-सच हुआ फिफ्थ पिलर का सर्वे
– इंडिया गठबंधन को 56, एनडीए को 24 सीट
झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर फिफ्थ पिलर ने जो सर्वे किया था वह सच साबित हुआ। झारखंड में इंडिया गठबंधन की सरकार दोबारा बनने जा रही है। सर्वे में हमने इंडिया गठबंधन को 50 से 52 सीटें मिलने की बात कही थी। इस चुनाव में इंडिया गठबंधन को 56 सीटें मिली हैं। जबकि, एनडीए 24 सीटों पर सिमट गया है। हमारा सर्वे हर प्रमंडल में सही साबित हुआ है।
हेमंत ने परिवार संग मनाया जश्न
जीत का एलान होते ही हेमंत सोरेन ने रांची में कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के अन्य नेताओं के साथ मुलाकात की और तस्वीर खिंचवाई। इस जीत पर हेमंत सोरेन का परिवार खुश नजर आया। सीएम ने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को गांडेय विधानसभा सीट से जीत की बधाई दी तो कल्पना सोरेन ने पति हेमंत सोरेन को बरहेट से जीत की बधाई दी। हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन शिबू सोरेन के पास पहुंचे। हेमंत सोरेन ने अपने पिता शिबू सोरेन को जीत की बधाई दी और अपनी मां से भी मिले। बच्चों ने भी अपने पिता हेमंत सोरेन की जीत का जश्न मनाया।
सुबह से ही आगे था इंडिया गठबंधन
सुबह जब मतगणना शुरू हुई तो एक घंटे के बाद ही चुनाव के रुझान आने शुरू हो गए थे। इन रुझानों से ही पता चल गया था कि फिफ्थ पिलर ने जो सर्वे किया है वह एकदम सटीक साबित हुआ है। शुरुआती रुझान में इंडिया गठबंधन को 51 सीटों के आसपास मिल रही थीं। जबकि, एनडीए 28 सीटों के आसपास था। अब जब सभी सीटों की मतगणना पूरी हो गई है। जेएमएम 34 सीटें जीत चुका है।
कांग्रेस के उम्मीदवार 16 सीटों पर जीत हासिल कर चुके हैं। इस तरह, कांग्रेस की झोली में कुल 16 सीटें गई हैं। राजद ने 4 सीटें जीती हैं। इस तरह राजद की झोली में 4 सीटें गई हैं। इंडिया गठबंधन का घटक दल भाकपा माले 2 सीटें जीत चुकी है। इस तरह इंडिया गठबंधन की झोली में झारखंड विधानसभा की 56 सीटें आई हैं। चुनाव के नतीजे से जेएमएम के खेमे में खुशी का माहौल है। इंडिया गठबंधन को जीत का जादुई आंकड़ा छूने के लिए 41 सीटों की जरूरत थी। मगर, उसे जनता ने भर भर कर सीटें दी हैं। इससे इंडिया गठबंधन को बहुमत से 15 सीटें अधिक मिली हैं।
जेएमएम के काम के चलते हुई जीत
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि जेएमएम की नीतियों के चलते यह जीत हुई है। सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड मुख्यमंत्री मइयां सम्मान योजना का पासा फेंका। यह पासा सही साबित हुआ। इससे महिलाओं का भला हुआ और वह बडी संख्या में बूथ तक पहुंचीं। कोल्हान का इलाका हो या संथाल का जेएमएम ने हर तरफ बाजी पलट दी।
कोल्हान में इंडिया गठबंधन को 11 सीटें, एनडीए को 3
कोल्हान में इंडिया गठबंधन ने 11 सीटें जीत ली हैं। कोल्हान में बहरागोडा से जेएमएम के समीर मोहंती, चाईबासा से दीपक बिरुआ, ईचागढ से सविता महतो, जुगसलाई से मंगल कालिंदी, खरसावां से दशरथ गागराई, मझगांव से निरल पूर्ति, मनोहरपुर से जगत माझी, पोटका से संजीव सरदार और चक्रधरपुर से सुखराम उरांव चुनाव जीते हैं। जगन्नाथपुर से कांग्रेस के सोनाराम सिंकू चुनाव जीत गए हैं। इस तरह कोल्हान में इंडिया गठबंधन ने 11 सीटें झटक ली हैं।
कोल्हान में टूट गई भाजपा की आस
कोल्हान ने भाजपा को गहरा झटका दिया है। भाजपा कोल्हान में अधिक से अधिक सीटें जीतने की उम्मीद लेकर चंपई सोरेन को पार्टी में लाई थी। मगर वह, अपनी सीट ही निकाल सके। चंपई सोरेन ने बेटे बाबूलाल सोरेन को घाटशिला और सोनाराम बोदरा को खरसावां से टिकट दिलाया था। मगर, इन दोनों जगहों से भाजपा हार गई। एनडीए के लिए उम्मीद भरी बात यह है कि उसने यहां खाता खोल लिया है। पिछले चुनाव में कोल्हान में एनडीए का खाता तक नहीं खुला था। इस बार कोल्हान में बीजेपी ने दो सीटें जीती हैं। जबकि, एक सीट पर जदयू का उम्मीदवार जीता है। कोल्हान की जमशेदपुर पूर्वी की सीट पर भाजपा की उम्मीदवार पूर्णिमा साहू 42 हजार 871 वोट से जीत गई हैं। उन्हें 1 लाख 791 वोट मिले हैं। वह पूर्व सीएम ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू हैं। उन्होंने यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार डाक्टर अजय कुमार को हरा दिया है। डाक्टर अजय कुमार को 64 हजार 350 वोट मिले हैं। भाजपा ने जो दूसरी सीट यहां से जीती है वह सरायकेला है। सरायकेला से चंपई सोरेन 20 हजार 545 वोट से जीत गए हैं। चंपई सोरेन ने 1 लाख 19 हजार 379 वोट मिले हैं। उन्होंने जेएमएम के उम्मीदवार गणेश महाली को हरा दिया है। गणेश महाली को 98 हजार 932 वोट मिले हैं। जदयू ने जमशेदपुर पश्चिम सीट कांग्रेस के बन्ना गुप्ता को 7 हजार 863 वोट से हरा कर जीत ली है। जदयू के उम्मीदवार सरयू राय को 1 लाख 3 हजार 631 वोट मिले हैं। बन्ना गुप्ता को 95 हजार 768 वोट मिले हैं। इस तरह, कोल्हान में इंडिया गठबंधन ही हावी रहा है।
पूरे प्रदेश की बात करें तो भाजपा 21 सीटें जीती है। इस तरह, भाजपा की झोली में 21 सीटें आई हैं। आजसू पार्टी ने 1 सीट जीती है। जबकि, जदयू और लोकजनशक्ति पार्टी ने भी 1-1 सीट जीती है। इस तरह, एनडीए के पास 24 सीटों का ही आंकडा है।
जनता ने नकार दिए भाजपा के मुद्दे
इस चुनाव नतीजों से साफ है कि जनता ने झारखंड में बीजेपी को नकार दिया है। बीजेपी जिन मुद्दों पर चुनाव लड़ रही थी, वह जनता के बीच खरे नहीं उतर सके। भाजपा का बांग्लादेशी घुसपैठ वाला मुद्दा नहीं चल पाया। संथाल में भाजपा को करारी हार मिली है। भाजपा का हिंदू कार्ड भी नहीं चला। भाजपा के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, होम मिनिस्टर अमित शाह, राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ सब ने झारखंड का दौरा किया। मगर कामयाबी नहीं मिल पाई।
आजसू का साफ हो गया सूपड़ा
एनडीए की घटक दल आजसू इस चुनाव में पिट गई। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि आजसू का सूपड़ा साफ हो गया। आजसू को जयराम महतो की पार्टी जेकेएलएम ने पंगु बना दिया। जुगसलाई से आजसू के राम चंद्र सहिस जेएमएम के मंगल कालिंदी से 43 हजार 445 वोट से हार गए हैं। इस सीट पर जेएमएम के मंगल कालिंदी को 1 लाख 21 हजार 290 वोट मिले हैं। राम चंद्र सहिस को 77 हजार 844 वोट मिले हैं। सिल्ली से आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो हार गए हैं। उन्हें जेएमएम के उम्मीदवार अमित कुमार महतो ने 23 हजार 867 वोट से हराया है। अमित कुमार को 73 हजार 169 वोट मिले हैं। सुदेश महतो 49 हजार 302 वोट पा सके हैं। मांडू विधानसभा सीट ने आजसू की इज्जत रख ली। यहां से आजसू के उम्मीदवार निर्मल महतो 231 वोट से जीत गए। इस सीट पर आजसू ने कांग्रेस के जय प्रकाश भाई पटेल को हरा दिया। निर्मल महतो को 90 हजार 871 वोट मिले हैं। जबकि, जयप्रकाश भाई पटेल को 90 हजार 640 वोट मिले हैं। जयराम महतो की पार्टी जेकेएलएम के बिहारी कुमार को 71 हजार 276 वोट मिले हैं।
कांग्रेस व जेएमएम से भाजपा में गए कई नेता हारे
इस साल जेएमएम से जितने भी नेता भाजपा में गए ज्यादातर हार गए। सीता सोरेन जामा की विधायक हुआ करती थीं। वहां उनका अपना नेटवर्क था। मगर, भाजपा ने उन्हें जामताडा से कांग्रेस के इरफान अंसारी के सामने खडा कर दिया। नतीजा यह हुआ कि सीता सोरेन 43 हजार 676 वोट से हार गईं। इरफान अंसारी को 1 लाख 33 हजार 266 वोट मिले हैं। सीता सोरेन ने 89 हजार 590 वोट प्राप्त किए हैं।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो सीता सोरेन का भाजपा में जाना नहीं फला। यही हाल गीता कोड़ा का रहा। जब, सीता सोरेन और गीता कोड़ा ने भाजपा का दामन थामा था तो मेन स्ट्रीम मीडिया ने खूब कसीदे पढ़े थे। गीता-सीता के नाम की हेडिंग चल रही थी। यह दोनों न केवल लोकसभा चुनाव हार गईं। बल्कि, अब विधानसभा चुनाव में भी इनकी नहीं चल पाई। गीता कोड़ा जगन्नाथपुर में कांग्रेस के सोना राम सिंकू से 7 हजार 383 वोट से हार गईं। सोनाराम सिंकू को 57 हजार 66 वोट मिले हैं। गीता कोड़ा को 49 हजार 682 वोट मिले हैं। राजनीति के जानकारों का कहना है कि अगर गीता कोड़ा कांग्रेस में ही रहतीं तो आज सीन अलग होता। जेएमएम छोड़ कर बीजेपी में गए एक और नेता लोबिन हेंब्रम जेएमएम के धनंजय सोरेन से 19 हजार 273 वोटों से चुनाव हार गए हैं। धनंजय सोरेन को 97 हजार 317 वोट मिले। जबकि लोबिन हेंब्रम 78 हजार 44 वोट ही प्राप्त कर पाए।