीय जनता पार्टी के भी तीन विकेट गिरने वाले हैं। कुल मिला कर मौसम भले बरसात का है, लेकिन झारखंड की सियासी तपिश का असर पूरे देश पर पड रहा है।