रांची : विधानसभा चुनाव 2924 में इस बार झारखंड की 15 ऐसी सीटें हैं जहां इस बार इंडिया और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए के बीच जोरदार लड़ाई होगी। क्योंकि, इस चुनाव में इन सीटों पर सियासी समीकरण बदल गया है। भाजपा-आजसू गठबंधन ने इन सीटों पर इस बार एनडीए को भी मजबूत कर दिया है। इसके अलावा, इन सीटों पर जयराम महतो की पार्टी भी चुनावी ताल ठोक रही है। माना जा रहा है कि जयराम महतो झामुमो के वोट काटेंगे। इस तरह, झामुमो का नुकसान हो सकता है। झामुमो भी इस स्थिति को भलीभांति समझ रहा है। झामुमो ने इसकी काट खोजनी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहले से ज्यादा मेहनत कर रहे हैं।
यहां एनडीए व इंडिया गठबंधन में होगी टक्कर
बड़कागांव, डुमरी, ईचागढ़, गांडेय, घाटशिला, जुगसलाई, खिजरी, मधुपुर, नाला और चक्रधरपुर ऐसी सीटें हैं जहां साल 2019 में जीत हासिल की थी। इन सीटों पर तब भाजपा और आजसू के उम्मीदवारों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। इस वजह से भाजपा और आजसू के वोटों का बंटवारा हो गया था। जबकि, यह दोनों पार्टियां हमेशा एक साथ चुनाव लड़ती थीं। मगर, 2019 में लोहरदगा सीट के लिए सहमति नहीं बन पाने पर आजसू गठबंधन से निकल गई थी और अकेले दम पर चुनाव लड़ा था। इस वजह से 2019 के चुनाव में दोनों पार्टियों को नुकसान हुआ था। इस साल आजसू और भाजपा फिर एक साथ आ गए हैं। इस वजह से कहा जा रहा है कि अब फिर दोनों दलों के वोटर एकजुट हो जाएंगे और इन सीटों पर समीकरण बदल सकता है।
इन सीटों पर भी एनडीए को लाभ
प्रदेश की मांडू, मनोहरपुर, टुंडी, मांडर और जगन्नाथपुर में भी चुनावी समीकरण बदल गए हैं। यहां भी एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है। मांडू में भाजपा के जेपी पटेल चुनाव जीते थे। उन्होंने आजसू उम्मीदवार को हराया था। जेपी पटेल को 49 हजार 855 जबकि, आजसू के निर्मल महतो को 47 हजार 793 वोट मिले थे। झामुमो का उम्मीदवार जेपी पटेल के बड़े भाई रामप्रकाश भाई पटेल तीसरे नंबर थे। उन्हें 44 हजार 768 वोट मिले थे। अब अगर भाजपा और आजसू के वोटों को जोड़ दिया जाए तो इस सीट पर एनडीए गठबंधन काफी मजबूत हो गया है। जेपी पटेल अब वह भाजपा में चले गए हैं। इस सीट पर महतो वोटरों की संख्या अधिक है। इस वजह से आजसू इस सीट पर दावा कर रही है।
जगन्नाथपुर में भाजपा का असर
जगन्नाथपुर में कांग्रेस को साल 2019 के चुनाव में जीत मिली थी। मगर, विधायक सोनाराम सिंकू कांग्रेस से भाजपा में आने वाले मधु कोड़ा के करीबी हैं। इस वजह से अब यह सीट भाजपा के असर में आ गई है। इस सीट से मधु कोड़ा खुद 2000 और 2005 में दो बार एक बार भाजपा और दूसरी बार निर्दलीय विधायक रह चुके हैं। मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा 2009 और 2014 में यहां से अपने पति की पार्टी जय भारत समानता पार्टी से जीत कर विधायक रह चुकी हैं। इस सीट पर मधु कोड़ा का अच्छा खासा प्रभाव है।
जयराम की वजह से भी बदल रहा माहौल
झारखंड की कई सीटों पर कुड़मी वोटरों का वर्चस्व है। इन सीटों पर जयराम महतो कारगर साबित हो सकते हैं। जयराम महतो झामुमो के वोट काटने के लिए तैयार बैठे हैं। खुद जयराम महतो हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में गिरीडीह से लड़े थे। यहां तीन लाख 40 हजार वोट मिले थे। इसी तरह, जयराम महतो रांची समेत कई सीटों पर अहम भूमिका निभाई थी। कहा जा रहा है कि जयराम महतो की पार्टी की वजह से भाजपा को झारखंड में लोकसभा की कई सीटें मिली थीं।