जमशेदपुर: पूर्व राज्यसभा सांसद भाजपा नेता डॉ राकेश सिन्हा ने कहा है कि मधु कोड़ा वाल्मीकि के समान हैं। उनका पूर्व नहीं देखा जाना चाहिए। डॉ राकेश सिन्हा पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे। उनसे पूछा गया था कि भाजपा एक सिद्धांत वादी पार्टी है। भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस रहता है। इसके बावजूद भाजपा की क्या मजबूरी हुई कि उन्हें झारखंड में मधु कोड़ा जैसे घोटाले के मामले के सजायाफ्ता से हाथ मिलाना पड़ा।
उन्होंने कहा कि झारखंड की वर्तमान सरकार लूट मार कर रही है। इस लुटेरी सरकार को हटाने के लिए भाजपा ने मधु कोड़ा से हाथ मिलाया है। इस समय सबसे अहम बात यह है कि इंडिया गठबंधन की भ्रष्टाचारी सरकार को झारखंड से खत्म करना है। ताकि इस प्रदेश का विकास हो। डॉक्टर राकेश सिन्हा बिष्टुपुर स्थित श्री कृष्ण सिन्हा संस्थान में आयोजित हिंदी दिवस सह विश्व कवि रामधारी सिंह दिनकर जयंती समारोह में फिफ्थ पिलर से विशेष बातचीत कर रहे थे।
झामुमो में हुआ पूर्व सीएम चंपई सोरेन का अपमान
डॉक्टर राकेश सिन्हा ने कहा कि हमें यह नहीं कहना चाहिए कि भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को झामुमो से तोड़कर भाजपा में शामिल किया है। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का अपमान हुआ है। उनके कई कार्यक्रम लगे हुए थे। कार्यक्रमों को स्थगित कर उन्हें इस्तीफा देने पर मजबूर किया गया। इसीलिए वह खुद भाजपा में आए हैं।पूर्व राज्यसभा सांसद डॉक्टर राकेश सिन्हा ने कहा कि हरियाणा में भाजपा की सरकार बनेगी। जम्मू कश्मीर में भी भाजपा सफलता प्राप्त करेगी।
दिनकर की कविता से प्रेरित होकर महात्मा गांधी ने शुरू किया था अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन
पूर्व राज्यसभा सांसद डॉक्टर राकेश सिन्हा ने कहा कि विश्व कवि रामधारी सिंह दिनकर की तुलना रूस के लेखक गोरकी और टालस्टाय से की जा सकती है। रामधारी सिंह दिन कर गोरकी और टालस्टाय से भी बेहतर थे। जीविका चलाने के लिए उन्होंने रजिस्ट्री ऑफिस में नौकरी की थी। कविता के चलते उन्हें कई बार नौकरी खतरे में महसूस हुई। उन्होंने एक कविता लिखी जिससे प्रेरित होकर महात्मा गांधी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया। किसी तरह यह पता चल गया कि यह कविता रामधारी सिंह दिनकर ने लिखी है। इसके बाद अंग्रेज सरकार उनके पीछे पड़ गई और उनका 22 बार ट्रांसफर किया गया। जब किसी ने रामधारी सिंह दिन कर से पूछा कि ट्रांसफर से उन्हें परेशानी होती होगी। तो रामधारी सिंह दिनकर ने कहा था कि ऐसा नहीं है। हर ट्रांसफर में 6 दिन की छुट्टी मिलती है और इस छुट्टी में वह कविताएं लिखते हैं।
श्रद्धालुओं को रोक कर वीआइपी को दर्शन कराने पर नाराज होकर देवघर से चले गए थे विश्व कवि
डॉक्टर राकेश सिन्हा ने बताया कि 1949 में रामधारी सिंह दिनकर देवघर आए थे। यहां उन्होंने देखा कि आम श्रद्धालुओं को बाहर रोक दिया गया है। अंदर वीआइपी दर्शन कर रहे हैं। तो उन्होंने इस पर आपत्ति जाहिर की और कहा कि आम श्रद्धालुओं को भी दर्शन करने दिया जाए। जब ऐसा करने से प्रबंधन ने मना किया तो रामधारी सिंह दिनकर नाराज होकर वापस लौट गए थे। कार्यक्रम में अध्यक्षीय भाषण डॉक्टर हरि बल्लभ सिंह आरसी ने दिया। कार्यक्रम का संचालन जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की शिक्षा संकाय की प्राध्यापिका डॉक्टर त्रिपुरा झा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय संयोजिका डॉक्टर बबिता तिवारी ने किया। इस कार्यक्रम में समाजसेवी विकास सिंह के अलावा महिला विश्वविद्यालय की कुलपति एंजिला गुप्ता, अरका जैन विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ अंगद तिवारी, डॉक्टर श्याम लाल पांडे, श्वेता अग्रवाल, शालिनी तिवारी आदि मौजूद रहे।