कांग्रेस इस विधानसभा चुनाव में जोर शोर से कमर कस कर उतरने जा रही है। पार्टी ने अब तक 21 सीटों पर प्रत्याशियों का एलान किया है। जनता को कांग्रेस के उम्मीदवारों की दूसरी सूची का इंतजार है। जेएमएम की तीसरी सूची आ चुकी है। मगर, कांग्रेस की भी दूसरी सूची आ चुकी है। मगर इसमें से धनबाद और बोकारो का नाम गायब है। सियासी हलके में इसकी चर्चा होने लगी है। नेता-कानाफूसी कर रहे हैं कि आखिर कांग्रेस धनबाद और बोकारो से प्रत्याशी कब घोषित करेगी। यह सूची किस पेच में फंसी है। हम आज इसकी समीक्षा करेंगे।
कांग्रेस की जो सूची अब तक जारी हुई है। उसमें एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार हैं इरफान अंसारी। उन्हें जामताड़ा से टिकट दिया गया है। इस सूची के आते ही विरोधी खेमा कांग्रेस पर तंज कसने लगा कि पार्टी की पहली सूची में कितने मुस्लिम उम्मीदवार हैं। इसके बाद कांग्रेस ने दिल्ली में एक हाई लेवल मीटिंग की है। इस मीटिंग में तय हुआ है कि झारखंड में कम से एक और मुस्लिम उम्मीदवार को कहीं से उतारा जाए। तब उन सीटों की तलाश शुरू हुई जहां से मुस्लिम कैंडीडेट जीत सकता है। बताते हैं कि कांग्रेस के थिंक टैंक ने दो सीटें खोजी हैं। यह सीटें धनबाद और बोकारो हैं। इनमें से किसी एक सीट पर मुस्लिम कैंडीडेट को उतारा जा सकता है। सूत्रों की मानें तो बोकारो से अल्पसंख्यक उम्मीदवार लाने की कवायद चल रही है। दमदार प्रत्याशी खोजा जा रहा है। अब हम आपको बताएंगे कि कांग्रेस ने मुस्लिम प्रत्याशी के लिए धनबाद और बोकारो का जिक्र क्यों किया। क्यों बोकारो से मुस्लिम कैंडीडेट के जीत कर आने की संभावना अधिक है। अगर कांग्रेस इनमें से किसी एक सीट पर अपना उम्मीदवार उतारती है तो उनकी जीत की संभावना क्या है। इसके अलावा, अन्य 8 सीटों पर कहां कहां पेच है।
धनबाद व बोकारो की सीट होल्ड पर
कांग्रेस ने अभी धनबाद और बोकारो को भी होल्ड पर रखा है। इन दो सीटों में से एक पर कांग्रेस अल्पसंख्यक समुदाय के नेता को उम्मीदवार बनाना चाहती है। धनबाद के कांग्रेसी नेताओं ने दिल्ली जाकर इस संबंध में शिकायत की थी और धनबाद से मुस्लिम कैंडीडेट देने की बात कही थी। कहा जा रहा है कि इसके बाद दिल्ली में कांग्रेस के नेताओं की बड़ी मीटिंग हुई है। इस मीटिंग में तय किया गया है कि धनबाद या बोकारो से मुस्लिम उम्मीदवार उतारा जाए। इसके लिए दोनों विधानसभा सीटों पर पांच-पांच नाम मांगे गए हैं। इसी वजह से इन सीटों पर अब तक प्रत्याशियों का एलान नहीं किया गया है।
क्या है धनबाद सीट का गणित
धनबाद सीट पर मुस्लिम वोटरों की संख्या लगभग 60 हजार के आसपास है। साल 2019 में धनबाद से बीजेपी के राज सिन्हा जीते थे। राज सिन्हा को एक लाख 20 हजार 773 वोट मिले थे। कांग्रेस ने यहां से मुस्लिम कैंडीडेट मन्नान मल्लिक को उतारा था। मगर, वह दूसरे नंबर पर रहे थे। उन्हें 90 हजार 144 वोट मिले थे। मन्नान राज सिन्हा से 30 हजार 629 वोटों से हार गए थे। साल 2014 के चुनाव में भी मन्नान दूसरे नंबर पर रहे थे। तब उन्हें 79 हजार 94 वोट मिले थे। इस चुनाव में मन्नान 52 हजार 997 वोट से हारे थे। अलबत्ता, साल 2009 के चुनाव में मन्नान मल्लिक ने यहां से जीत हासिल की। उन्होंने बीजेपी के राज सिन्हा को कांटे के मुकाबले में सिर्फ 890 वोटों से हराया था। साल 2005 के चुनाव में भी मन्नान दूसरे नंबर पर थे। उन्हें 62 हजार 12 वोट मिले थे। वह राज सिन्हा से 21 हजार 680 वोटों से हार गए थे। कांग्रेस के थिंक टैंक ने भी धनबाद सीट का पूरा आकलन किया है। साथ ही शहर से फीडबैक भी लिया गया है। धनबाद का फीडबैक है कि यहां से मुस्लिम कैंडीडेट का जीतना मुश्किल है। फिर भी कुछ नेता अल्पसंख्यक उम्मीदवार की ही बात कर रहे हैं। इसलिए, पार्टी यहां से किसी दमदार उम्मीदवार की तलाश में है। यहां से कांग्रेस से जिलाध्यक्ष संतोष सिंह टिकट के दावेदारों में से एक हैं।
जानिए बोकारो सीट की केमेस्ट्री
बोकारो में मुस्लिम वोटरों की संख्या लगभग 50 हजार के आसपास है। यहां से साल 2005 में कांग्रेस के टिकट पर इजराइल अंसारी जीते थे। तब उन्हें 44 हजार 939 वोट मिले थे। उन्होंने झारखंड वनांचल कांग्रेस के समरेश सिंह को 5 हजार 41 वोटों से हराया था। साल 2019 के चुनाव में बोकारो सीट पर कांग्रेस ने मुस्लिम उम्मीदवार नहीं खड़ा किया था। इस चुनाव में बीजेपी के बिरंची नारायण चुनाव जीते थे। साल 2014 के चुनाव में कांग्रेस ने मंजूर अंसारी को उतारा था। मगर, वह नहीं जीत पाए थे। इस चुनाव में मंजूर अंसारी को 28 हजार 295 वोट मिले थे। इस चुनाव में दो मुस्लिम कैंडीडेट थे। इजराइल अंसारी ने झारखंड विकास पार्टी से चुनाव लडा था। उन्हें 20 हजार 120 वोट मिले थे। इस चुनाव में जेएमएम को 13 हजार 922 वोट मिले थे। आपको बता दें कि पार्टी बोकारो से किसी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दे सकती है। क्योंकि, पार्टी की गणित है कि इस सीट पर मुस्लिम मत निर्णायक हालत में तो हैं ही जेएमएम के वोट मिल गए तो कांग्रेस का पंजा जीत सकता है।