जमशेदपुर : विधायक सरयू राय जमशेदपुर पूर्वी से ही चुनाव लड़ेंगे। वह किसी अन्य सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे। सरयू राय की जमशेदपुर पूर्वी सीट से चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी है। उनके होर्डिंग भी तैयार हो गए हैं। दो दिन बाद शहर के पूर्वी इलाके में सरयू राय के होर्डिंग लगने शुरू हो जाएंगे। विधायक सरयू राय जमशेदपुर पूर्वी से ही चुनावी मैदान में उतरेंगे। जमशेदपुर पूर्वी सीट को लेकर जदयू और भाजपा में अंडरस्टैंडिंग बन चुकी है। सूत्रों की मानें तो जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बीच इस बारे में सहमति बन गई है कि जमशेदपुर पूर्वी की सीट जदयू की झोली में जाए। हमने इस मुद्दे पर विधायक सरयू राय का इंटरव्यू लिया।
उन्होंने कहा कि उनका पूरा इरादा जमशेदपुर पूर्वी से ही है। यह जदयू की सीटिंग सीट है। इसलिए इस सीट पर जदयू का दावा मजबूत है। जब भी सीट का फार्मूला तय होता है तो सीटिंग सीट की उसमें अहम भूमिका होती है। सीटिंग सीट उसी पार्टी को मिलती है जिसका नेता उस सीट पर विधायक होता है। सरयू राय ने कहा कि पता नहीं कहां से यह चर्चा आती है कि वह जमशेदपुर पश्चिम से चुनाव लड़ेंगे। ऐसी चर्चा का कोई आधार नहीं है। विधायक सरयू राय ने कहा कि सीटों का फार्मूला जदयू और भाजपा का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा। सरयू राय ने कहा कि उन्होंने अपनी प्राथमिकता बता दी है कि वह जमशेदपुर पूर्वी से ही लड़ना चाहते हैं। यहां से उनकी तैयारी चल रही है। विधायक ने कहा कि उनके होर्डिंग भी बन कर तैयार हो गए हैं। इनमें जमशेदपुर पूर्वी सीट का जिक्र है। इसके अलावा अब तक जमशेदपुर पूर्वी में जो भी जनहित के काम किए हैं, उनका जिक्र भी होर्डिंग्स में होगा। उनसे पूछा गया कि अगर सीटों के बंटवारे में यह सीट जदयू की झोली में नहीं आई तो क्या होगा। इस पर विधायक सरयू राय का सीधा जवाब था कि कोई कारण ही नहीं है कि वह इस सीट पर चुनाव नहीं लड़ें। अगर-मगर नहीं। विधायक सरयू राय ने कहा कि जब यह तय हो गया है कि जदयू को जिले में एक सीट मिलेगी। तो यह भी तय हो गया होगा कि विधायक सरयू राय जिस सीट से विधायक हैं वही सीट मिलेगी। विधायक सरयू राय पूर्व सीएम रघुवर दास से संबंधित सवाल टाल गए। उनसे जब पूछा गया कि चर्चा है कि रघुवर दास अपने खुद के लिए या फिर अपने किसी करीबी के लिए जमशेदपुर पूर्वी सीट से टिकट मांग रहे हैं तो विधायक सरयू राय का कहना था कि वह क्या करेंगे और क्या नहीं करेंगे। उनके बारे में वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
सरयू राय ने नहीं बनाया भारतीय जनतंत्र मोर्चा
भारतीय जनतंत्र मोर्चा के बारे में विधायक सरयू राय ने कहा कि यह पार्टी उन्होंने नहीं बनाई थी। कुछ लोगों ने यह पार्टी बनाई थी। इस पार्टी में उन्हें अपना संरक्षक बनाया था। सरयू राय ने बताया कि चूंकि वह निर्दलीय विधायक थे इसलिए वह खुद कोई दल नहीं बना सकते थे। उन्होंने कहा कि इसीलिए इस पार्टी में उन्हें संरक्षक बना दिया गया था। वह आज भी उस पार्टी के संरक्षक हैं। जदयू और भारतीय जनतंत्र मोर्चा के लोग अगर बैठ कर तय करते हैं कि हमें मर्ज कर लेना है तो भारतीय जनतंत्र मोर्चा मर्ज कर जाएगा। अब यह दोनों दलों के नेताओं पर है कि वह क्या फैसला करते हैं। सरयू राय ने कहा कि वह भारतीय जनतंत्र मोर्चा के प्राथमिक सदस्य भी नहीं हैं। इसी वजह से उनका जदयू में जाने का भारतीय जनतंत्र मोर्चा से कोई मतलब नहीं है। सरयू राय ने कहा कि अभी वह जदयू में चले गए हैं। तो भारतीय जनतंत्र मोर्चा और जदयू दोनों ही विधानसभा चुनाव में उनका समर्थन करेंगे।
पांचवीं बार उठा है आहार पत्रिका का मामला
विधायक सरयू राय ने कहा कि आहार पत्रिका का मामला पांचवीं बार उठाया गया है। 2021 में भाजपाइयों ने जमशेदपुर में यह मामला उठाया था। टेल्को के गायत्री नगर के रहने वाले जी कुमार ने एंटी करप्शन ब्यूरो में मामले की शिकायत की थी। टेल्को के ही विनय कुमार इस मामले को लेकर हाईकोर्ट गए। हाईकोर्ट ने कहा कि इसमें कोई मामला नहीं बनता। थाने जाइए। तब धुर्वा थाने में केस दर्ज कराया गया था। उस केस में कभी पुलिस ने उनसे संपर्क नहीं किया। इस केस की क्या स्थिति है उन्हें नहीं पता। एसीबी में जो शिकायत हुई तो उसमें अधिकारियों ने अपने विभाग को पत्र लिखा। आवेदन में जो दस्तावेज दिए गए थे उनके ओरिजिनल दस्तावेज से मिलान की बात कही गई। इस पत्र को खाद्य आपूर्ति विभाग को भेज दिया गया। विभाग ने इसकी जांच कराई और कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। सरयू राय ने कहा कि वह इस मामले में बेफिक्र हैं क्योंकि इसमें एक पैसे की गड़बड़ी नहीं हुई है।
विभाग ने कराई थी आहार पत्रिका मामले की जांच, कुछ नहीं निकला
अरगोड़ा में जो एफआइआर दर्ज हुई है इसमें कुछ भी नई बात नहीं है। यह प्राथमिकी स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अपने एक आदमी को खडा कर दर्ज कराई है। क्योंकि, बन्ना गुप्ता ने इससे जुड़ी फाइल में लिखा है कि इस मामले में एफआइआर होना चाहिए। विभाग के सचिव ने एफआइआर दर्ज करने की बात नहीं मानी। सचिव ने कहा कि वह इस फाइल को विधि परामर्श के लिए लॉ विभाग को भेज देते हैं। मगर, सचिव ने इस फाइल को लॉ विभाग को भेजा या नहीं भेजा यह पता नहीं है। मगर, इस मामले में उन्होंने एफआइआर नहीं दर्ज कराई। इसी के बाद बन्ना गुप्ता ने अपना कोई बंदा खडा कर एफआइआर दर्ज करा दी है। इस प्राथमिकी का वही हाल होगा जो अब तक पहले के पांच मामलों का हो चुका है। एफआइआर में दर्ज कई बातें झूठ हैं। आहार पत्रिका निकालने में सरकारी राजस्व का घोटाला नहीं हुआ है। अगर वह कहते हैं कि पत्रिका के सर्कुलेशन में कोताही हुई है। तो इसमें प्रिंटर का काम था कि पत्रिका को छाप कर डीएसओ के पास तक पहुंचा देना। राशन दुकानों पर वितरण का काम डीएसओ का था। खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने इस मामले में समिति बना कर एक जांच कराई थी। इस मामले में कुछ नहीं निकला। यह सारा तथ्य फाइल में है।
रघुवर से अनबन के मामले में पीएम से मिले थे सरयू, चार महीने तक नहीं हुई थी दिक्कत
रघुवर दास से अनबन के मामले में विधायक सरयू राय ने कहा कि वह उनकी कैबिनेट में मंत्री थे। वह ऐसी बातें उठाते थे जिससे सरकार को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में रघुवर दास ने सोचा कि सरयू राय उनके विरोध में हैं। सरयू ने बताया कि यह बात आई तो 4 अगस्त साल 2017 को वह दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे और उनसे कहा कि वह जिस सरकार में हैं उसमें उन्हें कुछ कारण से शर्मिंदगी उठानी पडती है। अगर आप कहें तो इस्तीफा दे दें। इस पर प्रधानमंत्री ने सरयू राय से कहा कि त्यागपत्र की बात सपने में भी मत सोचना। प्रधानमंत्री ने कहा कि अमित शाह से बात कर लीजिए। वह इस मामले को निपटा देंगे। इसके बाद अमित शाह तीन दिन के लिए रांची आए। उन्होंने मामले को संज्ञान में लेकर मामला सुलझा दिया। सरयू राय ने कहा कि मगर जैसे जानवर होता है कि उसकी पूंछ जब तक पकड़ कर खींचिए तो सीधी रहेगी। छोड़ दीजिए तो पूंछ फिर टेढ़ी हो जाएगी। वही इस मामले में हुआ। दिसंबर साल 2017 तक तो सब कुछ ठीक रहा मगर बाद में फिर वही नौबत आ गई।
टिकट को लेकर छल हो रहा था, इसीलिए जमशेदपुर पूर्वी से लड़े चुनाव
सरयूराय ने बताया कि चुनाव का एलान होने के बाद जब उन्हें पता चला कि रघुवर दास उन्हें टिकट देना नहीं चाहते हैं तो वह केंद्रीय नेतृत्व के पास गए। सरयू राय ने केंद्रीय नेतृत्व से कहा कि अगर वह उन्हें टिकट नहीं देना चाहते हैं तो अभी बता दीजिए। अभी बता दीजिएगा तो वह प्रेसवार्ता कर एलान कर देंगे कि बहुत हो गया, अब वह चुनाव नहीं लडेंगे। सरयू ने कहा कि उन्हें कुछ नहीं बताया गया। इसके बाद टिकट बांटने के लिए बोर्ड की मीटिंग बैठी। इस मीटिंग में भी सरयू राय ने कह दिया था कि अगर उन्हें टिकट के बारे में जानकारी दे दी जाएगी तो ठीक है। मगर, अगर कोई छल कपट किया जाएगा तो वह उसी व्यक्ति के खिलाफ चुनाव लड जाएंगे जिसने आज यह नौबत लाई है। इसके बाद भी किसी ने कुछ नहीं कहा। टिकट बंटवारे की तीन सूचियां जारी हो गईं। इसमें उनका नाम नहीं था। सरयू राय ने बताया कि चौथी लिस्ट भी जारी हो गई। इसमें उनका नाम पेंडिंग में था। इसके बाद नामांकन के लिए एक दिन ही बचा था। इसी के बाद उन्होंने पत्रकार वार्ता आयोजित की और पत्रकारों को बताया कि वह जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ेंगे। जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लडने के लिए कमर कस ली और नामांकन दाखिल कर दिया। सरयू राय ने कहा कि जनता ने उनके प्रचार की कमान खुद संभाली। उन्होंने कहा कि यह सरयू राय की जीत नहीं थी बल्कि रघुवर के कारनामों की हार थी।
प्रधानमंत्री के आने का कोल्हान में भाजपा को मिलेगा फायदा
विधायक सरयू राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जमशेदपुर आने का पूरे कोल्हान में फर्क पड़ेगा। इसका भाजपा को फायदा मिलेगा। प्रधानमंत्री के अपील का असर मतदाताओं पर होगा। पूर्व सीएम चंपई सोरेन भाजपा में नए नए आए हैं। उनके साथ मिल कर भाजपा काम कर रही है तो कोल्हान में इस बार सियासी मंजर बदलेगा। कुछ घोषणाएं होंगी। मुख्यमंत्री घोषणा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री उनसे बेहतर घोषणा करेंगे। मुख्यमंत्री महिलाओं को साल में बारह हजार रुपये देने की बात कह रहे हैं। हो सकता है कि इधर से कहा जाए कि हम पचास हजार देंगे। या जो भी। जमशेदपुर कोल्हान का केंद्र है। पूरे कोल्हान की राजनीति पर इसका असर जरूर होगा। आयुष्मान भारत के तहत बुजुर्गों के लिए 5 लाख रुपये तक की बीमा योजना भाजपा लाई है। यह काफी प्रभावशाली योजना साबित होगी। चुनाव में इसका लाभ मिलेगा।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने किए छह आदेश
विधायक सरयू राय ने भुइंयाडीह के मामले में कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बस्तियों के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में शिकायत नहीं की है। उनकी शिकायत में कहीं बस्तियों का जिक्र कहीं नहीं था। बहुमंजिली इमारतों के बारे में ही शिकायत थी। यह डा. अजय कुमार की दिमागी उपज थी। इस मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने छह आदेश किए हैं। इसमें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उल्लंघनकर्ताओं की सूची मांगी है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का कहना है कि वह इन उल्लंघनकर्ताओं को भी पार्टी बनाएगा। सरयू राय ने कहा कि इस मामले में उन्होंने अपना अधिवक्ता खड़ा कर दिया है। वह इस मामले को देख रहे हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अपने किसी आदेश में नहीं कहा है कि वह नदी किनारे के घर तोड़ेगा। उसने कहा है कि वह उल्लंघनकर्ताओं को बुलाएगा ताकि वह भी अपनी बात रख सकें।
गाइड व संगम फिल्म बेहद पसंद थी, कई बार देखी
विधायक सरयू राय ने कहा कि वह पहले फिल्म बहुत देखते थे। पुरानी फिल्में अच्छी होती थीं। अब वैसी फिल्में नहीं आ रही हैं। जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वैसे पसंद भी बदलती जाती है। सरयू राय ने कहा कि जब भी उन्हें मन बहलाना होता है अब वह पुराने गीत सुनते हैं। सरयू राय ने बताया कि गाइड फिल्म उन्हें बेहद अच्छी लगती थी। इस फिल्म को उन्होंने कई बार देखा। संगम फिल्म भी कई बार देखी। 1980 के दशक में कुछ प्रगतिशील फिल्में भी बनती थीं। उन्हें भी देखा है। विधायक सरयू राय की खेलों में भी दिलचस्पी थी। उनके समय में गांवों में क्रिकेट नहीं पहुंचा था। सरयू राय ने बताया कि वह फुटबाल खेलते थे। खूब फुटबाल मैच खेले हैं। वालीबॉल भी खेलते थे। कबड्डी खेलने में भी उनकी रुचि थी।