रांची : झारखण्ड की सभी राजनीतिक पार्टी हर एक सीट पर पूरी ताकत झोंक रही है. संथाल परगना में बोरियो विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा माथापच्ची हो रही है. इस सीट को लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों ही कंफ्यूजन में है. ऐसे में यह अनुमान लगाए जा रहे हैं कि उम्मीदवारों की घोषणा होने के बाद एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों ही खेमों में भगदड़ का माहौल उत्त्पन्न हो सकता है.
लोबिन के आने के बाद भाजपा का समीकरण बदला
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के दिग्गज नेता लोबिन हेंब्रम के भाजपा में शामिल होने के बाद बोरियो विधानसभा सीट को लेकर असमंजस पैदा हो गया है. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, अब भाजपा से बोरियो सीट पर चुनाव लड़ने वाले नेताओं के पास दो विकल्प हैं: या तो वे निर्दलीय चुनाव में उतर सकते हैं, या फिर किसी अन्य दल में शामिल हो सकते हैं. झामुमो में भी स्थिति समान है, जहां कई दावेदार अब भी चुनावी मैदान में बने हुए हैं.
सूर्या हांसदा के राजनीति संकट में
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, झामुमो के दिग्गज विधायक लोबिन हेंब्रम भाजपा में टिकट मिलने की शर्त पर शामिल हुए हैं. इससे बोरियो विधानसभा सीट पर भाजपा के पूर्व उम्मीदवार सूर्या हांसदा की स्थिति पर प्रश्नचिह्न लग गया है. सूर्या हांसदा ने अपने बागी सुर दिखाते हुए चुनाव लड़ने का इरादा व्यक्त किया है. उनकी ओर से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है, जिससे भाजपा में टिकट को लेकर असमंजस और बढ़ गया है.
ताला मरांडी भी बोरियो सीट की रेस में
बोरियो विधानसभा सीट पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी भी दावेदारों में शामिल हैं. ताला मरांडी ने पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट कटने के बाद आजसू की ओर से बोरियो सीट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा में वापसी की और राजमहल सीट से टिकट प्राप्त किया. हालांकि, वे झामुमो के विजय हांसदा से बड़े अंतर से हार गए थे.अब देखने वाली बात होगी कि भाजपा बोरियो सीट के लिए ताला मरांडी को फिर से मौका देती है या नहीं, खासकर जब लोबिन हेंब्रम की भाजपा में शामिल होने से सीट की राजनीति में नया मोड़ आया है.
सलखान, प्रबोध और अनीता के नाम की भी चर्चा
भाजपा की बोरियो विधानसभा सीट पर टिकट के लिए कई नाम चर्चा में हैं. प्रदेश मंत्री और अधिवक्ता अनीता सोरेन, गोड्डा जिला एसटी मोर्चा अध्यक्ष प्रबोध सोरेन, और साहिबगंज जिला एसटी मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष सलखान सोरेन को संभावित दावेदारों के रूप में देखा जा रहा है. इन नामों के साथ-साथ टिकट के लिए राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई है, और पार्टी के भीतर संभावित उम्मीदवारों की चर्चा लगातार जारी है.
हेमलाल मुर्मू JMM के मजबूत दावेदार
बोरियो विधानसभा सीट के लिए झामुमो में हेमलाल मुर्मू का नाम सबसे अधिक चर्चा में है. हेमलाल मुर्मू क्षेत्र में सक्रिय हैं और झामुमो में वापसी के बाद पार्टी से बोरियो से टिकट की उम्मीद कर रहे हैं. वे पहले भी भाजपा के टिकट पर पांच बार चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई. इसके अलावा, वे झामुमो से कई बार बरहेट विधायक और राजमहल सांसद रह चुके हैं.
यदि हेमलाल मुर्मू को बोरियो सीट पर फिट नहीं माना जाता है, तो झामुमो केंद्रीय कमेटी सदस्य और बांझी के मुखिया स्टीफन मुर्मू भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं. इन नामों के बीच टिकट की संभावनाओं को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा जारी है.
भाजपा और JMM के बीच बोरियो में सीधी टक्कर
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बोरियो विधानसभा सीट पर इस बार सीधा मुकाबला झामुमो और भाजपा के बीच होने की संभावना है. टिकट की घोषणा के बाद दोनों दलों में भगदड़ मचने की उम्मीद है. चर्चा है कि झामुमो के प्रमुख नेता हेमंत सोरेन बोरियो सीट को बरहेट के बाद अपनी दूसरी सीट बना सकते हैं, खासकर यदि वे दुमका सीट को बसंत सोरेन के लिए छोड़ते हैं. इस स्थिति से राजनीतिक माहौल और भी गरमाने की संभावना है.