जमशेदपुर : भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के सहारे कोल्हान में कमल खिलाने के मंसूबे तैयार कर रही है। भाजपा इस जुगत में है कि वह चंपई सोरेन के भरोसे कोल्हान का सियासी समंदर पार कर ले। BJP का प्लान आदिवासी सीटों पर झामुमो को घेरना है। इसीलिए, चंपई सोरेन अलग पार्टी बनाने के तैयार किए गए हैं। चंपई सोरेन पार्टी बना कर आदिवासी बहुल सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेंगे। भाजपा के थिंक टैंक का मानना है कि इससे भाजपा की जीत की राह आसान होगी। इसके लिए, चंपई सोरेन से कहा गया है कि वह विधानसभा चुनाव से पहले ही जैसे-तैसे अपनी पार्टी बना लें। आपरेशन लोटस का प्लान ए फेल होने के बाद भाजपा का यह प्लान बी है। इस पर अमल शुरू हो गया है। प्लान बी से भाजपा के आला कमान को अवगत करा दिया गया है। इस प्लान की पल पल की अपडेट पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जा रही है।
कोल्हान में तैयार हो रहा नया सियासी समीकरण
कोल्हान में पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा का खाता नहीं खुला था। कोल्हान टाइगर चंपई सोरेन और भाजपा मिल कर पूर्वी सिंहभूम की चार विधानसभा सीटों बहरागोड़ा, पोटका, घाटशिला और जुगसलाई में जीत का सियासी समीकरण तैयार कर रहे हैं। इसी तरह, कोल्हान में पश्चिमी सिंहभूम की चाईबासा, मझगांव, मनोहरपुर और चक्रधरपुर की सीट पर भी चंपई की पार्टी भाजपा की मदद कर सकती है। चूंकि, मधू कोड़ा और गीता कोड़ा अब भाजपा में ही हैं इसलिए भाजपा को लग रहा है कि जगन्नाथपुर सीट उनकी झोली में आ जाएगी। क्योंकि, साल 2019 में यहां से कोड़ा दंपति के करीबी सोनाराम सिंकू चुनाव जीते थे। इसके बाद कोल्हान की बची हुई सीट सरायकेला, खरसावां और ईचागढ़ विधानसभा सीट पर भी आदिवासी वोटरों का खासा प्रभाव है। चंपई सोरेन सरायकेला से खुद विधायक हैं। खरसावां और ईचागढ़ में भी चंपई की पार्टी खड़ी होती है तो इससे भाजपा को काफी फायदा मिलेगा।
गठबंधन हो या फिर अपने दम पर चुनाव
भाजपा में इस बात को लेकर मंथन चल रहा है कि वह चंपई सोरेन की पार्टी के साथ गठबंधन करे या नहीं करे। या फिर चंपई की पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़े। सूत्रों का कहना है कि भाजपा चंपई की पार्टी के साथ खुले तौर पर गठबंधन नहीं करना चाहती है। पार्टी के थिंक टैंक का मानना है कि भाजपा का चंपई सोरेन की पार्टी से अंदरूनी गठबंधन हो तभी इसका सियासी फायदा मिल सकता है। चंपई सोरेन की पार्टी आदिवासी सीटों पर जो वोट काटेगी वह झामुमो का होगा। इस तरह, भाजपा को हर सीट पर फायदा मिलेगा। कहा जा रहा है कि चंपई सोरेन का अभी सभी आदिवासी सीटों पर उनकी पकड़ नहीं है कि उनसे गठबंधन किया जा सके।
गठबंधन हुआ तो मिलेंगी कितनी सीटें
भाजपा का एक धड़ा चंपई सोरेन की पार्टी के साथ गठबंधन करने के पक्ष में हैं। अगर चंपई सोरेन और भाजपा में गठबंधन हुआ तो चंपई सोरेन की पार्टी को दो सीटें मिल सकती हैं। इनमें एक सरायकेला सीट है। यह चंपई सोरेन की परंपरागत विधानसभा सीट है। दूसरी सीट चंपई अपने बेटे बाबूलाल सोरेन के लिए मांगेंगे। यह सीट घाटशिला या पोटका हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि चंपई सोरेन अपने बेटे के लिए पोटका विधानसभा सीट ही लेना चाहेंगे। लेकिन, अगर गठबंधन नहीं होता है तो भी भाजपा पोटका और सरायकेला से या तो अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी या फिर कमजोर कैंडीडेट चुनाव लड़ेगा।